मोनू ने 15 मिनट में बचाई पांच जिंदगी, कुदरत ने छीनीं
जान की परवाह किए बिना लगा दी छलांग रस्सी के सहारे कपड़े पकड़कर आधी दूरी तक लाया फिर ग्रामीणों ने खींचा
जागरण टीम, आगरा। गड्ढे में गिरकर बेहोश होते लोग, मौके पर मचा कोहराम और इधर-उधर दौड़ते ग्रामीण। जब किसी को कुछ सूझ नहीं रहा था, तब गड्ढे में गिरे लोगों को बचाने के लिए 22 वर्षीय मोनू आगे आया। अपनी जान की परवाह किए बिना मुंह पर कपड़ा बांधकर उसने महज 15 मिनट के भीतर पांचों बेहोश लोगों को बाहर निकाल लिया। उसने सोचा भी नहीं होगा कि जिन पांच लोगों की सांसें उसने बचाई हैं, कुदरत उन्हें छीन लेगी। हालांकि अब गांव में उसकी बहादुरी की चर्चा हो रही है।
फतेहाबाद के प्रतापपुरा गांव में गड्ढे में गिरे सोनू समेत पांचों लोगों को बाहर निकालने के लिए ग्रामीण रणनीति बना रहे थे। इसी बीच मोनू पहुंच गया। उसने बगैर एक पल भी गंवाए दो रस्सियों की व्यवस्था की। एक को अपनी कमर से बांधा, उसका सिरा ग्रामीणों को पकड़ाया और दूसरी रस्सी को गड्ढे में डाल दिया। गांव के ही भूपेंद्र शर्मा, उमाशंकम, संदीप, दीनानाथ, सचिन, आशाराम और सूरज को समझाया, 'मैं छलांग लगाने के बाद आवाज दूं, तभी दोनों रस्सियों को खींचना शुरू कर देना।' इसके बाद मुंह पर कपड़ा बांधा और 'जय श्रीराम' का जयकारा लगाकर गड्ढे में कूद गया। नीचे उसके हाथ में एक कपड़ा आया। पूरी ताकत लगाकर उसे खींचकर आधी दूरी तक ले आया। खाली रस्सी से उसे बांधा फिर चिल्लाया, खींचना शुरू करो। इसी तरह उसने एक, फिर दूसरा, तीसरा, चौथा और आखिरी में पांचवें व्यक्ति को भी बाहर निकाल लिया। मोनू ने पांचों लोगों को महज 15 मिनट के भीतर बाहर निकाल लिया। उसने बताया कि नीचे कुछ दिख नहीं रहा था। कपड़ा हाथ में आते ही एक-एक कर सभी को खींच लिया। यहां दिनेश मुखिया, शांतिलाल, आशाराम, जितेंद्र सागर, सूरज शर्मा, हेतराम ने भी सहयोग किया।
भाई की मौत की जानकारी पर बिलखने लगा मोनू
गड्ढे में अपने भाई सोनू को बाहर निकालने के बाद मोनू के चेहरे पर संतोष के भाव थे। कुछ देर बाद उसे पता चला कि बड़ा भाई सोनू जीवित नहीं रहा, वह बिलखने लगा। बताया कि उसे नहीं पता था कि जिस भाई को उसने जीवित बाहर निकाल लिया है, वह कुछ ही देर का मेहमान है।
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