Agra Lockdown Update Part 2: लक्ष्मण रेखा लांघने में चार हजार मुकदमे, छह हजार गिरफ्तार
आगरा जोन में ताजनगरी में दर्ज हुए हैं सबसे अधिक मुकदमे। गिरफ्तारी में अलीगढ़ सबसे आगे। शासन को हर दिन तीन बार भेजी जा रही रिपोर्ट लखनऊ से रखी जा रही न ...और पढ़ें

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना के संक्रमण से बचाने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घरों के बाहर लक्ष्मण रेखा खींच दी। उन्होंने बाहर न निकलने की नसीहत के साथ लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसके बाद भी जोन में हजारों लोगों ने लक्ष्मण रेखा लांघ दी। एक माह पूरा होने से पहले गुरुवार तक चार हजार से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसमें आगरा में सबसे अधिक 1125 मुकदमे दर्ज हुए हैं। जोन में छह हजार से अधिक लोगों को पुलिस गिरफ्तार भी कर चुकी है।
लॉकडाउन में लोग तरह-तरह के बहाने बनाकर सड़कों पर निकल रहे थे। पुलिस की सख्ती के बाद भी वे नहीं माने तो कार्रवाई शुरू हो गई। गलियों के बाहर भीड़ लगाने वालों से लेकर दुकानों पर भीड़ लगाने वाले लोगों पर लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में कार्रवाई हुईं। इनके खिलाफ आइपीसी की धारा 188, 269, 270 के तहत मुकदमे दर्ज किए गए। आगरा में यह संख्या 1125 तक पहुंच गई। सबसे कम मुकदमे हाथरस में 158 हुए हैं। गिरफ्तारी के मामले में जोन में सबसे ऊपर अलीगढ़ रहा। यहां 1871 लोग गिरफ्तार हुए।
बोलते आंकड़े
जनपद, मुकदमे, गिरफ्तारी,
आगरा, 1125, 454
मथुरा, 604, 974
मैनपुरी, 131,457
फीरोजाबाद, 760, 1523
अलीगढ़, 986,1871
एटा, 232, 576
हाथरस, 158, 557
कासगंज, 600,192
(एडीजी जोन के कार्यालय में गुरुवार को सुबह 11 बजे तक प्राप्त आंकड़े)
ये है कानून
- धारा 188 आइपीसी- सरकार द्वारा घोषित आदेश का उल्लंघन करना। यह संज्ञेय की श्रेणी में है पर जमानती है।
-धारा 269 आइपीसी- लापरवाही से जीवन के लिए खतरनाक किसी भी बीमारी के संक्रमण को फैलाने की संभावना वाले किसी कार्य को करना।
सजा- छह माह तक की कैद या जुर्माना, या दोनों।
- धारा 270 आइपीसी- जीवन के लिए खतरनाक किसी भी बीमारी के संक्रमण को फैलाने की संभावना के लिए ज्ञात किसी भी कार्य को करना।
सजा- दो वर्ष कैद या जुर्माना
- धारा 271 आइपीसी- जानबूझकर किसी संगरोध नियम की अवज्ञा करना।
सजा- छह माह की कैद, जुर्माना या दोनों।
सात और बंदी अस्थायी जेल भेजे गए
लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर सात और बंदी अस्थाई जेल भेजे गए हैं। हरीपर्वत क्षेत्र में एमडी जैन इंटर कॉलेज में बनी अस्थायी जेल में गुरुवार को बंदियों की संख्या बढ़ गई है। वहीं जिला जेल में निरुद्ध चार आरोपितों को जमानत पर रिहा कर दिया गया। अस्थायी जेल एमडी जैन इंटर कॉलेज में अब तक 14 बंदियों को निरुद्ध किया जा चुका है। सदर के चांदी कारखाने में चोरी के मामले में पांच आरोपितों समेत सात लोगों को बुधवार यहां भेजा गया था। अस्थायी जेल में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यहां डिप्टी जेलर और बंदी रक्षकों के अलावा पीएसी तैनात की गई है। जबकि एसीएम को जेल अधीक्षक बनाया गया है। वहीं जिला जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा के अनुसार यहां निरुद्ध चार और आरोपितों को गुरुवार रिहा कर दिया गया। इन आरोपितों की जमानत 15 मार्च के बाद स्वीकृत हुई थी। लॉकडाउन के चलते वह अपना जमानतनामा दाखिल नहीं कर सके थे।
एक दिन में 233 लोग हुए होम क्वारंटाइन
कोरोना की रोकथाम के लिए तेजी से लोगों को होम क्वारंटाइन कराया जा रहा है। गुरुवार को हॉटस्पॉट जोन में पुलिस-प्रशासन और मेडिकल की टीम ने थर्मल स्क्रीनिंग की। खांसी, जुकाम बुखार के कई मरीज मिले। इन्हें होम क्वारंटाइन कराया गया। क्योंकि इन लोगों की ऐसी हिस्ट्री नहीं थी कि यह अन्य पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आए हों। सुबह से लेकर रात तक चले अभियान में गुरुवार को 233 लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया। शहर में अब तक 6866 और देहात क्षेत्र में 5304 लोगों को क्वारंटाइन कराया जा चुका है। अब तक कुल 12170 लोग होम क्वारंटाइन हुए हैं।
47 लोग हुए मेडिकल क्वारंटाइन
गुरुवार को 47 लोगों को मेडिकल क्वारंटाइन किया गया। अब तक 1293 लोगों को क्वारंटाइन किया जा चुका है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।