इस बार होली का अंदाज है जुदा, क्लासिक स्टाइल से रंगों का खुमार बढ़ा Agra News
उमंग वही लेकिन पार्टियों में दिखता होली का रंग। सोशल मीडिया करता है उत्सव का मजा दोगुना।
आगरा, जागरण संवाददाता। वो दिन गए जब होली के लिए एक महीने पहले से घर में पापड़, गुजिया, सांखें और ठंडाई की तैयारी होने लगती थी। अब किसी के पास भी इतना समय नहीं, लेकिन मस्ती पूरी चाहिए। इसलिए अब त्योहारों को पार्टियों के रूप में मनाया जाने लगा है। दीपावली पार्टी हो या नया साल पार्टियों में ही धमाल होता है। यही कारण है कि होली के रंग भी अब पार्टियों में उडऩे लगे हैं।
होली पार्टी का क्रेज भी बढऩे लगा है। जहां पहले लोग होली अपने परिवार के साथ मनाते थे, वहीं अब लोग घर पर रहना ही पसंद नहीं करते हैं। इसी के चलते पार्टी कल्चर काफी बढ़ गया है। पिछले कुछ सालों में शहर में होली पार्टी का चलन काफी बढ़ा है। सामाजिक संगठनों से लेकर महिला संगठन तक होली के रंग उड़ाने के लिए पार्टियों का आयोजन करते हैं।
पारंपरिक और क्लासिकल है नया ट्रेंड
इस साल का नया ट्रेंड है पारंपरिक और क्लासिकल स्टाइल होली। वेन्यू पर अलग-अलग मूड के हिसाब से स्टेज तैयार किया जाता है। गायक बुलाए जाते हैं। जो पारंपरिक से लेकर नए गाने तक गाते हैं। लोगों को इसी थीम के हिसाब से परिधान पहन कर आना होता है। फतेहाबाद रोड के संदीप सोलंकी भी इस बार होली पार्टी अरेंज कर रहे हैं। इस पार्टी में विदेशियों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।
सोशल मीडिया पर मिलता है आमंत्रण
पहले लोग एक-दूसरे को गुलाल लगाते और पिचकारी से रंग खेलते थे। लेकिन आज के युवा होली मनाने के लिए एक महीने पहले से ही वेबसाइट्स चेक करने लगते हैं। होली के दिन होने वाली इन पार्टियों के ऐड एक महीने पहले से सोशल मीडिया जैसे फेसबुक और ट्विटर पर आने लगते हैं। वॉट्सएप ग्रुप बनाए जाते हैं जिसमें पार्टी से जुड़ी तमाम जानकारियां दी जाती हैं। स्पेशल ऑफर्स भी दिए जाते हैं। होटल और रेस्टोरेंट भी अपने यहां होली पार्टियां अरेंज करने लगे हैं।
शहर में बढ़ गई है होली पार्टी की संख्या
सामाजिक और महिला संगठनों को मिलाकर छोटी-बड़ी कम से कम 50 होली पार्टियां इस बार होने की संभावना है। कुछ पार्टियों में सिर्फ उस ग्रुप के सदस्य ही भाग लेते हैं, तो कुछ पार्टियों में फीस देकर एंट्री मिलती है। इवेंट मैनेजर कपिल सिंह बताते हैं कि इन पार्टियों में सुरक्षा के भी पूरे इंतजाम किए जाते हैं। हुड़दंग मचाने वालों को बाहर कर दिया जाता है। पूरे ड्रेस कोड के हिसाब से ही लोगों को एंट्री दी जाती है। फिर सुबह से शाम तक म्यूजिक, रंग और गुजिया की मिठास पार्टी में नया रंग जमाती है।
सोसायटी में भी होती है होली
सबसे ज्यादा बदलाव शहर में पनपे सोसायटी कल्चर की वजह से आया है। हर हाउसिंग सोसायटी अपने यहां ही होली पार्टी अरेंज करती है। सप्तऋषि अपार्टमेंट में रहने वाली सोनिया मनकलता बताती हैं कि पिछले साल भी उनके यहां होली पार्टी हुई थी। हर फ्लैट से पैसे एकत्र किए जाते हैं और इंतजाम किए जाते हैं।