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Mukhtar Ansari Death : पिता की मौत की खबर सुनकर गुमसुम हुआ जेल में बंद अब्बास अंसारी, पुलिस वालों से कहा- मुझे अखबार पढ़ना है

बांदा जेल में निरुद्ध मुख्तार अंसारी की मृत्यु गुरुवार की रात में हो हो गई थी मगर यहां जिला कारागार में निरुद्ध उसके बेटे अब्बास अंसारी को रातभर इसकी कोई भनक नहीं लगी। वह अपनी बैरक में चैन से सोया। सुबह उठकर उसने नित्य क्रियाएं कीं। सुबह 830 बजे जेल प्रशासन ने उसे उसके पिता की मृत्यु हो जाने की जानकारी दी।

By Jagran News Edited By: Mohammed Ammar Published: Fri, 29 Mar 2024 03:03 PM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2024 03:03 PM (IST)
Mukhtar Ansari Death : पिता की मौत की खबर सुनकर गुमसुम हुआ जेल में बंद अब्बास अंसारी, पुलिस वालों से कहा- मुझे अखबार पढ़ना है
पिता की मौत की खबर सुनकर गुमसुम हुआ जेल में बंद अब्बास अंसारी

जागरण संवाददाता, कासगंज : पूर्वांचल के माफिया डान मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी अपने पिता की मृत्यु से रातभर अंजान रहा। शुक्रवार को सुबह जेल प्रशासन ने जब उसे यह खबर दी तो वह बिलख उठा। कुछ देर तक फूट-फूटकर रोया। इसके बाद एकदम शांत हो गया और अखबार मांगने लगा। जेल प्रशासन ने उसे खबर की कटिंग उपलब्ध करा दी। उधर, कारागार परिसर के साथ ही बाहर भी सतर्कता बढ़ा दी गई।

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सुबह साढ़े 8 बजे दी गई जानकारी

बांदा जेल में निरुद्ध मुख्तार अंसारी की मृत्यु गुरुवार की रात में हो हो गई थी, मगर यहां जिला कारागार में निरुद्ध उसके बेटे अब्बास अंसारी को रातभर इसकी कोई भनक नहीं लगी। वह अपनी बैरक में चैन से सोया। सुबह उठकर उसने नित्य क्रियाएं कीं। सुबह 8:30 बजे जेल प्रशासन ने उसे उसके पिता की मृत्यु हो जाने की जानकारी दी। यह सुनते ही पहले तो वह अविश्वास जाहिर करने लगा और फिर बिलख-बिलखकर रोने लग गया।

परिजनों से फोन पर की 20 मिनट बात

कुछ देर बाद एकदम से शांत हो गया और अखबार मांगने लगा। जेल प्रशासन ने उसे उसके पिता की मृत्यु की खबर की कटिंग पढ़ने के लिए उपलब्ध करा दी। इसके बाद वह बैरंग गुमसुम होकर कभी बैठ जाता तो कभी टहलने लग जाता। उसने इस दौरान मोबाइल फोन पर अपने स्वजन से बात करने की इच्छा व्यक्त की। इस पर जेल प्रशासन ने कारागार में उसके स्वजन के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर उसकी बात कराईं। उसने करीब बीस मिनट तक बात कीं। इस दौरान वह रोया भी।

सीसी कैमरों से रखी जा रही नजर

उधर, जेल प्रशासन ने अब्बास अंसारी की बैरक की निगरानी बढ़ा दी। बंदी रक्षकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही बैरक में लगे सीसी कैमरों के माध्यम से कंट्रोल रूप से अब्बास की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। डिप्टी जेलर संदीप भाष्कर बैरक पर नजर बनाए हुए हैं। उधर, जेल के बाहर भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। जेल क्षेत्र की पचलाना चौकी पर क्यूआरटी (क्विक रेसपोंस टीम) तैनात कर दी गई है। चौकी स्टाफ के साथ डेढ़ सैक्सन पीएसी भी वहां तैनात है। आपात स्थिति से निपटने के लिए फायर ब्रिगेट की दमकर भी खड़ी करा दी गई है।

13 माह 15 दिन से जिला जेल में है अब्बास अंसारी

माफिया मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी यहां जिला जेल में 13 माह 15 दिन से निरुद्ध है। मऊ से विधायक अब्बास पहले चित्रकूट जेल में निरुद्ध था। वह उसकी पत्नी निखत बानो उससे अवैध रूपसे मिलती थी। जेल प्रशासन सुविधाएं उपलब्ध कराता था। यह मामला पकड़ा जाने पर अब्बास को चित्रकूट से 14 फरवरी 2023 को यहां की जेल में भेजा गया था। उसे यहां हाई सिक्टोरिटी बैरक में रखा गया है।

जेल के मध्य में बनी हाई सिक्टोरिटी बैरक में वह शुरू से अकेला ही रह रहा है, जबकि एक बैरक दो बंदियों के रहने की व्यवस्था है। यह बैरक इस तरह से बनाई गई है कि बाहर से अंदर बंदी पर नजर रखी जा सकती है, मगर बंदी को बाहर का कोई दृश्य दिखाई नहीं देता। साथ ही इसमें सीसी कैमरे लगे हैं, उनके माध्यम से बंदी की निगरानी कंट्रोल रूप से की जाती है।

गुरुवार को ही मिलने आई थी पत्नी निखत

अब्बास अंसारी की पत्नी निखत बानो उससे गुरुवार को ही मिलने आई थी। जेल परिसर में सीसी कैमरों की निगरानी में दोनों की 35 मिनट बातचीत हुई थीं। इस दौरान बंदी रक्षक भी उन पर निगाह रखे हुए थे। खुद जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह भी इस दौरान जेल परिसर में भ्रमण करते रहे थे। दोनों के बीच क्या बातें हुईं, इसकी स्पष्ट जानकारी तो नहीं मिल सकी, मगर नजदीकी सूत्रों ने बताया कि अब्बास ने पत्नी से पिता का हालचाल जाना था। स्वजन के बारे में भी पूछा था।

अब्बास की यहां पैरवी कर रहे अधिवक्ता केशव मिश्रा ने बताया कि अब्बास की की पत्नी उससे मिलने के लिए सप्ताह में तीन बार मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को आती है। इसके लिए उसने लखनऊ में स्पेशल न्यायालय से परमीशन ले रखी है। उन्होंने यह भी बताया कि पिता के जनाजे में अब्बास शामिल हो सके, इसके लिए स्वजन प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया था, मगर वहां शुक्रवार को बैंच नहीं बैठी। अब स्वजन सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।

मुख्तार अंसारी की मृत्यु की जानकारी हमें खुद मीडिया के माध्यम से शुक्रवार को सुबह हुई। इसके बाद उसे भी बैरक में पहुंचकर यह जानकारी दे दी गई। पिता की मृत्यु पर अब्बास अंसारी का दुखी होना स्वाभाविक है। न्यायालय या शासन से कोई निर्देश मिलेगा तो जरूर उसे उसके पिता के अंतिम संस्कार के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच भेजा जाएगा।

विजय विक्रम सिंह, जेल अधीक्षक


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