Krishna Janmashtami: वृंदावन के इस्कान में केक काटकर श्रीकृष्ण को भक्त बोलेंगे हैप्पी बर्थ-डे
Krishna Janmashtami वैदिक रीति-रिवाज के साथ इस्कान में आधुनिकता का भी समावेश। 19 अगस्त को वृंदावन में जन्माष्टमी की धूम रहेगी। इस्कान में इस बार देशी और विदेशी भक्त जन्मोत्सव पर रात 12 बजे केक काटकर श्रीकृष्ण को हैप्पी बर्थडे बोलेंगे
आगरा, जागरण टीम। भगवान श्रीकृष्ण सर्वव्यापी हैं, दुनियाभर में श्रीकृष्ण के अनुयायी बसे हैं। श्रील प्रभुपाद ने हरिनाम संकीर्तन के जरिए दुनियाभर के लोगों को सनातन धर्म से न केवल जोड़ा बल्कि इस्कान की स्थापना कर, उन्हें भारतीय पंरपरा के ढांचे में ढालने का बड़ा काम किया।
इस्कान मंदिरों में सनातन संस्कृति की पताका
आज दुनियाभर में हजारों इस्कान मंदिरों में सनातन संस्कृति की पताका फहर रही है, हरिनाम संकीर्तन महामंत्र का जाप कर सनातनी परंपरा में रंगे-बसे विदेशी भी मूल भारतीय परिधानों को अपना रहे हैं। इस्कान में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव भी उल्लास मनाया जाता है।
लेकिन, इसमें आधुनिकता का भी पुट शामिल है। भगवान के जन्मोत्सव पर रात 12 बजे इस्कान भक्त केक काटकर श्रीकृष्ण को हैप्पी बर्थडे बोलेंगे और हरिनाम का संकीर्तन कर झूमेंगे। भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थली के अनेक रंग हैं।
वृंदावन के कण-कण में बसे कान्हा
ये देश की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में भी बसी है। देश के राजे रजवाड़ों ने अपनी कुंज-निकुंज बनाकर इसे आध्यात्मिक राजधानी का रूप दिया। भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की लीलाओं का साक्षी रहे वृंदावन की रज और कण-कण में आज भी भगवान की अनुभूति महसूस करने का दावा साधक करते आए हैं। यही कारण है कि दुनियाभर के लोगों को हरिनाम संकीर्तन महामंत्र के जरिए सनातन संस्कृति से जोड़ने वाले श्रील प्रभुपाद ने भी इसे अपनी साधना स्थली के रूप में चुना।
ये भी पढ़ें...
इस्कान मंदिर में वैष्णव पद्धति से पूजा-पाठ
इस्कान मंदिर में पूरी तरह वैष्णव पद्धति के अनुसार पाठ-पूजा पद्धति अपनाई गई है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव भी बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। सुबह की मंगला आरती से लेकर शाम को महाभिषेक के शुरुआत तक विदेशी भक्त जिस तरह अपनी आस्था का इजहार करते हैं, सनातनधर्मियों को खूब रास आती है।
इस्कान में केक काटकर मनेगी जन्माष्टमी
इस्कान प्रवक्ता रविलोचन दास ने बताया, भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मंदिर में उल्लासपूर्वक मनाया जाता है। सुबह से चार प्रहर अलग-अलग मुद्रा में भगवान भक्तों को दर्शन देंगे।
शाम को 9 बजे से भगवान का 101 किलो दूध, दही, घी, शहद, बूरा, जड़ी-बूटी से महाभिषेक शुरू होगा और आराध्य को छप्पन प्रकार के व्यंजन भोग में अर्पित किए जाएंगे। रात 12 बजे 101 किलो का केक काटकर भगवान श्रीकृष्ण को जन्मोत्सव की बधाई इस्कान भक्त देंगे।
ये भी पढ़ें...