Kacha Badam Song: 'काचा बादाम' से रातोंरात इंटरनेट पर स्टार बने भुबन की सक्सेस स्टोरी, बोले उम्मीद नहीं थी कि ऐसे बदल जाएगी जिंदगी
Kacha Badam Song पं. बंगाल के बीरभूमि के रहने वाले गायक भुबन बादायकर ने शेयर किया अपना अनुभव। आगरा में बोले सुकून भरी थी जिंदगी अब फेमस हो गया। ताजमहोत्सव में उनकी प्रस्तुति पर झूमे युवा। साथ में सेल्फी लेने के लिए भी लोग रहे आतुर।

आगरा, जागरण संवाददाता। इंटरनेट मीडिया में वायरल हुए एक वीडियो से स्ट्रीट वेंडर से सेलेब्रिटी बने प. बंगाल के बीरभूम के भुबन बादायकर ने जिंदगी में आए बदलाव पर कहा कि पहले उनकी जिंदगी सुकून से भरी थी। वह बांग्ला भाषा में गाना गाते हुए काचा बादाम (मूंगफली) बेचा करते थे। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि काचा बादाम गाते-गाते वह इतने फेमस हो जाएंगे। अब तो हर कोई उनके साथ सेल्फी और फोटो खींचने को बेकरार रहते हैं।
ताज महोत्सव में भी छाए
ताज महोत्सव में प्रस्तुति देने आए भुबन ने शिल्पग्राम स्थित ग्रीन रूम में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि उन्हें आगरा में जनता का प्यार और आशीर्वाद दोनों मिले हैं। बहुत अच्छा लग रहा है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया का स्वयं को फेमस करने के लिए आभार जताया। रियलिटी शोज और महोत्सव में बुलाए जाने पर उन्होंने कहा कि उनकी जिंदगी अब पूरी तरह बदल गई है। सौरभ गांगुली ने उन्हें अपने घर बुलाया था और गिफ्ट भी दिया। एक बार फिर काचा बादाम की बिक्री करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि समय मिलेगा तो जरूर काचा बादाम बेचूंगा। म्यूजिक कंपनी द्वारा वीडियो रिकॉर्ड करने के बाद कम पैसे दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह दुआ करेंगे कि वह और बड़ा बने।
बादाम बादाम दादा काचा बादाम
इंटरनेट मीडिया में वायरल हुए वीडियो से दुनियाभर में सेंसेशन सेलिब्रिटी बने "बादाम बादाम दादा काचा बादाम...' फेम प. बंगाल के वीरभूम के भुबन बादायकर और जयपुर के स्वराग बैंड के नाम ताज महोत्सव में गुरुवार की शाम रही। भुबन की प्रस्तुति देखने व सुनने का क्रेज दर्शकों में दिखाई दिया। वहीं, स्वराग बैंड ने इंस्ट्रूमेंटल फ्यूजन के साथ सुरों की तान छेड़ी तो दर्शकों में उत्साह का संचार हो उठा। दर्शक दीर्घा में सीटियों के साथ तालियां गूंज उठीं।
भुबन बादायकर शिल्पग्राम के मुख्य मंच पर करीब 9:30 बजे पहुंचे। चेक शर्ट, पेंट और चप्पलें पहने और गले में छोटा झोला लटकाए भुबनइ के मंच पर नजर आते ही दर्शक काचा बादाम... चिल्लाने लगे। उन्होंने मंच पर आने के बाद दर्शकों का अभिवादन किया। उन्होंने शुरुआत बीरभूम ते बाड़ी अमार, नाम ते होये भुबन... से की। इसके साथ ही दर्शक उनके सुरों के साथ झूमना शुरू हो गए। भुवन ने इसके बाद अमार गांव शोराबो तोरे... सुनाया। इसके बाद ब्रज के लोक संगीत में उन्होंने बैठा लीलो ना गोपाल मुचे डीलो न... सुनाया। अंत में जब उन्होंने काचा बादाम... सुनाया तो दर्शक झूमने लगे। वंस मोर वंस मोर की फरमाइश गूंजने लगी। इसके बाद उन्होंने एक बार फिर काचा बादाम... गाया। संचालन श्रेया गोस्वामी ने किया।
भुबन की प्रस्तुति के बाद जयपुर के स्वराग बैंड ने मंच संभालने के साथ इंस्ट्रूमेंटल फ्यूजन के साथ राजस्थानी गीतों व सूफी संगीत का तड़का लगाया। गायक आसिफ खान की अगुआई में मंच पर सितार, तबला, ड्रम, गिटार, झप, सेक्सोफोन, खड़ताल की जुगलबंदी ने दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। केसरिया बालम पधारो म्हारे देश..., मेरा रशके कमर..., दमादम मस्त कलंदर..., आफरीन-आफरीन की प्रस्तुति पर देर रात तक युवा नाचते रहे। तबले पर नौबत बजाकर प्रस्तुति दी तो दर्शक सुध-बुध भूल मगन हो उठे। सितार पर आरिफ खान, तबले पर सैफ अली खान, ड्रम पर साजिद खान, गिटार पर ओलवीन, वेस्ट गिटार पर साहिल, सेक्सोफोन पर तसरुफ अली, मोरचंग व खड़ताल पर आरिफ खलवा ने संगत की।
स्टेज पर पहुंच गए युवा
उत्साही युवक भुबन की प्रस्तुति के दौरान मंच पन चढ़ गए और सेल्फी लेने की कोशिश करने लगे। व्यवस्था संभाल रहे लोगों ने उन्हें अलग किया। वहीं, उनकी प्रस्तुति के बाद पुलिसकर्मियों में भी भुबन के साथ फोटो व सेल्फी लेने का क्रेज देखने को मिला। दर्शक वीडियो बनाने के साथ फेसबुक लाइव करने लगे।
अरुणाचल प्रदेश के कलाकारों ने दी मोहक प्रस्तुति
अरुणाचल प्रदेश से आए कलाकारों ने गुरुवार को शिल्पग्राम में अपनी प्रस्तुति में भारत दर्शन कराए। गेक गास्यो स्यो..., गिदिन्दक गास्यो स्यो, कापू-कापो, चोचिक-न्योनिक के साथ अरुणाचल प्रदेश के फ्यूजन की मोहक प्रस्तुति दी। लखनऊ से आईं पूर्णिका श्रीवास्तव ने कथक व भरतनाट्यम का फ्यूजन किया। शिवदेश ने गजल गायन किया। मंच संचालन दिनेश श्रीवास्तव व उत्कर्ष पांडेय ने किया।
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