Nautapa 2022: नौ दिन सताएगी गर्मी, रहें सावधान नहीं तो पड़ सकते हैं बीमार
Nautapa 2022 Start Date Today 26 May नौतपा के दिनों में शरीर में पानी की कमी न होने दें अन्यथा आपको नुकसान हो सकता है। तापमान बढ़ने से शरीर डिहाइड्रेट हो सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरूरी है।
आगरा, जागरण टीम। ज्येष्ठ महीने में सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा शुरू हो जाता है। इस बार 25 मई को ही सूर्य ने रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश किया है। इन दिनों के प्रथम 9 दिन यानी 25 मई से 2 जून तक नौतपा शुरू हो गए। नौतपा एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है।
सूर्य के नक्षत्र बदलते ही नौतपा शुरू हो जाते हैं। इसकी वजह यह है कि इस दौरान सूर्य की लंबवत किरणें धरती पर पड़ती हैं। लेकिन इस बार शुक्र तारा अस्त होने से इसका प्रभाव कम रहेगा। ज्योतिष गणना के अनुसार, जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों के लिए आता है तो उन पंद्रह दिनों के पहले नौ दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं।
इन्हीं शुरुआती नौ दिनों को नौतपा के नाम से जाना जाता है। खगोल विज्ञान के अनुसार, इस दौरान धरती पर सूर्य की किरणें सीधी लम्बवत पड़ती हैं। जिस कारण तापमान अधिक बढ़ जाता है। कई ज्योतिषी मानते हैं कि यदि नौतपा के सभी दिन पूरे तपें, तो यह अच्छी बारिश का संकेत होता है।
शरीर का रखें ध्यान
इन दिनों में शरीर तेजी से डिहाइड्रेट होता है, जिसके कारण डायरिया, पेचिस, उल्टियां होने की संभावना बढ़ जाती हैं। इसलिए नीबू-पानी, लस्सी, मट्ठा (छांछ), खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजे का भरपूर प्रयोग करें। बाहर निकलते समय सिर को ढक कर रखें। एक दूसरे दृष्टिकोण के अनुसार चंद्रमा जब ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आर्द्रा से स्वाति नक्षत्र तक अपनी स्थितियों में हो एवं तीव्र गर्मी पड़े, तो वह नौतपा है।
मानना है कि सूर्य वृष राशि में ही पृथ्वी पर आग बरसाता है और खगोल शास्त्र के अनुसार वृषभ तारामंडल में यह नक्षत्र हैं कृतिका, रोहिणी और मृगशिरा जिसमें कृतिका सूर्य, रोहिणी चंद्र, मृगशिरा मंगल अधिकार वाले नक्षत्र हैं इन तीनों नक्षत्रों में स्थित सूर्य गरमी ज्यादा देता है ।
नौतपा की पौराणिक परंपरा
परंरपरा के अनुसार नौतपा के दौरान महिलाएं हाथ पैरों में मेहंदी लगाती हैं। क्योंकि मेहंदी की तासीर ठंडी होने से तेज गर्मी से राहत मिलती है। इन दिनों में पानी खूब पिया जाता है और जल दान भी किया जाता है ताकि पानी की कमी से लोग बीमार न हो। इस तेज गर्मी से बचने के लिए दही, मक्खन और दूध का उपयोग ज्यादा किया जाता है। इसके साथ ही नारियल पानी और ठंडक देने वाली दूसरी और भी चीजें खाई जाती हैं।
शुक्र तारा अस्त होने का प्रभाव
इस बार नौतपा के दौरान 30 मई को शुक्र ग्रह वक्री होकर अपनी ही राशि में अस्त हो जाएगा और सूर्य के साथ रहेगा। रोहिणी नक्षत्र का का स्वामी ग्रह चंद्रमा है। सूर्य के साथ शुक्र भी वृषभ राशि में रहेगा। शुक्र रस प्रधान ग्रह है, इसलिए वह गर्मी से राहत भी दिलाएगा।
इसलिए देश के कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी और कुछ जगहों पर तेज हवा और आंधी-तूफान के साथ बारीश होने की संभावना ज्यादा है। नौतपा के आखिरी दो दिन तेज हवा-आंधी चलने व बारिश होने के भी योग बन रहे हैं। वराहमिहिर के बृहत्संहिता ग्रंथ में ने बताया है कि ग्रहों के अस्त होने से मौसम में बदलाव होता है।
बारिश के योग
इस वर्ष प्रमादी नामक संवत्सर के राजा बुध है और रोहिणी का निवास संधि में है। इससे बारिश तो समय पर आ जाएगी लेकिन कहीं पर ज्यादा तो कहीं पर कम बारिश हो सकती है। इस बार देश के रेगिस्तानी और पर्वतीय इलाकों में ज्यादा बारिश हो सकती है। बारिश के कारण अनाज और धान की पैदावार अच्छी रहेगी। धान्य, दूध व पेय पदार्थों में तेजी रहेगी। जौ, गेंहू, राई, सरसों, चना, बाजरा, मूंग की पैदावार ठीक होगी।
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।