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    Encounter in Agra: रंगबाज से कुख्यात बदमाश बना था मुकेश ठाकुर, 19 वर्ष तक खेलता रहा पुलिस से आंख मिचौनी

    By Prateek GuptaEdited By:
    Updated: Tue, 31 Aug 2021 08:57 AM (IST)

    तीन राज्यों की पुलिस का बना था सिरदर्द पेरौल पर छूटने के बाद कर रहा था दनादन वारदात। फिरौती को अपहरण भाड़े पर हत्या और डकैती जैसी सनसनीखेज वारदात करता ...और पढ़ें

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    पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया कुख्‍यात मुकेश ठाकुर।

    आगरा, यशपाल चौहान। मजबूत कद काठी वाला मुकेश ठाकुर 25 वर्ष की उम्र से ही रंगबाजी करने लगा था। पहले उसने रंगबाजी में गांव में मारपीट की। मुकदमा दर्ज होने पर जेल गया। इसके दो वर्ष बाद ही उसने रंजिश में एक व्यक्ति की गांव में हत्या कर दी। इसके बाद वह अपराध की दुनिया में उतर गया। 19 वर्ष के अपने आपराधिक इतिहास में उसने अपहरण, हत्या, डकैती समेत कई अन्य संगीन अपराध किए। सोमवार को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर करके उसके आतंक का अंत कर दिया।

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    एसएसपी मुनिराज जी. ने बताया कि मुकेश ठाकुर अभी 44 वर्ष का था। उसने वर्ष 2002 में पहला अपराध गांव में एससी के व्यक्तियों से मारपीट का किया था। इसके बाद वर्ष 2003 और 2004 में भी उसने रंगबाजी में मारपीट की। इन मामलों में पुलिस ने उसे जेल भेजा। इसके बाद उसने वर्ष 2004 में गांव के ही रामचरन जाटव की हत्या कर दी। इस मामले में पुलिस ने उसे जेल भेजा। जेल से रिहा होने के बाद वर्ष 2005 में उसने फिर जानलेवा हमला बोला। इसके बाद वह रंगदारी वसूलने लगा। वर्ष 2006 में उसने बसेड़ी थाना क्षेत्र में ही डकैती डाली। इसके बाद दनादन फिरौती के लिए अपहरण, भाड़े पर हत्या और डकैती डालता रहा। सर्वाधिक घटनाएं उसने धौलपुर क्षेत्र में कीं। गैंग बनाकर उसने मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी कई घटनाएं कीं। धौलपुर क्षेत्र के बीहड़ में उसने अपना ठिकाना बना लिया था। एक राज्य में घटना करने के बाद वह दूसरे राज्य की सीमा में नया ठिकाना बना लेता था। इसलिए पुलिस उसे पकड़ नहीं पा रही थी। कई बार वह पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया। पुलिसकर्मियों की रायफल भी लूट चुका था। गैंग के सदस्यों के जेल जाने पर वह नए सदस्य बना लेता था। मुकेश ठाकुर गैंग के अधिकांश सदस्य वर्तमान में जेल में हैं। उसके द्वारा पूछताछ में बताई गईं रायफल बरामद करने के प्रयास चल रहे हैं।

    भाई भी रहा घटनाओं में शामिल

    मुकेश के तीन भाई और हैं। इनमें बड़ा भाई सुरेश धौलपुर में रहता है। वह अपहरण की घटनाओं में शामिल रहा है। अभी जेल से बाहर है। दिव्यांग भाई महेश और छोटा भाई देवेंद्र सूरत में रहते हैं।उसके पिता विद्याराम ठाकुर और मां ओमवती गांव में ही रहती हैं। वर्ष 2009 में पुलिस हिरासत से भागने के बाद मुकेश सूरत में ही रुका था। वहां आटो चलवाता था। यूपी एसटीएफ और धौलपुर पुलिस ने उसे वर्ष 2011 में सूरत से गिरफ्तार किया था।

    ये हैं बड़े अपराध

    - वर्ष 2004 में अपने गांव के ही रामचरन जाटव की हत्या की थी। इससे चार दिन पहले विवाद हुआ था। इसके बाद ही हत्या कर दी। इस केस में आजीवन कारावास हो चुका था।पेरौल पर छूट गया। इसके बाद कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ।

    - वर्ष 2009 में धौलपुर के सहपऊ थाना क्षेत्र के कैंथरी गांव के पास से मुकेश ठाकुर दो पुलिसकर्मियों की रायफल लूटकर फरार हो गया।

    - वर्ष 2010 में अपने गांव में थान सिंह की हत्या कर दी। इसी वर्ष धौलपुर के कुख्यात जगन सिंह के भांजे भूरा गुर्जर की हत्या कर दी।

    - वर्ष 2010 में मप्र के भिंड से तीन लड़कों का अपहरण किया। इनके स्वजन से 12 लाख की फिरौती वसूली और छोड़ दिया।

    - वर्ष 2010 में अपने गांव के ही मुन्ना सेठ का अपहरण कर 10 लाख रुपये की फिरौती वसूली।

    - वर्ष 2011 में धौलपुर पुलिस और यूपी एसटीएफ ने सूरत से पकड़ा था। रायफल बरामद हो गईं। इसके बाद जेल भेज दिया।

    - वर्ष 2019 में वह पेरौल पर रिहा हुआ था। इसके बाद कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। पुलिस ने गिरफ्तारी के प्रयास किए, लेकिन नहीं पकड़ा गया। तभी से वह फरार था।

    - 13 नवंबर 2020 को जगनेर में पेट्रोल पंप का कैश और गार्ड की बंदूक लूट ली।

    - 13 फरवरी 2021 काे छत्ता के काला महल में रामा ट्रेडर्स के कर्मचारी रामचंद्र कुकरेजा को मुकेश ठाकुर गैंग के बदमाशों ने सुपारी लेने के बाद गोली मारी थी। किस्मत से वे बच गए।

    - 15 फरवरी को इरादत नगर स्थित केनरा बैंक में दिनदहाड़े फायरिंग कर डकैती डाली।