Agra Fort; अंग्रेजों ने मलबा डालकर दबा दिया था, एएसआई की खाेदाई में अब मीना बाजार में निकला मुगलकाल का फर्श
Agra Fort ब्रिटिश काल में मूल फर्श के ऊपर मलबा डालकर रास्ते और उसके दोनों तरफ की साइड के लेवल को ऊंचा कर दिया गया था। उसे हटाते हुए अब अब मुगलकालीन फर्श को मूल स्वरूप में संरक्षित किया जाएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा मीना बाजार में मोती मस्जिद के सामने वाले भाग में काम किया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, आगरा। आगरा किला के मीना बाजार में मोती मस्जिद के सामने प्राचीन मुगलकालीन फर्श मिला है। इसमें रास्ते का भाग पत्थरों और उसकी साइड लाखौरी ईंटों की बनी हुई हैं।
एएसआइ ने यहां मूल फर्श की तलाश में दो जगह ट्रेंच लगवाकर देखे गए थे। उसमें एक से डेढ़ फीट की गहराई में मुगलकालीन मूल फर्श के साक्ष्य मिले। इसके बाद यहां खोदाई की गई।
एएसआइ ने 55 मीटर लंबा और 29 मीटर चौड़ा मूल फर्श मीना बाजार में निकाला है। इसमें रास्ता तो पत्थरों का बना हुआ है और उनके बीच-बीच में आड़े पत्थर भी लगे हुए हैं। रास्ते के दोनों ओर किनारों पर लाखौरी ईंटों का काम हो रहा है।
अधीक्षण पुरातत्वविद डा. राजकुमार पटेल ने बताया कि मीना बाजार आगरा किला की महत्वपूर्ण जगह है। इसे मूल स्वरूप में संरक्षित किया जाएगा।
मीना बाजार में लगता था बाजार
मीना बाजार में मोती मस्जिद से दिल्ली दरवाजे की तरफ जाने वाले रास्ते पर दोनों ओर काेठरियां बनी हुई हैं। मीना बाजार तीन कांप्लेक्स में बंटा है। यहां कोठरियों के आगे सामान रखने की जगह भी है। मुगल काल में यहां दरबारियों के परिवार की महिलाएं बाजार लगाया करती थीं। वर्ष 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों को आगरा किला में शरण लेने को विवश होना पड़ा था।
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मलबा डालकर किया लेवल ऊंचा
उस समय मीना बाजार में अस्पताल बनाया गया था। रास्ते के कोठरियों से काफी नीचा होने की वजह से मलबा डालकर रास्ते और उसकी साइड के फर्श का लेवल ऊंचा कर दिया गया था। दिल्ली गेट की तरफ स्थित दो कांप्लेक्स पहले ही मूल स्वरूप में संरक्षित किए जा चुके हैं।
पर्यटकों के लिए खोलने की उठती रही है मांग
मीना बाजार से आगरा किला का इतिहास जुड़ा है। पर्यटन संस्थाएं इसे पर्यटकों के लिए खोलने की मांग उठाती रही हैं। मोती मस्जिद से मीना बाजार होते हुए रास्ता दिल्ली गेट तक जाता है। अगर इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया जाए तो पर्यटकों को अमर सिंह गेट से प्रवेश देकर दिल्ली गेट से बाहर निकाला जा सकता है। इससे पर्यटक यहां अधिक समय तक रुकेंगे। वर्तमान में अमर सिंह गेट से ही प्रवेश व निकास होता है।
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