Agra News: महाराज जयचंद मानहानि मामले में देवकीनंदन ठाकुर के अधिवक्ता पेश, अगली सुनवाई 18 अगस्त को
महाराज जयचंद मानहानि मामले की सुनवाई एसीजेएम-10 न्यायालय में हुई। देवकीनंदन ठाकुर के अधिवक्ता अनुराग शुक्ला अदालत में पेश हुए और जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि यह मामला आपराधिक मानहानि से संबंधित है क्योंकि कथावाचक ने महाराज जयचंद पर विवादित टिप्पणी की थी जिससे वादी को मानसिक पीड़ा हुई। न्यायालय ने अगली सुनवाई 18 अगस्त को तय की है।

जागरण संवाददाता, आगरा। महाराज जयचंद मानहानि केस की सुनवाई बुधवार को एसीजेएम-10 के न्यायालय में हुई। वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि, केस में प्रतिवादी देवकीनंदन ठाकुर के अधिवक्ता अनुराग शुक्ला हाजिर हुए। उन्होंने जवाब दाखिल करने को परिवाद की छाया प्रति की मांग की, जिसे उन्हें रिसीव करवा दिया गया।
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि परिवाद भारतीय न्याय संहिता की धारा 356(2) के अधीन दायर किया गया था, जो कि आपराधिक मानहानि का है। कथावाचक ने वाराणसी में कथावाचन के दौरान कहा था कि आज सनातन धर्म को खतरा जयचन्दों से है। जयचन्दों के कारण पाकिस्तान बना। कश्मीरी ब्राह्मणों का नरसंहार जयचन्दों के कारण हुआ।
कथावाचक के ऐसे बयानों से उसे मानसिक आघात लगा
वादी अधिवक्ता ने कहा कि, महाराज जयचंद राष्ट्रकूट वंश की राठौड़ शाखा के क्षत्रिय थे और वादी स्वयं क्षत्रिय कुल से है। कथावाचक के ऐसे बयानों से उसे मानसिक आघात लगा व मानसिक पीड़ा हुई। कई लोगों ने सार्वजनिक रूप से इस बयान के बाद कहा कि, क्षत्रियों के कारण भारत विभाजन हुआ और क्षत्रियों के कारण ही कश्मीरी ब्राह्मणों का नरसंहार हुआ। इससे वादी अधिवक्ता की मानहानि हुई। न्यायालय ने देवकीनंदन द्वारा जवाब दाखिल करने के लिए सुनवाई की अगली तिथि 18 अगस्त नियत की है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।