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    खेरागढ़ में वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य सेवाएं, नहीं मिल रहा इलाज

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 14 May 2021 06:12 AM (IST)

    सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर न आक्सीजन न गंभीर मरीजों के उपचार के इंतजाम

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    खेरागढ़ में वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य सेवाएं, नहीं मिल रहा इलाज

    जागरण टीम, आगरा। सड़क हादसे के घायल हों या फिर मरीज की चिंताजनक हालत। खेरागढ़ का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उन्हें उपचार देने में नाकाम साबित हो रहा है। यहां न पर्याप्त दवाएं हैं और न ही आक्सीजन की व्यवस्था। आपात स्थिति में भी मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा। उन्हें आगरा रेफर कर दिया जाता है। वेंटिलेटर पर गई स्वास्थ्य सेवाओं के आपरेशन की जरूरत है।

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    खेरागढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत कुल 36 ग्राम पंचायतें हैं। क्षेत्र में 40 से 50 लोग कोरोना संक्रमित भी हैं। बावजूद इसके सीएचसी को आदर्श नहीं बनाया जा सका है। क्षेत्र के ग्रामीण कहते हैं कि ऐसे में जब देहात अंचल के सीएचसी को कोविड हास्पिटल बनाया जा रहा है। वहां आक्सीजन, कंसंट्रेटर पहुंचाए जा रहे हैं तब भी खेरागढ़ सीएचसी के दिन नहीं बदले जा सके हैं। जनप्रतिनिधियों से कई बार शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। मजबूरी में इलाज के लिए आगरा के जिला अस्पताल जाना पड़ता है। अस्पताल में छोटे सिलिंडर तो हैं लेकिन उनमें आक्सीजन नहीं। ये हैं हालात

    सीएचसी में कुल बेड- 30

    कुल पाजिटिव केस- 40-50

    सीएचसी पर तैनात डाक्टर- 05

    पैरामेडिकल स्टाफ- 12 30 बेड के अस्पताल में फिलहाल कोई मरीज भर्ती नहीं है। सीएचसी को कोविड हास्पिटल बनाए जाने संबंधी अभी कोई आदेश नहीं मिला है।

    डा. बीके सोनी, सीएचसी प्रभारी, खेरागढ़ खेरागढ़ क्षेत्र में न आक्सीजन प्लांट है और न ही सीएचसी पर आक्सीजन की व्यवस्था। कोरोना संक्रमित केस बढ़ रहे हैं। सीएचसी को कोविड हास्पिटल बनाया जाना चाहिए।

    दिनेश गोयल, जिला उपाध्यक्ष भाजपा कोविड महामारी के दौर में प्रशासन ने खेरागढ़ की जनता को रामभरोसे छोड़ दिया है। सीएचसी पर पहुंचने वाले मरीजों को आगरा रेफर कर दिया जाता है। अफसर और जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे।

    वासुदेव प्रसाद शर्मा, सेवानिवृत्त अध्यापक क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और अधिकारियों से कई बार शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। सीएचसी पर इंतजाम नहीं तो इसे बंद कर देना चाहिए। अब जिले के अफसरों से शिकायत करेंगे।

    हरीश त्यागी, समाजसेवी कोरोना संक्रमित को होम आइसोलेट कर जिम्मेदारी से बचने का प्रयास किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा, निजी अस्पताल महंगे हैं। गरीबों की सुनवाई नहीं है।

    शत्रुघ्न सिंह, अध्यक्ष, बार एसोसिएशन खेरागढ़