आगरा में तोड़ा जा रहा मुगलकालीन हमाम, 16 वीं शताब्दी में हुआ था निर्माण; अधिकारी बोले- कराएंगे निरीक्षण
Agra News आगरा की उपेक्षित विरासतों में से एक है मुगलकालीन हमाम। 16वीं शताब्दी का यह स्मारक लाखौरी ईंटों और लाल बलुई पत्थरों से बना है। लेकिन देखरेख के अभाव में यह अपने वजूद को बचाने की जंग लड़ रहा है। अब एक बिल्डर द्वारा इसे तोड़ा जा रहा है। इंटरनेट मीडिया में हमाम को बचाने की अपील की जा रही है।

जागरण संवाददाता, आगरा। ताजनगरी में उपेक्षित विरासतों की लंबी शृंखला है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) और राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित स्मारकों की सूची में शामिल नहीं किए गए स्मारकों का अस्तित्व मिट रहा है। छीपीटोला स्थित हमाम का संरक्षण नहीं किया गया। अब बिल्डर द्वारा इसे तोड़ा जा रहा है। इंटरनेट मीडिया में हमाम को नष्ट होने से बचाने की अपील का संदेश प्रसारित हुआ है।
छीपीटोला में मुगलकालीन हमाम है। 16वीं शताब्दी का यह स्मारक लाखौरी ईंटों और लाल बलुई पत्थरों का बना हुआ है। कुछ वर्ष पूर्व तक यह अच्छी स्थिति में था, लेकिन देखरेख के अभाव में स्मारक अपने वजूद को बचाने की जंग लड़ रहा है। यहां नया निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए गेट को तोड़ा जा रहा है।
उसके अंदर लाखौरी ईंटों का ढेर लगा हुआ है। यहां गेट लगाकर निजी संपत्ति हमाम गेट छीपीटोला और बिना अनुमति के प्रवेश निषेध होने की बात लिख दी गई है। गेट पर मालिक का नाम सुरेशचंद कुशवाहा लिखा हुआ है। इंटरनेट मीडिया में शाही हमाम को बिल्डर द्वारा तोड़ने का हवाला देकर संदेश प्रसारित किया गया है। इसमें स्मारक को 16वीं शताब्दी का बताते हुए हमाम को बचाने के लिए संपर्क में रहने की बात कही गई है।
विरासत को संरक्षित होना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट में ताज ट्रेपेजियम जोन में विरासतों के संरक्षण का दावा केंद्र व राज्य सरकार ने कर रखा है। वर्ष 2018 में बनाए गए विजन डाक्यूमेंट में भी विरासत को संरक्षित करने की बात कही गई थी। इसके बाद भी यहां विरासत का संरक्षण नहीं किया जा रहा है।
अधीक्षण पुरातत्वविद, डॉ. राजकुमार पटेल ने बताया
हमाम संरक्षित नहीं है। टीम भेजकर निरीक्षण कराया जाएगा। विरासत को नष्ट होने से बचाने की जरूरत महसूस होने पर प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क किया जाएगा।
सुरेशचंद कुशवाहा, संपत्ति स्वामी, ने बताया
हमाम गेट को उन्होंने कई वर्ष पूर्व खरीदा था। डीएम द्वारा इसकी दो बार जांच कराई जा चुकी है। इसे निर्माण के लिए तोड़ा जा रहा है। विरासत होने की अफवाह उड़ाई जा रही है।
अतिक्रमण, गड्ढा मुक्त हों वृंदावन के सभी मार्ग: नगर आयुक्त
वहीं वृंदावन के सभी मार्ग गड्ढा और अतिक्रमण मुक्त हों। श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की समस्या न होने पाए। नालियों की निरंतर सफाई करने के साथ ही सिल्ट उठाने का कार्य किया जाए। कार्य में लापरवाही पर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी।
नगर आयुक्त शशांक चौधरी बुधवार को वृंदावन जोनल कार्यालय पहुंचे। यहां सफाई, पेयजल, प्रकाश एवं पेचवर्क कार्य की समीक्षा की। उन्होंने कहा, प्रमुख मंदिरों के समय सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। कहीं भी गंदगी एवं कूड़ा नहीं मिलना चाहिए। नालियों की निरंतर सफाई कराई जाए। सिल्ट का उठान भी सफाई के साथ किया जाए, इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
उन्होंने कहा वृंदावन जोन क्षेत्र के सभी मार्ग गड्ढा मुक्त कराए जाएं। किसी भी मार्ग एवं परिक्रमा मार्ग में गड्ढा नहीं रहे। साथ ही अभियान चलाकर अतिक्रमण हटवाया जाए। जिन दुकानदारों द्वारा मार्ग पर अतिक्रमण कर रखा है, उन पर कार्रवाई की जाए। प्रकाश विभाग को निर्देश दिए कि हर मार्ग एवं प्रमुख गली में स्ट्रीट लाइट लगवाई जाएं। खराब लाइटों को बदलवाया जाए, कहीं भी अंधेरा न रहे।
इसके लिए अधिकारियों को रात में निरीक्षण करने को कहा। अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार, सहायक नगर आयुक्त अनुज कौशिक, अधिशासी अभियंता रामकैलाश, एक्सईएन मोद नारायण झा, क्षेत्रीय स्वास्थ्य अधिकारी महेश चंद्र, गोपाल सिंह मौजूद रहे।
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