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    IPL Bookie: आइपीएल में दाव खेलने को सटोरियों ने तलाशा नया मैदान

    By Prateek GuptaEdited By:
    Updated: Thu, 17 Sep 2020 06:40 PM (IST)

    सटोरियों ने पुलिस से बचने को दूसरे राज्यों में लगाया सेटअप। 19 सितंबर से शुरू हो रहा है आइपीएल हर साल लगाता है बड़ा सट्टा।

    IPL Bookie: आइपीएल में दाव खेलने को सटोरियों ने तलाशा नया मैदान

    आगरा, जागरण संवाददाता। तूफानी क्रिकेट से भरपूर 19 सितंबर से आइपीएल शुरू हो रहा है। सटोरियों ने इसके लिए 'होम ग्राउंड' छोड़ 'नया मैदान' तलाश लिया है। सट्टेबाजी की नई पिच तैयार है, जमकर चौके-छक्के लगाए जाएंगे। करोड़ों के दांव खेलने को फील्डिंग सेट हो गई है।

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    आइपीएल का क्रिकेट प्रेमियों को बेसब्री से इंतजार है। कोरोना काल में क्रिकेट प्रेमियों ने मैच देखने के लिए तैयारी कर ली है। उसी तरह सट्टेबाज भी तैयार हैं। आइपीएल में करोड़ों का गेम खेलने के लिए सट्टेबाजों ने अपना नया ठिकाना बना लिया है। सूत्रों ने बताया कि आइपीएल के लिए ज्यादातर सट्टेबाज दूसरे राज्यों में चले गए हैं। वहां पर बड़े होटल और अपार्टमेंट में अपना सेटअप लगाया है। स्थानीय स्तर पर उन्होंने अपने लड़के सक्रिय कर दिए हैं, जो हर दिन पेमेंट लेने- देने का काम करेंगे। मैच खत्म होते ही वाट्सएप पर हार-जीत की रकम का पूरा पर्चा आ जाएगा।

    सबके अलग नाम

    सट्टेबाजों ने आइपीएल के लिए अपने क्लाइंटों को अलग-अलग नाम दिए हैं। जैसे किसी को स्मिथ तो किसी को गेल या फिर कोई और नाम दिया है। सबके नंबर मोबाइल में फीड है, मैच के दौरान केवल उसी नंबर से फोन उठाया जाएगा। सभी क्लाइंटों से कहा गया है कि आइपीएल के लिए नया नंबर ले लें, जिसे बाद में बंद किया जा सके।

    बदलते रहते हैं नंबर

    सूत्रों ने बताया कि सट्टेबाज सीरीज के दौरान अपने मोबाइल नंबर और लोकेशन बदलते रहते हैं। जब भी नया नंबर लेते हैं, उसका मैसेज अपने क्लाइंटों को भेज देते हैं, फिर उस नंबर से खेल शुरू हो जाता है।

    नए क्लाइंट की गारंटी जरूरी

    सूत्रों के मुताबिक कोई नया क्लाइंट सट्टा खेलना चाहता है तो उसको सीधे एंट्री नहीं मिलेगी। उसे पहले अपना एक गारंटर लाना होगा, जो उस बुकी को जानता हो। गारंटी लेने वाले की हां पर उसे जोड़ा जाएगा। वहीं, पिछले साल आइपीएल में जिन्होंने बड़े दांव खेले थे, उनसे सटोरियों ने संपर्क साधा है। उनसे आइपीएल के लिए लेन-देन की बात तय हो गई है। सूत्र बताते हैं कि सट्टेबाजों ने क्लाइंटों की लिमिट भी तय कर दी है, जिसने जितना एडवांस जमा कराया है, उसकी लिमिट उतनी रखी गई है।

    इस पर भी खेले जा रहे दांव

    टीम की जीत-हार के अलावा और भी कई चीजों पर सट्टा खेला जाता है। इसमें फाइनल तक कौन-कौन सी टीमें पहुंचेंगी। सबसे ज्यादा रन कौन सा खिलाड़ी बनाएगा। सबसे ज्यादा विकेट कौन लेगा। इसके अलावा चौके-छक्के और शतकों पर भी सट्टा लगता है।

    पुलिस ने भी बिछाया जाल

    आइपीएल के दौरान सट्टेबाजों की सक्रियता को भांपते हुए पुलिस भी सक्रिय हो गई है। मुखबिरों को सक्रिय करने के साथ ही सटोरियों पर शिकंजे का जाल बिछा लिया है। दरअसल, यह अब किसी से छिपा नहीं है कि सट्टेबाजी ने शहर में बड़ा नेटवर्क तैयार कर लिया है। पुलिस ने पिछले साल आइपीएल और विश्वकप के दौरान दर्जनभर से अधिक बुकी गिरफ्तार कर जेल भेजे थे। इनमें से ताजगंज, न्यू आगरा और जगदीशपुरा से गिरफ्तारी हुई थी। शहर में सौ से अधिक बुकी नेटवर्क चला रहा हैं। इनमें से दो दर्जन बड़े बुकी हैं। सिकंदरा, ताजगंज और न्यू आगरा क्षेत्र में सबसे अधिक सट्टेबाजी होती है।