Eye Donation: मरने के बाद भी पांच वर्षीय केति की आंखें देखती रहेंगी दुनिया, माता-पिता ने लिया बड़ा फैसला
Agra News मृत्यु उपरांत पांच वर्षीय बेटी का कराया नेत्रदान। एसएन मेडिकल कालेज में अब तक करीब 41 कार्निया दान दी गई हैं। हाल ही में एसएन के पूर्व नेत्र रोग विभागाध्यक्ष के निधन के बाद कार्निया दान की गई थी।

आगरा, जागरण संवाददाता। द इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स आफ इंडिया (आइसीएआइ) की आगरा शाखा के उपाध्यक्ष सीए विवेक अग्रवाल की पांच वर्षीय पुत्री केति अग्रवाल का गुरुवार को सुबह 8.30 बजे आकस्मिक निधन हो गया। परिवार पुत्री की आंखों को दान करेगा, जिससी किसी के अंधेरी जिंदगी में उजियारा हो सके।
आंखें दान करने का लिया फैसला
नार्थ विजय नगर कालोनी निवासी सीए विवेक अग्रवाल ने बताया कि पांच वर्षीय पुत्री केति अग्रवाल के निधन के बाद परिवार ने निर्णय लिया कि उनकी आंखें दान की जाएंगी। एसएन मेडिकल कालेज के नेत्र विभाग की डा. शैफाली मजूमदार के नेतृत्व में टीम ने नेत्रदान कराया। परिवार का कहना है कि नेत्रदान ही मानव की सच्ची सेवा है। हमारी बेटी दूसरों की आंखों की रोशनी बनेगी। बाबा राम प्रकाश अग्रवाल, दादी पुष्पा अग्रवाल, ताऊ शैलेष अग्रवाल, सीए अभिषेक अग्रवाल, भाई परमेष्टि अग्रवाल साथ थे। शाखा अध्यक्ष गौरव बंसल, गौरव सिंघल, सिकासा अध्यक्ष साक्षी विवेक जैन, आयुष गोयल आदि ने शोक जताया।
एसएन में दान कर सकते हैं कार्निया
एसएन मेडिकल कालेज में अंधता से पीड़ित मरीजों की जिंदगी में उजाला नेत्रदान से मिलने वाली कार्निया से हो रहा है। इस वर्ष 41 कार्निया नेत्रदान में मिल चुकी हैं लेकिन कार्निया प्रत्यारोपित कराने वाले मरीजों की संख्या बहुत अधिक है। मृत्यु होने के छह घंटे के अंतराल पर नेत्रदान कराया जा सकता है, एसएन मेडिकल कालेज की टीम एक काल पर घर पर पहुंच कर नेत्रदान करा रही है।
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छह घंटे में कर सकते हैं नेत्रदान
एसएन की नेत्र बैंक प्रभारी डा. शेफाली मजूमदार ने बताया कि मृत्यु होने के छह घंटे के अंतराल पर नेत्रदान किया जा सकता है, इसके लिए एसएन मेडिकल कालेज की नेत्र बैंक द्वारा हेल्प लाइन नंबर भी जारी किया गया है। इस नंबर पर फोन करते ही कुछ देर में एसएन की टीम पहुंच जाती है और नेत्रदान करा दिया जाता है। नेत्रदान से मिली दो कार्निया से ऐसे लोग जो अंधता के शिकार है उनकी जिंदगी में रोशनी लौट रही है।
ये है हेल्पलाइन नंबर
मृत्यु के छह घंटे के दौरान नेत्रदान
- मृत्यु के बाद आंखों को गीली रूई से ढंक दें। पंखा बंद कर दें, जिससे कॉर्निया में नमी बनी रहे। सिर के नीचे तकिया लगा दें।
- नेत्रदान के दौरान कॉर्निया निकाली जाती है, पूरी आंख नहीं निकाली जाती।
- एसएन के आई बैंक के मोबाइल नंबर पर संपर्क कर नेत्रदान करा सकते हैं।
एसएन की नेत्र बैंक प्रभारी डा. शेफाली मजूमदार ने बताया कि बताया कि जो लोग नेत्रदान करना चाहते हैं वे हेल्पलाइन नंबर 9639592894 पर संपर्क कर सकते हैं।
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