Nadrai Ka Pul: नीचे नदी ऊपर हजारा नहर, यूपी के कासगंज का अनोखा है ये पुल
Nadrai Ka Pul कासगंज के मुहाने पर बसे ग्राम नदरई स्थित झाल का पुल अंग्रेजी शासनकाल की उत्कृष्ट निर्माण कला का ऐतिहासिक उदाहरण पेश कर रहा है। करीब 130 साल से अधिक हो गए हैं इस पुल को बने हुए। आज यहां लोग इसे देखने के लिए आते हैं।

आगरा, जागरण टीम। यूपी का कासगंज शहर, अपने आप में यहां कई नायाब कारीगरी देखने को मिलती है। अंग्रेजी शासनकाल का एक ऐसा ही बेहतरीन उदाहरण है यहां नदरई का पुल। कासगंज के मुहाने पर बसे ग्राम नदरई स्थित झाल का पुल अंग्रेजी शासनकाल में बना था।
नीचे नदी ऊपर हजारा नहर
इस पुल के ऊपर बहती है हजारा नहर और नीचे काली नदी की अविरल धारा, देखते ही बनती है। इतना ही नहीं पुल के बीचों-बीच बनी कोठरियां स्वयं में अनूठा उदाहरण हैं। ऐसे अनुपम दृश्य को देखने के लिए यहां से गुजरने वाले लोग रुककर इसे जी भर देखते हैं। जिला प्रशासन की पहल से यहां बनाया गया पार्क वहां की रौनक बढ़ा रहा है। कासगंज से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर ग्राम नदरई के निकट बना झाल का पुल अंग्रेजी इतिहास की गवाही दे रहा है।
अंग्रेजों ने पुल पर खर्च किया लाखों रुपया
इस पुल के निर्माण में अंग्रेजी हुकूमत ने लाखों रुपए का व्यय किया। जब पुल का निर्माण पूर्ण हो गया तब लोगों को यहां का दृश्य अनुपम लगा। जिसका प्रमुख कारण काली नदी की अविरल धारा के कई सौ फुट की ऊंचाई पर पुल का निर्माण इस तरह से किया गया कि ऊपर से हजारा नहर की निकासी हुई। नदी और नहर के बीचों-बीच यहां कोठरियों का निर्माण किया गया।
130 वर्ष पुराना पुल, ऊपर हजारा नहर तो नीचे काली नदी
नदरई का यह पुल करीब 130 वर्ष पुराना है। उस वक्त जब आज की तरह आधुनिक संसाधन नहीं थे, उस वक्त इस पुल का निर्माण चुनौती से कम नहीं था। पुल आज भी मजबूत है। ऊपर से हजारा नहर बहती है तो नीचे काली नदी बहती है। नदी से कई फुट ऊंचाई पर बने हुए इस पुल एवं नहर के बीच में सुरंग कोठरियों का भी निर्माण किया गया है।
ये है विशेषता
- 1886 में शुरु हुआ था इस पुल का निर्माण।
- 04 वर्ष में बनकर तैयार हुआ था पुल।
- 100 फुट ऊंचाई है इसकी काली नदी से।
लोगों की पानी की समस्या हुई दूर
निर्माण कला का उत्कृष्ट उदाहरण पुल निर्माण के बाद लोगों को देखने को मिला। वहीं क्षेत्रीय लोगों की जलाभाव की समस्या भी दूर हो गई। तब से लेकर आज तक अंग्रेजी कला का बना यह झाल का पुल उत्कृष्ट निर्माण कला की गवाही दे रहा है।
इस पुल के आसपास नहर विभाग ने वर्तमान में कुछ और भी विकास करने का प्रयास किया है। यहां हजारा नहर से पानी रोकने के लिए बांध का भी निर्माण किया गया है।
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