Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kumar Vishwas Interview: महाकुंभ पर बोले कवि कुमार विश्वास- 'कुंभ विश्वभर की सबसे जागृत आत्माओं का एकत्रीकरण है'

    Updated: Sat, 18 Jan 2025 01:17 PM (IST)

    Kumar Vishwas Interview Agra Update News कुंभ मेला दुनियाभर की सबसे जागृत आत्माओं का एकत्रीकरण है। प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास का मानना है कि कुंभ में जाने से व्यक्ति के व्यवहार और स्वभाव में सकारात्मक बदलाव आता है। वह कहते हैं कि राम कथा के माध्यम से वह लोगों के जीवन में बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं।

    Hero Image
    कवि रमेश मुस्कान के आवास पर दैनिक जागरण से बात करते कवि डा. कुमार विश्वास। अमित शिवहरे

    जागरण संवाददाता, आगरा। राष्ट्रनीति क्या, राजनीति क्या है, राजा का धर्म क्या है, इसकी जानकारी अपने-अपने राम कथा श्रृंखला में युवाओं को मिल रही है। प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है यह कोई मेला नहीं है। यह विश्वभर की सबसे जागृत आत्माओं का एकत्रीकरण है। इसमे कोई भी व्यक्ति जाएगा तो उसके व्यवहार, स्वभाव में बदलाव जरूर आएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शुक्रवार को अपने-अपने राम कार्यक्रम के लिए शहर पहुंचे प्रख्यात कवि डॉक्टर कुमार विश्वास ने जागरण संवाददाता सुमित द्विवेदी से बातचीत की। पेश है बातचीत के कुछ अंश।

    प्रश्न: काव्य पाठ के बाद अब आपका रुझान श्री राम कथा की ओर बढ़ा है। कोई खास कारण ?

    उत्तर: नहीं, ऐसा नहीं है। कवि सम्मेलन भी साथ-साथ चल रहा है। अभी कल और परसों ही कवि सम्मलेन कर के आया हूं, लेकिन अब जैसे-जैसे समाज में अवसाद बढ़ेगा, उद्वेग बढ़ेगा, अकेलापन बढ़ेगा। वैसे-वैसे आध्यात्म को जानने की आवश्यकता पड़ेगी। मैं कोई कहानी या कथा तो सुनाता नहीं हूं, सिर्फ राम कथा के माध्यम से जीवन में बदलाव लाने का प्रयास है।

    प्रश्न: पहले कविताओं से मशहूर हुए, फिर राजनीति ने नई पहचान दी, अब श्री राम कथा सुनने को लोग उत्सुक हैं, आपकी रचनात्मकता का अगला स्टार्टअप क्या होगा?

    उत्तर: नहीं कोई स्टार्टअप नहीं है। कल को मुझे कुछ और अच्छा लगेगा मैं वह करना शुरू कर दूंगा। अब जनता क्या स्वीकार कर रही है, क्या नहीं इससे भी परे हूं।

    प्रश्न: प्रयाग में दो दिन बाद प्रयागराज में श्री राम कथा कहेंगे, क्या कुंभ में कल्पवास की भी तैयारी है?

    उत्तर: नहीं-नहीं, मेरा मानना यह है हम तो सामान्य ग्रहस्थ हैं। हम तो कथा भी नहीं कर रहे, कहानी सब की सुनी हुई है। हम तो बता रहे हैं भगवान वाद जिस तरह करते हैं, उसके वीडियो वायरल हुए लोगों ने बुलाना शुरू किया। इसमें कोई लोभ-लाभ नहीं सोचता मैं।

    प्रश्न: आगरा से विशेष लगाव रहता है, पिछली सर्दियों में आए थे संजय प्लेस में पानी-पूरी का स्वाद लिया और युवाओं से संवाद हुआ था। इस बार दो दिनों के लिए आगरा आए हैं, फिर युवाओं से संवाद होगा?

    उत्तर: मेरी पहली नौकरी भरतपुर में लगी थी, तो वहां से आगरा ही घरेलू चीजें खरीदने आना पड़ता था। तब सेंट जान्स के पास पांच पानी वाले बताशों का स्वाद लेता था। उस वक्त सोम ठाकुर, पूरन चौहान होते थे, अब रमेश मुस्कान हैं। पुरानी जगह आओ तो मन करना है लोगों से मिलें, अलग-अलग पकवान का स्वाद लें।

    ये भी पढ़ेंः Mahakumbh 2025: सात फीट लंबी कद-काठी वाले 'मस्कुलर बाबा...कुंभ मेले में छाए रूस के 'गिरि महाराज'

    ये भी पढ़ेंः Mahakumbh 2025: किन्नर अखाड़ा ने पूजानंद गिरि को बनाया महामंडलेश्वर, नारी सशक्तिकरण में आगे निकला जूना अखाड़ा