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    Make in India: आगरा का बना पैराशूट करेगा अमेरिका की बराबरी, जानिए क्‍या हैं खासियतें

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Sun, 05 Jul 2020 09:46 AM (IST)

    Make in India मेक इन इंडिया के सपने को एडीआरडीई कर रहा पूरा उन्नत किस्म के पैराशूट कर रहा विकसित। मलपुरा ड्रॉपिग जोन में होंगे ट्रायल।

    Make in India: आगरा का बना पैराशूट करेगा अमेरिका की बराबरी, जानिए क्‍या हैं खासियतें

    आगरा, अमित दीक्षित। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया के सपने को हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास संस्थापन (एडीआरडीई) साकार करने में लगा हुआ है। उन्नत किस्म के पैराशूट तैयार किए जा रहे हैं। यह ऐसे पैराशूट हैं जो अभी अमेरिका जैसे कुछ विकसित देशों के पास ही हैं। ट्रायल के लिए मलपुरा स्थित डंपिंग जोन में तकनीक के आसमां से आगरा का पैराशूट छलांग लगाएगा। ट्रायल सफल होने पर दुनिया में भारत का डंका बजेगा। एडीआरडीई द्वारा विकसित पैराशूट को एयरफोर्स, आर्मी में प्रयोग किया जाता है।

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    यह है खासियत

    नए पैराशूट में उन्नत किस्म के नायलान का प्रयोग किया जा रहा है। वहीं कैबलॉर व अन्य ऐसे मैटेरियल शामिल हैं जो पैराशूट की लाइफ बढ़ाएंगे। मजबूती के साथ यह कम वजन के होंगे।

    आसानी से होगी लैंडिंग

    उन्नत श्रेणी के पैराशूट से आसानी से जमीन पर लैंङ्क्षडग हो सकेगी। इसकी मदद से एएन-32 सहित किसी भी विमान से छलांग लगाई जा सकेगी। 

    एडीआरडीई की उपलब्धि

    - कोरोना संक्रमण को देखते हुए एडीआरडीई ने हाल ही में पीपीई किट तैयार की थी। टेस्ट में पास होने पर इसका निर्माण शुरू हो चुका है।

    - एडीआरडीई ऐसे पैराशूट विकसित कर चुका है। जिससे 16 टन तक वजन के टैंक या फिर अन्य वाहन को जमीन पर आसानी से उतारा जा सकता है। इसका सफल ट्रायल हो चुका है।

    - गगनयान को तैयार हो रहा है पैराशूट : भारत के प्रस्तावित मिशन को देखते हुए एडीआरडीई गगनयान के लिए पैराशूट विकसित कर रहा है। इसके कुल सौ ट्रायल होंगे। अब तक दर्जनभर के आसपास हो चुके हैं। पैराशूट की मदद से पांच टन वजनी कैप्सूल को आसमान से समुद्र में उतारा जाएगा।

    - विकसित कर चुका है एयरोस्पेस : एडीआरडीई एयरोस्पेस विकसित कर चुका है। इसका ट्रायल आगरा में हुआ था। एयरोस्पेस को अब और भी एडवांस किया जा रहा है। इसमें नाइट विजन कैमरे सहित अन्य सुरक्षा उपकरण लगाने की तैयारी चल रही है।