Nautapa 2022: पढ़िए क्या है नौतपा और बढ़ते तापमान से इसका संबंध, गर्मी में ऐसे रखें स्वास्थ्य का ध्यान
Nautapa 2022 बुधवार से शुरु होगा नौ दिन का नौतपा लोगों को और अधिक परेशान कर सकती है गर्मी। तेज धूप और उमस करेगी बेहाल एक बार फिर से बढ़ेगा तापमान। बच्चों को इन दिनों खास बचाव की जरूरत होती है। ऐसे में स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरूरी है।
आगरा, जागरण टीम। इस साल तो गर्मी ने सारे रिकार्ड तोड़ डाले हैं। कई बार अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा चुका है। एक- दो बार 47 डिग्री सेल्सियस से आगे गए तापमान के ऐसे मिजाज से गर्मी का असर भी तीखा ही रहा। अब 25 मई से नौतपा शुरू होंगे। ऐसे में गर्मी एक बार फिर से शरीर को झुलसा सकती है। इस बार नौतपा में अधिकतम तापमान 47 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है।
दो जून तक चलेंगे नौतपा
दो जून तक चलने वाले नौतपा के दौरान तेज धूप और उमस नागरिकों को खूब सताएगी। मौसम विभाग का भी मई में भी प्रचंड गर्मी पड़ने का पूर्वानुमान है। वैसे, पिछले साल मई में अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस पहुंचा था, जबकि इस बार तो अप्रैल में ही तापमान 47.2 डिग्री सेल्सियस का आंकड़ा छू चुका है।
कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी नरेंद्र कुमार के अनुसार, बीते चार-पांच दिनों में पश्चिमी विक्षोभ की वजह से मौसम में कुछ बदलाव आया है। बादल, बूंदाबांदी और बारिश की वजह से अधिकतम तापमान 45 से 46 डिग्री सेल्सियस से कम होते- होते अब 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे आ गया है।
फिर बढ़ेगा तापमान
आगामी दिन में गर्म हवाओं के चलते फिर से तापमान में बढ़ोतरी होगी। 25 मई से नौतपा शुरू हो रहे हैं। ऐसे में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार जा सकता है तो न्यूनतम तापमान और बढ़ सकता है। इन दिनों में उमस भी नागरिकाें को सताएगी।
क्या है नौतपा
नौतपा साल के वह 9 दिन होते हैं जब सूर्य पृथ्वी के सबसे नजदीक रहता है जिस कारण से इन 9 दिनों में भीषण गर्मी पड़ती है। इसी कारण से इसे नौतपा कहते हैं। सूर्य के वृष राशि के 10 अंश से 23 अंश 40 कला तक नौतपा कहलाता है।
बीमारियों से करें बचाव
इन दिनों शरीर तेजी से डिहाइड्रेट होता है जिसके कारण डायरिया, पेचिस, उल्टियां होने की संभावना बढ़ जाती है। इसी कारण बढ़ोत्तरी से डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
एसएन के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज यादव ने बताया कि बच्चों को धूप से बचाने के साथ बाजार के खाद्य पदार्थ का सेवन ना कराएं। इससे डायरिया होने की आशंका बढ़ रही है। नींबू पानी, लस्सी, मट्ठा (छांछ), खीरा, ककड़ी, तरबूज मौसमी फलों का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें। बाहर निकलते समय शरीर को ढंककर रखें।