Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jyeshtha Purnima 2022: किस्मत के बंद दरवाजे खाेलने हैं तो ज्येष्ठ पूर्णिमा पर करना न भूलें ये 5 उपाय

    Jyeshtha Purnima 2022 14 जून को इस वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत एवं पूजन होगा। हिंदी पंचांग का ज्येष्ठ मास तीसरा महीना होता है। ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा पर कुछ विशेष उपाय करने से मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है।

    By Tanu GuptaEdited By: Updated: Mon, 13 Jun 2022 02:26 PM (IST)
    Hero Image
    14 जून को इस वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत एवं पूजन होगा।

    आगरा, जागरण संवाददाता। ज्येष्ठ माह में आने वाली पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व है। धार्मिक दृष्टिकोण से पूर्णिमा के दिन स्नान और दान-धर्म करने का विधान है। इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। माना गया है कि ऐसा करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है। इसके साथ ही इस दिन दान करने से पितरों का भी भला होता है और उन्हें मुक्ति की प्राप्ति होती है। इसीलिए इस दिन ख़ास तौर पर महिलाओं को व्रत करने की सलाह दी जाती है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शंकर व भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिये।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ज्योतिषाचार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा के अनुसार इस वर्ष ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि 14 जून मंगलवार को है। आमतौर पर इस दिन से श्रद्धालु गंगा जल लेकर अमरनाथ यात्रा के लिये निकलते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह हिन्दू वर्ष का तीसरा महीना होता है। इस समय में धरती पर प्रचंड गर्मी रहती है और कई नदी व तालाब सूख जाते हैं या उनका जल स्तर कम हो जाता है। इसलिए इस महीने में जल का महत्व अन्य महीनों की तुलना में बढ़ जाता है।

    व्रत का महत्व और पूजा विधि

    ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नान, ध्यान और पुण्य कर्म करने का विशेष महत्व है। इसके साथ ही यह दिन उन लोगों के लिये भी बेहद महत्वपूर्ण होता है, जिन युवक और युवतियों का विवाह होते होते रुक जाता है या फिर उसमें किसी प्रकार की कोई बाधा आ रही होती है। ऐसे लोग यदि आज के दिन श्वेत वस्त्र धारण करके शिवाभिषेक करें और भगवान शिव की पूजा करें तो उनके विवाह में आने वाली हर समस्या दूर हो जाती है।

    ज्येष्ठ पूर्णिमा के उपाय

    1- इस विशेष दिन पीपल के पेड़ पर भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी वास करती हैं। इसलिए यदि कोई व्यक्ति एक लोटे में पानी भर कर उसमें कच्चा दूध और बताशा डालकर पीपल के पेड़ को अर्पित करता है तो इससे उस व्यक्ति को रुका हुआ धन प्राप्‍त होगा और उसे बिज़नेस में भी लाभ मिलेगा।

    2- इस दिन दंपत्ति को चंद्र देव को दूध से अर्ध्य देना चाहिए। इससे उनके जीवन में आ रही हर छोटी-बड़ी समस्या दूर हो जाती है। यह काम पति या पत्‍नी किसी के भी द्वारा किया जा सकता है।

    3- पूर्णिमा की रात यदि कोई किसी कुएं में एक चम्‍मच से दूध डालता है तो उसका भाग्‍य चमक जाता है। साथ ही यदि उसे किसी भी जरूरी कार्य में कोई बाधा आ रही होती है तो वो भी तुरंत दूर हो जाती है।

    4- यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में कोई ग्रह दोष है तो उसे दूर करने के लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा को पीपल और नीम की त्रिवेणी के नीचे विष्णु सहस्त्रनाम या शिवाष्टक का पाठ करना सबसे बेहतर होगा।

    5- ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्‍मी की तस्वीर पर 11 कौड़ियां चढ़ा कर उस पर हल्‍दी से तिलक लगाना चाहिए। इसके पश्चात अगली सुबह इन्‍हें किसी लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होती है।

    ज्योतिषाचार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा