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    पहली रिपोर्ट में पसली फ्रैक्चर, दूसरी में निकली सही

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 31 Aug 2017 01:58 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, आगरा: मारपीट के एक मामले से जिला अस्पताल में होने वाले फर्जी मेडिकल के खे

    पहली रिपोर्ट में पसली फ्रैक्चर, दूसरी में निकली सही

    जागरण संवाददाता, आगरा: मारपीट के एक मामले से जिला अस्पताल में होने वाले फर्जी मेडिकल के खेल का पर्दाफाश हो गया। जिला अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट में महिला की पसलियों में फ्रैक्चर दिखाया गया था। वहीं जब एसएन मेडिकल कॉलेज में मेडिकल बोर्ड ने जांच की तो पसलियां ठीक मिलीं।

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    ताजगंज के नगला मेवाती निवासी अजहर खान पुत्र खलीकुज्जमा खान का पत्‍‌नी राबिया से विवाद चल रहा है। पिछले साल दोनों पक्षों में मारपीट के बाद एनसीआर दर्ज हुई। इसके बाद ससुर ने कोर्ट के आदेश पर अजहर के खिलाफ राबिया के साथ मारपीट, दहेज उत्पीड़न, मारपीट और गालीगलौज की धारा में मुकदमा दर्ज कराया। इसमें मेडिकल रिपोर्ट भी लगाई गई। 25 जनवरी 2017 को जिला अस्पताल से सपलीमेंटरी मेडिकल रिपोर्ट में पसली की हड्डी टूटी बताई गई। इसके आधार पर मुकदमे में आइपीसी की धारा 325 बढ़ दी गई। न्यायालय से इस मेडिकल रिपोर्ट की जानकारी होने पर अजहर ने जिलाधिकारी को री मेडिकल के लिए प्रार्थना पत्र लिखा। उनके आदेश पर 28 जुलाई को एसएन मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के बोर्ड ने मेडिकल किया। इसमें राबिया की पसली ठीक पाई गई। अजहर का कहना है कि फर्जी मेडिकल कराने में राबिया, उसके परिवार के लोग और फर्जी मेडिकल करने वाले डॉ. केसी धाकड़ और डॉ. आरबी सिंह जिम्मेदार हैं। उन्होंने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को ताजगंज में तहरीर दी है। इंस्पेक्टर ताजगंज राजा सिंह ने बताया कि बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर मुकदमे से आइपीसी की धारा 325 हटा दी गई है। डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई मुख्य चिकित्साधिकारी के स्तर से की जानी है।

    नहीं होती है कार्रवाई

    जिला अस्पताल में फर्जी मेडिकल का खेल पहले भी पकड़ा जा चुका है। यहां रुपये देकर आसानी से फर्जी मेडिकल तैयार हो जाता है। मामला खुलने के बाद भी जिम्मेदार लैब टैक्नीशियन और डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं होती है।

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