Jagran Film Festival: फिल्म द ताज स्टोरी सिर्फ विवाद और चर्चा के लिए नहीं, इतिहास की नई दृष्टि है...
आगरा में जागरण फिल्म फेस्टिवल में 'ताज स्टोरी' की टीम ने फिल्म के विषय और विवादों पर बात की। निर्देशक ने स्पष्ट किया कि फिल्म किसी धार्मिक भावना को आहत नहीं करती, बल्कि ताज के इतिहास पर एक नई दृष्टि प्रदान करती है। कलाकारों ने फिल्म को तथ्यों पर आधारित और जनचेतना को जगाने वाली बताया। फिल्म 31 अक्टूबर को रिलीज होगी।

सर्व मल्टीप्लेक्स , एसआरके माल में दैनिक जागरण द्वारा आयोजित फिल्म फेस्टिवल के दौरान द ताज स्टोरी फिल्म पर चर्चा करते बाएं से अभिनेता जाकिर हुसैन, डायरेक्टर तुषार अमरीश गोयल व अभिनेत्री स्नेहा वाघ। जागरण
जागरण संवाददाता, आगरा। आगरा-दिल्ली हाईवे स्थित सर्व मल्टीप्लेक्स में चल रहे दैनिक जागरण और रजनीगंधा के बहुप्रतीक्षित जागरण फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन फिल्म ताज स्टोरी की टीम मंच पर पहुंचीं। निर्देशक तुषार अमरीश गोयल, अभिनेता जाकिर हुसैन और अभिनेत्री स्नेहा वाघ ने फिल्म के विषय, विवादों और इसके उद्देश्य पर खुलकर चर्चा की।
फिल्म निर्देशक तुषार अमरीश गोयल ने स्पष्ट कहा कि ताज स्टोरी फिल्म न तो हिंदू-मुस्लिम विवाद पर आधारित है और न ही किसी धार्मिक भावना को आहत करती है। सिर्फ एक संदेश देती है कि ताज सिर्फ इमारत नहीं, इतिहास की जीवंत बहस है, जिसे समझना, परखना और नए सिरे से देखना जरूरी है।
जागरण फिल्म फेस्टिवल में पहुंचीं फिल्म ताज स्टोरी की स्टार कास्ट
तुषार अमरीश गोयल का कहना था कि यह फिल्म ताजमहल या तेजोमहालय विवाद पर नहीं, बल्कि उस दृष्टिकोण की कहानी है जो वर्षों से लोगों के मन में प्रश्न बनकर खड़ा है। हमने इस विषय को भावनात्मक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और शोधपरक दृष्टि से देखा है। यह फिल्म का विचार तब आया, जब मैंने देखा कि ताजमहल को लेकर न्यायालय में याचिकाएं दायर की जा रही हैं। इसके बाद मैंने चार वर्षों तक इससे जुडे ऐतिहासिक स्रोतों, दस्तावेजों और अभिलेखों का अध्ययन किया।
इस शोध के दौरान मुझे कई ऐसे तथ्य मिले, जिन पर आज तक व्यापक चर्चा नहीं हुई। इसके बाद मैंने कही कहानी रची है, जो कोर्टरूम के ईर्दगिर्द चलती है। इसमें रिसर्च और फैक्ट दोनों का संजोयन हैं। इसे देखने के बाद दर्शक स्वयं तय करेंगे कि उन्हें कौन-सी बात सही लगती है।
हम इतिहास नहीं बदल रहे, सिर्फ दृष्टिकोण दिखा रहे हैं
फिल्म में वरिष्ठ अभिनेता जाकिर हुसैन एक महत्वपूर्ण पात्र निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस विषय पर पिछले 70 वर्षों से चर्चाएं हो रही हैं। हर युग में सत्ता अपने हिसाब से इतिहास को गढ़ती आई है। लेकिन हमारी फिल्म किसी धर्म या राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि जनचेतना के स्तर पर प्रश्न उठाती है। फिल्म में वही दिखाया गया है, जो सार्वजनिक दस्तावेजों और पुराने अभिलेखों में दर्ज है। हम कोई नया विवाद खड़ा नहीं कर रहे। अगर इसमें कुछ गलत होता तो मैं इसका हिस्सा नहीं बनता।
दर्शक आज सच देखना चाहता है
फिल्म अभिनेत्री स्नेहा वाघ का कहना था कि फिल्म में मैं परेश रावल की बहू की भूमिका निभा रही हूं, जो कोर्टरूम में उनका साथ देती है। आज सिर्फ जैन जी ही नहीं, प्रत्येक उम्र का दर्शक बहुत बुद्धिमान है। उन्हें सिर्फ काल्पनिक कहानियां नहीं भाती, बल्कि तथ्यों पर आधारित सिनेमा पसंद आता है। यही कारण है कि हमने फिल्म के प्रत्येक संवाद और दृश्य को ऐतिहासिक आधार पर पिरोया है।
विवादों के बीच बढ़ी उत्सुकता
बता दें कि फिल्म का टीज़र जारी होने के बाद ताज स्टोरी को लेकर इंटरनेट मीडिया पर हलचल मच गई है। टीज़र में अभिनेता परेश रावल को ताजमहल का गुंबद हटाते हुए दिखाया गया है, जिसके अंदर से भगवान महादेव का स्वरूप प्रकट होता है। इस दृश्य ने ताजमहल या तेजोमहल की पुरानी बहस को फिर जीवंत कर दिया है। कुछ इसे हिंदू-मुस्लिम विवाद को हवा देने वाला बताते हुए इसके विषय पर प्रश्न उठा रहे हैं। हालांकि फिल्म निर्देशक ने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ प्रतीकात्मक दृश्य है, हमने किसी धार्मिक स्थल को निशाना नहीं बनाया। यह सिर्फ एक सिनेमैटिक रूपक है, जो सत्य और रहस्य की परतें खोलता है।
फिल्म 31 अक्टूबर को होगी रिलीज
निर्माता सुनील झा के प्रोडक्शन में बनी फिल्म ताज स्टोरी 31 अक्टूबर को रिलीज हो रही है। फिल्म में परेश रावल, जाकिर हुसैन, स्नेहा वाघ, और कई प्रसिद्ध कलाकार नजर आएंगे। जागरण फेस्टिवल में मौजूद दर्शक फिल्म के कलाकारों को अपने बीच पाकर बेहद उत्साहित दिखे और उन्होंने विभिन्न विषयों पर उनसे प्रश्न पूछे और उनके साथ फोटो भी ली।
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