Fake Medicine Syndicate: एसटीएफ की रडार पर 50 संदिग्ध, आगरा नकली दवा सिंडिकेट के सदस्यों को पकड़ने की तैयारी
आगरा में नकली दवा सिंडिकेट से जुड़े 50 संदिग्ध एसटीएफ के रडार पर हैं। एसटीएफ उनकी संलिप्तता की जांच कर रही है और सिंडिकेट के अन्य सदस्यों तक पहुंचने के लिए सीडीआर और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें गठित की गई हैं और संभावित ठिकानों पर दबिशें दी जा रही हैं।
जागरण संवाददाता, आगरा। नकली दवा सिडिंकेट से जुड़े 50 संदिग्ध एसटीएफ की रडार पर हैं। एसटीएफ इनकी संलिप्तता की जांच कर रही है। सिडिंकेट के अन्य सदस्यों तक पहुंचने के लिए एसटीएफ आरोपितों की सीडीआर और हे मां मेडिको व बंसल मेडिकल एजेंसी की दुकानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है। वहीं चार टीमें सिडिंकेट के सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हैं।
मंगलवार को एसटीएफ के अलावा कोतवाली पुलिस ने आरोपितों की तलाश में संभावित स्थानों पर दबिशें दीं। जान पहचान के लोगों से पूछताछ की गई। दूसरी ओर औषधि विभाग की टीम हे मां मेडिको और बंसल मेडिकल एजेंसी के गोदामों में दवाइयों की जांच में जुटी रही। जांच पूरी होने के बाद इस मामले में तीसरा मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
आरोपितों की खंगाली जा रही सीडीआर, दुकानों के चेक किए जा रहे सीसीटीवी
नकली दवा सिडिंकेट के खिलाफ शुक्रवार शाम से शुरू हुई औषधि विभाग की कार्रवाई मंगलवार को भी जारी रही। औषधि विभाग की टीम ने कोतवाली क्षेत्र में स्थित हे मां मेडिको और बंसल मेडिकल एजेंसी के गोदामों पर दिनभर दवाओं की जांच की। वहीं दूसरी ओर नकली दवा सिडिंकेट में शामिल आरोपित एमएस लाजिस्टिक कंपनी संचालक सुल्तानपुरा निवासी यूनिश व वारिश पुत्रगण खलील व जगदीशपुरा के लड़ामदा निवासी फरहान व हिमांशु की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ, कोतवाली की दो टीमें व सर्विलांस टीम लगी हुई हैं।
एसटीएफ और कोतवाली पुलिस ने मंगलवार को आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए संभावित स्थानों पर दबिशें दीं। हालांकि आरोपित पुलिस और एसटीएफ के हाथ नहीं आए। सर्विलांस टीम की मदद से पुलिस आरोपितों तक पहुंचने की कोशिश में जुटी है।
50 लोगों को किया गया है चिन्ह्रित
सूत्रों के अनुसार एसटीएफ ने अब तक 50 ऐसे लोगों को चिह्नित किया है, जिनकी संलिप्तता नकली दवा कारोबार में हैं। काल डिटेल के जरिए एसटीएफ उन लोगों का सुराग लगा रही है जो हिमांशु अग्रवाल के साथ ही अन्य आरोपितों के संपर्क में हैं। पूर्व में आगरा में पकड़े गए नकली दवाइयों के मामलों की भी एसटीएफ केस हिस्ट्री देख रही है। सूत्रों के अनुसार अन्य दवा कारोबारियों पर भी शिकंजा कस सकता है।
लखनऊ पुलिस से मांगा सहयोग
नकली दवा की खरीद फरोखत और सप्लाई के मामले में छह लोगों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज है। मुख्य आरोपित हिमांशु अग्रवाल को एक करोड़ रुपये की रिश्वत देने के मामले में जेल भेजा जा चुका है। दो आरोपित लखनऊ के हैं।
पुलिस को लखनऊ के पार्वती ट्रेडर्स के मालिक सुभाष कुमार निवासी जयप्रकाश नगर आलमबाग लखनऊ व न्यू बाबा फर्म के मालिक विक्की कुमार निवासी आशियाना सेक्टर एडीए कॉलोनी लखनऊ की भी तलाश है। आरोपित दोनों दवा कारोबारियों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ लखनऊ और स्थानीय पुलिस से सहयोग मांगा गया है। सूत्रों के अनुसार लखनऊ की टीमें दोनों आरोपितों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हैं।
बंद हैं आरोपितों के मोबाइल
नकली दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद से ही इस सिडिंकेट से जुड़े लोग फरार हैं। पुलिस के अनुसार आरोपितों के मोबाइल फोन बंद हैं। कुछ के घर में ताले लटक रहे हैं। ऐसे में सर्विलांस टीम उनकी लोकेशन तलाशने में जुटी है, लेकिन मोबाइल बंद होने के कारण सफलता नहीं मिल रही है।
दवा बाजार खुला, दहशत में हैं व्यापारी
औषधि विभाग और एसटीएफ की कार्रवाई से दवा कारोबारियों में दहशत कम नहीं हुई है। शुक्रवार को हुई कार्रवाई के बाद फव्वारा व आसपास स्थित दवा की प्रमुख दुकानें बंद रही थीं। मंगलवार को फव्वारा क्षेत्र की दवा की दुकानें खुलीं, लेकिन कारोबारी डर और सहमे हुए नजर आए। औषधि विभाग की टीम को देखकर दुकानदारों को जांच का डर सताने लगता।
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