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    Janmashtami Prasad: इन दो भाेग के बगैर अधूरी है कान्हा के प्रसाद की थाली, यहां देखें बनाने की विधि

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Fri, 19 Aug 2022 11:57 AM (IST)

    Janmashtami Prasad Recipe घर घर में आज जन्मेंगे देवकी नंदन। प्रसाद बनाने की तैयारी में जुटी महिलाएं। कान्हा के भाेग में धनिया पंजीरी और पंचामृत का होता है विशेष महत्व। सूखे मेवे और दूध दही शहद के कारण दोनों ही प्रसाद होते हैं अमृत के समान।

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    कान्हा के भाेग में जरूरी है धनिया पंजीरी और पंचामृत का भाेग।

    आगरा, तनु गुप्ता। यूं तो केशव भक्त की भक्ति से ही तृप्त हो जाते हैं। लेकिन जब बात कृष्ण जन्माष्टमी की हो तो घर घर में विशेष पकवान बनाकर लड्डू गोपाल को भाेग लगाए जाते हैं। ब्रज में भाव की भक्ति होती है। यहां भगवान को अपने लल्ला के रूप में पूजा जाता है। इसी के चलते जन्माष्टमी के पकवानों में विशेष रूप से एेसे भाेग रखे जाते हैं जोकि स्वाद के साथ पौष्टिक भी हो। मान्यता है कि भगवान को चाहे 56 भाेग का प्रसाद लगा दें लेकिन धनिया पंजीरी और पंचामृत के बगैर भाेग की थाली अधूरी ही रहती है। यहां देखें दोनों ही प्रसाद बनाने की आसान सी रेसिपी...

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    धनिया पंजीरी बनाने की सामग्री-

    -धनिया पाउडर- 1 कप

    -घी- 3 बड़े चम्मच

    -मखाने- 1/2 कप (कटे हुए)

    -चीनी पाउडर- 1/2 कप

    -कद्दूकस नारियल- 1/2 कप

    -ड्राई फ्रूट- 1/2 छोटी कटोरी (कटे हुए)

    -चिरौंजी दाना- 1 बड़ा चम्मच

    -चार मगज/खरबूजे के बीज- 3 बड़े चम्मच (छिले हुए)

    धनिया पंजीरी बनाने की विधि-

    धनिया पंजीरी बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में 2 बड़े चम्मच घी गर्म करें। अब इसमें धनिया पाउडर डालकर 4-5 मिनट तक भूनकर एक बाउल में निकाल लें। पैन में बचा घी डालकर मखाने 2-3 मिनट तक लगातार चलाते हुए भूनें। धीमी आंच करके इसमें ड्राई फ्रूट्स, चिरौंजी दाना, मगज, चीनी, नारियल का बूरा और धनिया पाउडर डालकर मिलाएं। तैयार पंजीरी को सर्विंग बाउल में निकालकर कान्हा जी को भोग लगाकर प्रसाद के तौर पर खाएं।

    पंचामृत बनाने के लिए सामग्री-

    -गाय का दूध- 1 गिलास

    -गाय का दही- 1 गिलास

    -गाय का घी- 1 चम्मच

    -शहद- 3 चम्मच

    -मिश्री अथवा शक्कर- स्वादानुसार

    - तुलसी के पत्ते- 10

    -कटे हुए मखाने- ड्राई फ्रूट्स - 20

    पंचामृत बनाने की विधि-

    पंचामृत बनाने के लिए सबसे पहले दही, दूध, एक चम्मच शहद, घी और चीनी को एक बर्तन में डालकर अच्छी तरह मथ लें। आप चाहे तो इन सब चीजों को मिक्सी में डालकर भी चला सकती हैं।

    इसके बाद इसमें तुलसी के 8 से 10 पत्ते डालने के बाद कटे हुए मखाने और ड्राई फ्रूट्स मिलाएं। श्रीकृष्ण को भोग लगाने के लिए आपका पंचामृत बनकर तैयार हो चुका है।

    पंचामृत के फायदे-

    1-यह पित्त दोष को बैंलेस करता है।आयुर्वेद के अनुसार इसका सेवन करने से पित्त दोष को संतुलित रखने में मदद मिलती है।

    2-पंचामृत इम्यून सिस्टम में सुधार करता है

    3-यादाश्त को बढ़ाता है और रचनात्मक क्षमताओं को बढ़ावा देता है।

    4-यह स्कीन के लिए भी काफी फायदेमंद हैं।

    5-बालों को स्वस्थ रखता है।