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    Firozabad News: शहर के भामाशाहों ने लिखी सुहागनगरी में सेवा की नई इबारत

    By Abhishek SaxenaEdited By:
    Updated: Thu, 05 May 2022 03:10 PM (IST)

    Firozabad News मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल बना शहर का सेवार्थ संस्थान कैंसर हास्पिटल की रखी गई नींव एक साल में होगा तैयार। मरीजों के लिए सस्ते इलाज की सुविधा है। जांच भी बाजार से कम दर पर उपलब्ध हैं।

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    फिरोजाबाद में ट्रामा सेंटर के बाद अब कैंसर अस्पताल की नींव रखी गई है।

    डा.राहुल सिंघई, फिरोजाबाद। यूं तो हर शहर में उद्यमी भामाशाह होते हैं, लेकिन सुहागनगरी में एक अनूठी पहल के जरिए सेवा की नई इबारत लिखी है। अत्याधुनिक पोस्टमार्टम हाउस बनाने से हुई शुरूआत अब मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल से और अब कैंसर हास्पिटल तक पहुंच गई है।

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    कांच उद्योग के चलते मजदूर बाहुल्य शहर में स्वास्थ्य सेवाएं लचर थी। 2009 में लाला नन्नूमल राधेश्याम ट्रस्ट ने जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस को अत्याधुनिक और वातानुकूलित बनाया। सेवा संस्थान ट्रस्ट गठित कर संचालन की जिम्मेवारी उठाई। इसके बाद बेहतर इलाज के लिए शहर के सौ उद्यमी आए और पांच करोड़ की लागत से सेवार्थ संस्थान प्राइवेट ट्रामा सेंटर की नींव रखी गई।

    इसके लिए शहर में हाईवे के किनारे करोड़ों की निश्शुल्क भूमि छदामी लाल जैन ट्रस्ट द्वारा दी गई। 6 अक्टूबर 2011 को भामाशाहों का सेवा प्रकल्प शुरू हुआ। 11 साल में मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल बन चुके संस्थान में एक ही छत के नीचे ब्लड की जांच से एमआरआइ तक की सुविधा बाजार से आधे दाम पर हैं। सौ बेड के अस्पताल में कैथ लैब, हार्ट यूनिट, न्यूरो सर्जरी, यूरोलाजी ब्रांच है। दवाइयां लागत मूल्य पर दी जाती है और डायलिसिस सिर्फ पांच सौ रुपये में होती है। ओपीडी की फीस सौ और दो सौ रुपये है।

    एक साल में तैयार होगा कैंसर अस्पताल

    सरकारी ट्रामा सेंटर के बाद ट्रस्ट ने एक बड़ा कदम उठाया। संस्थान अध्यक्ष पीके जिंदल ने बताया कि डेढ़ सौ नए पुराने ट्रस्टियों के सहयोग से दिनेश जैन स्मृति कैंसर अस्पताल और लाला सियाराम मीतल स्मृति ट्रामा सेंटर टूंडला टोल प्लाजा के पास बन रहा है। विश्व की अत्याधुनिक पेट स्कैन और रेडिएशन मशीन लगाई जा रही है। ढाई सौ बेड की क्षमता वाला हास्पिटल एक साल में बनकर तैयार किए जाने का लक्ष्य है।

    ‘स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवा की सोच का सपना आकार ले रहा है। ट्रामा सेंटर को एनबीएएच एक्रीडेशन मिल चुका है। 50 करोड़ की लागत से यहां का कैंसर अस्पताल जयपुर के भगवान महावीर कैंसर इंस्टीट्यूट की तरह बनेगा। न्यूनतम शुल्क पर अत्याधुनिक उपचार की सोच के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं।’ पीके जिंदल, अध्यक्ष सेवार्थ संस्थान

    इनका भी बड़ा है याेगदान

    -सेठ कंहैया लाल अग्रवाल: लगभग 110 पहले खुर्जा से शहर में आकर बसे उद्यमी सेठ ने 1919 में 52 बीघा जमीन पर सेठ कालेज बनवाकर दान दिया। एसआरके इंटर और डिग्री कालेज शिक्षा का बड़ा केंद्र हैं।

    -सेठ छदामी लाल जैन: शहर को नई पहचान देने में भूमिका रही। सुभाष तिराहे पर सौ बीघा से ज्यादा भूमि पर जैन मंदिर की स्थापना कराई। इसके बाद साइंस महाविद्यालय सीएल जैन कालेज की स्थापना की।

    -बाबू हजारी लाल जैन: शहर के उद्योगपति और समाजसेवी ने साथियों के सहयोग से ट्रस्ट की स्थापना कर जिला अस्पताल के लिए जमीन दान दी और अस्पताल बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    -बाल बिहारी लाल शर्मा: लड़कियों की शिक्षा के लिए अतुलनीय योगदान दिया। महात्मा गांधी बालिका इंटर और डिग्री कालेज की जनसहयोग से स्थापना करवाई। हजारों लड़कियां यहां शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।

    - गोपाल चंद्र अग्रवाल: लंदन में पढ़े अधिवक्ता और तेल कारोबारी ने दाऊदयाल शिक्षण संस्थान की स्थापना की। शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी संस्थान की कई ब्रांच संचालित हैं।