Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    IPL 2026: CSK ने जिस Kartik Sharma पर लगाया दांव, कैसे बना तपकर वो हीरा; मां-बाप के त्याग की असली कहानी

    By Sandeep Kumar Edited By: Prateek Gupta
    Updated: Wed, 17 Dec 2025 11:14 PM (IST)

    आईपीएल 2026 में CSK ने Kartik Sharma पर दांव लगाया है। कार्तिक शर्मा की सफलता के पीछे उनकी मेहनत और माता-पिता का त्याग है। एक छोटे शहर से निकलकर, कार् ...और पढ़ें

    Hero Image

    CSK के लिए खेलने वाले कार्तिक शर्मा। Source Instagram CSK

    जासं, आगरा। मां के गहनों से खरीदी क्रिकेट किट से खेलकर, किराए के खाली प्लाट पर जले हुए नेट के बीच अभ्यास करके और बाबा की पेंशन से खेल के सपने को ज़िंदा रखकर जिस खिलाडी ने अपना सपना नहीं छोड़ा, इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के इतिहास में उसी युवा क्रिकेटर की सबसे महंगी अनकैप्ड बोली लगी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चेन्नई सुपर किंग्स ने 14.20 करोड़ की बोली लगाकर आगरा के युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज कार्तिक शर्मा को टीम में चुना है। उनकी कहानी सिर्फ क्रिकेट की नहीं, पूरे परिवार की तपस्या की है, जिसने हालात से हार मानने के स्थान पर हर अभाव को अपनी ताकत में बदल कर इस सपने को सच कर दिखाया।

    उभरते क्रिकेटरों को कार्तिक से प्रेरणा लेना चाहिए। संघर्ष, त्याग और अटूट विश्वास से गढ़ी गई इस सफलता के पीछे मां के मौन बलिदान और पिता के अधूरा सपना का असाधारण योगदान छिपा है। आइपीएल की चकाचौंध के बीच कार्तिक शर्मा के इस सफर, सोच और संकल्प पर उनसे विशेष बातचीत हुई।

    प्रश्न: जब आपके नाम के लिए नीलामी 14.20 करोड़ तक पहुंची, तो मन में क्या चल रहा था?

    कार्तिक: वह पल मेरे लिए सपने जैसा नहीं, संघर्ष की पूरी फिल्म था। आंखों के सामने मां की टूटी चूड़ियां, बाबा की पेंशन की पासबुक और पापा की मेहनत तैर रही थी। मुझे लगा, आज मेरा नहीं, मेरे पूरे परिवार का चयन हुआ है।

    प्रश्न: आपके पिता का सपना आपके जीवन की दिशा कैसे बना?

    कार्तिक: पापा 28 साल की उम्र में चोट के कारण क्रिकेट से बाहर हो गए थे। उस दिन उन्होंने तय किया था कि अब मेरा सपना तू जिएगा। उन्होंने खुद को पीछे कर दिया और मेरी जिंदगी को आगे कर दिया। मैं आज भी मैदान में उतरते वक्त यही सोचता हूं कि पापा का अधूरा सपना मेरे हाथों से पूरा हो रहा है।

    प्रश्न: सबसे दर्दनाक लेकिन निर्णायक मोड़ कौन सा रहा?

    कार्तिक: जब लोगों ने जलन में हमारी गेंद फेंकने वाली मशीन चुरा ली और नेट जला दिया। उस रात पापा पहली बार चुप थे लेकिन सुबह बोले कि अब रुकेंगे नहीं। उसी दिन मैंने समझ लिया कि क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, जिम्मेदारी है।

    प्रश्न: मां के त्याग को शब्दों में कैसे बयान करेंगे?

    कार्तिक: मां ने कभी शिकायत नहीं की। जब अंडर-14 में चयन हुआ और किट के पैसे नहीं थे, उन्होंने अपने गहने उतार दिए। एक लाख से ज्यादा की किट सिर्फ मां के विश्वास से आई। मेरी हर पारी मां के मौन बलिदान की कहानी है।

    प्रश्न: बाबा की पेंशन और परिवार की भूमिका?

    कार्तिक: बाबा की पेंशन से घर चलता था। पापा ने पढ़ाना छोड़ दिया ताकि मेरी ट्रेनिंग न रुके। भाई ने दुकान खोली। यह एक खिलाड़ी की नहीं, पूरे परिवार की सफलता है।

    प्रश्न: सीएसके और लेजेंड एमएस धोनी से क्या उम्मीदें हैं?

    कार्तिक: धोनी सर सिर्फ कप्तान नहीं, स्कूल हैं। उनसे खेल की समझ, संयम और नेतृत्व सीखना चाहता हूं। सीएसके ने मुझ पर भरोसा किया है, अब मेरा कर्तव्य है उसे निभाना।