सब्जी नहीं ये है औषधियों का खजाना, खाएंगे तो असाध्य रोगों से मुक्ति पाएंगे Agra News
हर सीजन में आने वाली पत्तेदार सब्जी चौलाई से दर्जनों बीमारियों को करती है दूर। आयुर्वेद के ज्ञाता और धर्म वैज्ञानिक डॉ जेजे जोशी का दावा कैंसर जैसे रोग में है चौलाई लाभदायक।
आगरा, तनु गुप्ता। आधुनिकता की दौड़ में जितनी सहूलियतें मिल रही हैं उससे कहीं ज्यादा बीमारियों की सौगातें पीछे के रास्ते घर घर में प्रवेश कर रही हैं। जंक फूड ने रसोई में पकने वाले रोग प्रतिरोधक भोजन को कहीं दूर ढकेल दिया है। नतीजा तमाम रोगों ने आ घेरा है। एक बार जब रोग शरीर में प्रवेश कर जाते हैं तो व्यक्ति डॉक्टर और अंग्रेजी दवाओं के मकड़जाल में फंसता चला जाता है। जबकि हर मर्ज का इलाज घर की रसोई में ही छुपा होता है। वृंदावन आए हुए उज्जैन के धर्म विज्ञान शोध संस्थान के निर्देशक और आयुर्वेद के ज्ञाता डॉ जेजे सर के अनुसार हर सीजन में मिलने वाली पत्तेदार सब्जी चौलाई दर्जनों बीमारियों की एक दवा है। शोध में देखा गया है कि स्तन और प्रोस्टेट कैंसर में इसका सेवन और लेप बहुत फायदा करता है। बशर्ते रोगी को कोई थैरेपी आदि न दी गई हो। इसमें मौजूद पेप्टाइड्स शरीर में सूजन को दूर करने के साथ कैंसर के विकास को रोकने में भी बहुत मददगार होता है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है जिससे कैंसर को रोकने में मदद मिलती है।
डॉ जेजे सर ने बताया कि चौलाई में विटामिन `सी´, विटामिन `बी´ व विटामिन `ए´ की अधिकता होती है। विटामिनों की कमी से होने वाले सारे रोगों में चौलाई का रस विशेष लाभ प्रदान करता है। चौलाई का रस शरीर को स्वस्थ करता है तथा शरीर को तरावट देता है। गर्मी को शान्त करती है तथा शुद्ध खून पैदा करती है। लेकिन इसमें ध्यान रखने की बात है कि इसकी सब्जी देर में हजम होती है। चौलाई पित्त- कफनाशक और खांसी में फायदेमंद है। बुखार में भी इसका रस पीना अच्छा रहता है। ज्यादातर घरों में इसकी सब्जी बनाकर खायी जाती है किन्तु इसके सम्पूर्ण लाभ के लिए इसके रस को निकालकर पीना चाहिए। चौलाई की मुख्य रूप से दो किस्में होती हैं। लाल और हरी। लाल चौलाई के पौधे का तना लालिमा लिए हुए होता है। इसके पत्तों की रेखाएं भी लाल होती हैं। इसके पत्ते लम्बे गोल तथा ज्यादा बड़े न होकर मध्यम आकार के होते हैं। हरी किस्म के चौलाई के पौधों की डण्डी और पत्ते का पूरा भाग हरे रंग का होता है। इसके पत्ते बड़े होते हैं। जल चौलाई इसकी एक कांटेदार किस्म है। इसके गुण कुछ अंशों में बढ़कर लेकिन चौलाई के समान ही होते हैं। औषधि रूप में इसके पंचांग, जड़ और पत्तों का उपयोग होता है।
विविध रोगों में फायदेमंद
डॉ जेजे सर कहते हैं कि चौलाई प्यास को रोकती है। खांसी के लिए लाभदायक होती है तथा पेशाब अधिक मात्रा में लाती है। गर्भावस्था के बाद या अधिक मासिकस्राव या किसी भी कारण से हुए रक्तस्राव (खून बहना) से आई कमजोरी दूर करने में चौलाई का रस बहुत लाभदायक रहता है। शरीर की शिथिलता, कमजोरी दूर करने में, आंखों के रोगों में व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में चौलाई का रस बहुत लाभदायक होता है। यह पेशाब के रोगों को नष्ट करती है और पेशाब की मात्रा भी बढ़ाती है। चौलाई एक बहुत ही उत्तम जहर को खत्म करने वाली सब्जी है। यदि भूलवश कोई जहर या जहरीली दवा खा ली गई हो तो चौलाई का एक गिलास रस उस जहर के असर को खत्म कर देता है। लेकिन ऐसे मामलों में योग्य चिकित्सक की राय भी ले लेनी चाहिए। चौलाई की सब्जी कब्ज को दूर करती है और मुंह के छालों को ठीक कर देती है। चौलाई का कच्चा रस एक महीने तक नियमित रूप से कम से कम 150 मिलीलीटर तक लेते रहने से बाल टूटकर गिरने, झड़ने बंद हो जाते हैं और नये बाल उगने लगते हैं।
विभिन्न रोगों में उपचार
- रोजाना चौलाई के पत्तों की सब्जी खाने से पथरी गलकर निकल जाती है।
- रक्तचाप, बलगम, बवासीर और गर्मी के दुष्प्रभाव
- रोजाना चौलाई की सब्जी खाते रहने से रक्तचाप, बलगम, बवासीर और गर्मी के रोग दूर हो जाते हैं।
- चौलाई की सब्जी भूख को बढ़ाती है।
- चौलाई की सब्जी बनाकर दमा के रोगी को खिलाने से बहुत लाभ मिलता है। 5 ग्राम चौलाई के पत्तों का रस शहद के साथ मिलाकर चटाने से सांस की पीड़ा दूर हो जाती है।
- पागल कुत्ते के काटने के बाद जब रोगी पागल हो जाए, दूसरों को काटने लगे, ऐसी हालत में कांटे वाली जंगली चौलाई की जड़ 50 ग्राम से 125 ग्राम तक पीसकर पानी में घोलकर बार-बार पिलाने से मरता हुआ रोगी बच जाता है।
- यह विषनाशक होती है। सभी प्रकार के विषों व दंशों पर इसका लेप लाभकारी होता है। चौलाई रूखी होती है तथा यह नशा और जहर के प्रभाव को नष्ट कर देती है। चौलाई की सब्जी रक्तपित्त में भी लाभदायक होती है।
- चौलाई की सब्जी खाने से कब्ज में लाभ मिलता है।
- 10 से 20 ग्राम चौलाई की जड़ सुबह-शाम 60 मिलीग्राम से 120 मिलीग्राम हीराबोल के साथ सिर्फ 4 दिन (मासिकस्राव के दिनों में) सेवन कराया जाए तो गर्भधारण होने पर गर्भपात का भय नहीं रहता है।
- चौलाई की जड़ को छाया में सुखाकर पीसकर छान लेते हैं। इसकी लगभग 5 ग्राम मात्रा की मात्रा को सुबह के समय खाली पेट मासिक-धर्म शुरू होने से लगभग 1 सप्ताह पहले सेवन कराना चाहिए। जब मासिक-धर्म शुरू हो जाए तो इसका सेवन बंद कर देना चाहिए। इससे मासिक-धर्म के सभी रोग दूर हो जाते हैं।
- लगभग 3 से 5 ग्राम की मात्रा में चौलाई के जड़ के चूर्ण को चावलों के पानी में शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से प्रदर रोग मिट जाता है।
- चौलाई की जड़ को चावल धुले हुए पानी के साथ पीसकर उसमें पिसी हुई रसौत और शहद मिलाकर पीने से सभी प्रकार के प्रदर रोग मिट जाते हैं।
- 15 ग्राम वन चौलाई की जड़ का रस दिन में 2-3 बार रोजाना पीने से रक्तप्रदर की बीमारी मिट जाती है।
- चौलाई (गेन्हारी का साग), आंवला, अशोक की छाल और दारूहल्दी के मिश्रित योग से काढ़ा तैयार करके 40 ग्राम की मात्रा में रोजाना 2-3 बार सेवन करने से बहुत अधिक लाभ मिलता है। इससे गर्भाशय की पीड़ा भी दूर हो जाती है और रक्तस्राव (खून का बहना) भी बंद हो जाता है।
- चौलाई (गेन्हारी) की सब्जी के पंचाग को अरहर की दाल के साथ अच्छी तरह से मिलाकर स्त्री को सेवन कराने से स्त्री के स्तनों में बढ़ोत्तरी होती है।
- चौलाई की सब्जी बनाकर खाने से पेट के रोगों में आराम मिलता है।
- गठिया के रोगी के जोड़ों का दर्द दूर करने के लिए चौलाई की सब्जी का सेवन करना चाहिए।
- उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए चौलाई, पेठा, टिण्डा, लौकी आदि की सब्जियों का प्रयोग अधिक मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि इनमें रक्तचाप को नियन्त्रित करने की शक्ति होती है।
- चौलाई की हरी सब्जी का रस पीने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।
- यदि नाड़ी व्रण (जख्म) में ज्यादा दर्द हो और वह पक न रहा हो तो उस पर चौलाई के पत्तों की पट्टी बांधने से लाभ होता है।
सूजन को सहजता के कम करें
चौलाई के तेल और पेप्टाइड में एंटी-इफ्लेमेंटरी गुण होता है जो दर्द और सूजन को सहजता से कम करने में मदद करता है। यह पुरानी स्थितियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है जहां पर सूजन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
रक्तचाप कम करें
अध्ययन के अनुसार, ऐमरैन्थ यानि चौलाई में मौजूद फाइबर और फिटोन्यूट्रीएंट्स नामक तत्व रक्तचाप को कम करने में मदद करते है। जिससे यह कोलेस्ट्रॉल, सूजन और रक्तचाप के साथ प्रभावी ढ़ंग से लड़ता है और दिल की सेहत के लिए भी अच्छा होता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को बढावा
चौलाई का एक और स्वास्थ्य लाभ यह भी है कि मौजूद आवश्यक विटामिन, खनिज और शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को ठीक रखने में मदद करते है। इसलिए अगर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है तो आपको चौलाई को लेने पर विचार करना चाहिए।
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