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    Kalpataru Group of Companies: कई राज्‍यों में वांछित कल्पतरू ग्रुप के मालिक जयकृष्ण राणा की मौत, हो गया था कोरोना संक्रमण

    By Prateek GuptaEdited By:
    Updated: Sat, 17 Apr 2021 11:31 AM (IST)

    कई राज्यों से चिट फंड कंपनी में कराया था निवेश धोखाधड़ी के पचास से अधिक मामले थे दर्ज। पुलिस ने घोषित कर रखा था 15 हजार रुपये का ईनाम भगोड़ा घोषित था। नयति हॉस्‍पीटल में उपचार के दौरान तोड़ा दम। मथुरा के एसएसपी गौरव ग्रोवर ने दी जानकारी।

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    कई राज्‍यों में वांछित कल्‍पतरू ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक जयकृष्‍ण राना की कोरोना वायरस से मौत हो गई है।

    आगरा, जेएनएन। कई राज्यों के किसान और निवेशकों का करोड़ों रुपये लेकर भूमिगत रहे कल्पतरु ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक जयकृष्ण सिंह राणा की शनिवार को कोरोना से मौत हो गई। मृतक ने चिट फंड कंपनियां खोलकर गुजरात, यूपी, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में अपना नेटवर्क फैलाकर एजेंटों के माध्यम से निवेशकों से कंपनी में रकम जमा कराई और उसको हड़प गया। आरोपित के खिलाफ विभिन्न थानों में चार दर्जन से अधिक मुकदमा दर्ज थे। पुलिस ने जेके राणा की गिरफ्तारी पर पंद्रह हजार रुपये का ईनाम और भगोड़ा भी घोषित कर दिया।

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    चंदन वन निवासी जेके सिंह राणा कोरोना संक्रमित हो गया था। कोरोना से संक्रमित होने उसे नयति अस्पताल में भर्ती कराया गया। रात को उसकी मौत हो गई। एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने भी राणा की मौत की पुष्टि की। जय कृष्ण सिंह राणा ने कल्पतरु ग्रुप आफ कंपनीज का मालिक था। उसने कल्पतरु बिल्डटैक कंपनी का मुख्यालय थाना फरह क्षेत्र के गांव चुरामुरा पर खोला था। जेके सिंह राणा ने गुजरात, यूपी, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में अपना नेटवर्क फैला रखा था। चिट फंड कंपनी, भूखंड और फ्लैट में लोगों के निवेश कराए। करोड़ों रुपये की ठगी करने के बाद जय कृष्ण राणा फरार हो गया। चंदनवन स्थित अपनी दो कोठियों पर इंडियाबुल्स कंपनी से करोड़ों रुपये का कर्ज भी ले लिया। बाद में कंपनी ने इन कोठियों को नीलाम कर दिया। आयकर विभाग का भी करीब 80 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स बकाया था। बकाए की वसूली के लिए आयकर विभाग ने केबीसीएल इंडिया लिमिटेड, कल्पतरु परिसर औरंगाबाद, मेसर्स कल्पतरु बिल्डटैक कारपोरेशन लिमिटेड की चल अचल संपत्ति को कुर्क कर लिया था। चुरमुरा में उसने किसानों की भी जमीन खरीद ली थी और बैनामा कराने के बाद उनकी भुगतान नहीं किया। आगरा के मलपुरा निवासी धाराजीत ने छह दर्जन लोगों के साथ थाना फरह में एक साथ चौदह मुकदमे राणा के खिलाफ दर्ज कराए थे। पानीपत, गोरखपुर, देवरिया, सिद्धार्थ नगर, महराजगंज और बलिया के निवेशकों ने भी थाना फरह में राणा के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए थे। वर्ष 2003 में राणा के खिलाफ सेबी ने राणा के 250 से अधिक कार्यालयों को बंद कराकर सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को कार्रवाई किए जाने के निर्देश भी जारी किए थे।