Monkey Rescue Center: बंदराें की समस्या का हल, आगरा में रेस्क्यू सेंटर के लिए आया प्रस्ताव तो मिलेगी स्वीकृति
Monkey Rescue Center केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने दाखिल किया है काउंटर एफीडेविट। आगरा के अधिवक्ता ने दायर की है इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका। ताजमहल देखने आने वाले पर्यटक भी बंदरों की समस्या से जूझ रहे हैं। कई पर्यटकों को बंदर काट चुके हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट में शहर में बंदरों की बढ़ती समस्या के निदान की मांग को दायर की गई जनहित याचिका में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने काउंटर एफीडेविट दाखिल किया है। प्राधिकरण के सदस्य सचिव संजय शुक्ला द्वारा दाखिल एफीडेविट में कहा गया है कि मथुरा व हल्द्वानी में मंकी रेस्क्यू सेंटर के निर्माण को अनुमति प्रदान की जा चुकी है। आगरा में मंकी रेस्क्यू सेंटर का प्रस्ताव आता है तो मानक व नियम पर उसे परखने के बाद अनुमति प्रदान की जाएगी।
ये भी पढ़ेंः कार्तिक मास में पुष्य नक्षत्र, खास है ये संयोग
ताजमहल पर पर्यटकाें को काट रहे बंदर
आगरा में बंदरों की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ताजमहल देखने आने वाले पर्यटक भी बंदरों की समस्या से जूझ रहे हैं। कई पर्यटकों को बंदर काट चुके हैं। अधिवक्ता केसी जैन व प्रशांत जैन द्वारा दायर जनहित याचिका पर 19 जुलाई को न्यायमूर्ति प्रतींकर दिवाकर व न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने सुनवाई की थी। इसमें राज्य सरकार समेत नौ विपक्षियों को नोटिस जारी किए गए थे।
काउंटर एफीडेविट दाखिल
इनमें केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भी थे। इन दोनों की ओर से कोर्ट में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के सदस्य सचिव संजय शुक्ला ने काउंटर एफीडेविट दाखिल किया है। इस वाद में 17 अक्टूबर को सुनवाई प्रस्तावित थी, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी। अधिवक्ता केसी जैन ने बताया कि वन विभाग को मंकी रेस्क्यू सेंटर के निर्माण का प्रस्ताव भेजना चाहिए। बंदरों की नसबंदी के लिए भी विस्तृत कार्य योजना तैयार की जानी चाहिए।
पिछले वर्ष दी गई थी अनुमति
मथुरा में मंकी रेस्क्यू सेंटर की स्थापना को पांच अप्रैल, 2021 और हल्द्वानी में मंकी रेस्क्यू बर्थ कंट्रोल एंड रिहेबिलिटेशन सेंटर की स्थापना को 27 मार्च, 2021 को अनुमति प्रदान की गई थी। इनके प्रस्ताव उप्र व उत्तराखंड के प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव द्वारा भेजे गए थे।
30 हजार से अधिक बंदर
शहर में 30 हजार से अधिक बंदर हैं। वाइल्ड लाइफ एसओएस ने 10 हजार बंदरों की नसबंदी के लिए तीन करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर नगर निगम को भेजा है। पहले चरण में 500 बंदरों की नसबंदी की अनुमति मिली है। इसके लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।