Mariam Tomb in Agra: सिकंदर लोदी की बारादरी में दफन है जहांगीर की मां मरियम-उज-जमानी, बड़ा रोचक है इतिहास
Maryam Tomb in Agra जहांगीर ने बारादरी को मकबरे में कर दिया था परिवर्तित। अकबर की बेगम और जहांगीर की मां थीं मरियम-उज-जमानी। सिकंदर लोदी ने सिकंदरा के ...और पढ़ें

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा-मथुरा मार्ग पर सिकंदरा से कुछ फासले पर बाईं तरफ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा संरक्षित स्मारक मरियम टाम्ब स्थित है। यह मुगल काल का नहीं बल्कि लोदी काल का स्मारक है। सिकंदर लोदी ने बारादरी के रूप में इसका निर्माण कराया था। मरियम-उज-जमानी के निधन के बाद उन्हें यहां दफन कर इसे मकबरे में परिवर्तित कर दिया गया।
सिकंदर लोदी ने सिकंदरा के आसपास शहर बसाया था। सिकंदरा उसी के नाम पर है। एएसआइ के रिकार्ड के अनुसार उसने यहां बारादरी बनवाई थी। सिकंदर लोदी द्वारा वर्ष 1495 में बनवाई गई बारादरी ही आज मरियम टाम्ब के रूप में प्रसिद्ध है। वर्ष 1623 में मरियम-उज-जमानी के निधन के बाद उन्हें यहां जहांगीर द्वारा दफन कराया गया था। बारादरी को मकबरे का रूप देने को उसने कुछ परिवर्तन कराए थे। यहां भूतल पर सिकंदर लोदी के समय बने हुए 40 कमरे हैं। इसके मध्य बने कक्ष में मरियम-उज-जमानी की कब्र है। यहां दीवारों पर चूने के प्लास्टर पर पेंटिंग का काम है। बारादरी की बाहरी दीवारों पर रेड सैंड स्टोन लगा है, जिस पर ज्यामितीय डिजाइन बने हुए हैं। इसके कोनों पर टावर बने हैं। ऊपरी तल पर कब्र की संगमरमर की बनी हुई प्रतिकृति है।
मरियम-उज-जमानी
मरियम-उज-जमानी आमेर के कछवाहा राजा भारमल की बेटी थीं। वो अकबर की बेगम और जहांगीर की मां थीं। जहांगीर के जन्म के बाद उन्हें मरियम-उज-जमानी की उपाधि दी गई थी।
प्रेमी युगल अधिक आते हैं
मरियम टाम्ब में पर्यटक बहुत कम आते हैं। हरा-भरा स्मारक प्रेमी युगलों में अधिक लोकप्रिय है। यहां भीड़भाड़ नहीं होने से वो यहां आना पसन्द करते हैं।

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