UP Sahbhagita Yojana: बेसहारा पशुओं को सहारा देकर सरकारी की योजना में करें सहभागिता, योजना देगी आपको आर्थिक सहायता
Nirashrit Besahara Govansh Sahbhagita Yojana 2012 में की गई पशुगणना के अनुसार यूपी में 205.66 लाख गोवंश हैं जिनमें से 12 लाख के लगभग गोवंश बेसहारा या निराश्रित हैं। किसान अगर 10 पशुओं को सहारा देता है तो प्रतिदिन के हिसाब से वह 300 रूपये कमा सकता है।

आगरा, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत निराश्रित गोवंश को इच्छुक लोगों को पालने के लिए दिए जाने की योजना है। इसमें उनकी देखभाल बेहतर ढंग से हो सके। इसके लिए पशुपालक को एक गोवंश पालने के एवज हर माह 900 रुपये दिए जाते हैं। इसमें गोवंश को पालने का भार पशुपालक पर न पड़े। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निराश्रित, बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना 2021 को मंजूरी दी थी।
ये है योजना
राज्य सरकार द्वारा 2012 में की गई पशुगणना के अनुसार यूपी में 205.66 लाख गोवंश हैं जिनमें से 12 लाख के लगभग गोवंश बेसहारा या निराश्रित हैं। किसान अगर 10 पशुओं को सहारा देता है, तो प्रतिदिन के हिसाब से वह 300 रूपये कमा सकता है। और हर महिना 9 हजार की अतिरिक्त आय किसान को मिलेगी। उत्तर प्रदेश सरकार की इस योजना से प्रधानमंत्री के 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सपने को भी मदद मिलेगी।
- योगी सरकार द्वारा पहले चरण में लगभग एक लाख पशुओं को हस्तांतरित किया जाएगा, जिसके लिए राज्य सरकर का करीब 109 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च होगा।
- इस योजना से सामाजिक सहभागिता बढ़ेगी व निराश्रित व बेसहारा गोवंश की संख्या में कमी आएगी।
- यह योजना किसानों व पशुपालकों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी भी बना सकेगी।
योजना के लाभ
-आय का साधन
जिलें के डीएम आवारा पशु योजना के तहत इच्छुक किसानों व पशुपालकों की लिस्ट तैयार करेंगे जिससे उनके खातों में डीबीटी के जरिए 30 रुपये प्रति गोवंश प्रतिदिन के हिसाब से उनके बैंक खाते में जमा किए जाएंगे।
-ईयर टैगिंग
भ्रष्टाचार की संभावना कम करने के लिए सरकार द्वारा पशुओं की ईयर टैगिंग भी की जाएगी।
- समस्याओ से छुटकारा
पशुपालकों व किसानों द्वारा आवारा पशुओं को आसरा देने से रास्ते में निराश्रित पशुओं द्वारा होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।
साथ ही आवारा पशुओं को आसरा देने से खेती में होने वाले नुक्सान को भी ख़तम किया जा सकता है जो आवारा पशु खेत चार जाते थे वो अब नहीं होगा।
-समिति का गठन
तहसील, ब्लॉक व जिला स्तर पर समिति का भी गठन होगा। स्थानीय समिति प्रगति से बीडीओ व एसडीएम को अवगत कराएगी।
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