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    अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गैंग का पर्दाफाश: विदेशी नागरिकों को लूटने वाला गिरफ्तार; कॉल सेंटर में नौकरी फिर बनाई गैंग

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 07:16 AM (IST)

    एसटीएफ ने आगरा में एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है जिसमें विदेशी नागरिकों से ठगी की जाती थी। गिरोह का सरगना कोलकाता से संचालित होता था और चीन में बैठा एक ठग विदेशी खाते मुहैया कराता था। ठगी की रकम हवाला के जरिए भारत पहुंचती थी। पुलिस ने एक सदस्य को गिरफ्तार किया है और अन्य की तलाश जारी है।

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    गिरफ्तार अमित कुमार ढांडा और उससे बरामद कार। सौ. पुलिस

    जागरण संवाददाता, आगरा। एसटीएफ ने अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गैंग का पर्दाफाश किया है। जगदीशपुरा से गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया गया है। गैंग का सरगना कोलकाता में बैठकर अमेरिका सहित अन्य देशों के लोगों को कई ईमेल भेजकर शिकार बनाता है। ईमेल चेक करने का झांसा देकर कंप्यूटर को रिमोट पर लेकर खातों से रुपये उठाए जाते हैं।

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    चीन में बैठा साइबर ठग गैंग को विदेशी बैंक खाते मुहैया कराता है। इन खातों में जमा कराई गई ठगी की रकम को दुबई में मौजूद एजेंट हवाला के जरिए साइबर ठगों तक पहुंचाता है। पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है। गैंग के सदस्य अब तक सौ से अधिक लोगों को शिकार बनाकर करोड़ों की ठगी कर चुके हैं।

    कोलकाता से विदेशी नागरिकों से की जा रही ठगी, हवाला से भारत पहुंचती है रकम

    अमेरिका सहित अन्य देशों के लोगों के साथ साइबर ठगी करने वाली गैंग के एक सदस्य को एसटीएफ ने मुखबिर की सूचना पर वायु विहार रोड जगदीशपुरा के पास से रविवार शाम को गिरफ्तार किया है। वह आगरा ताजमहल देखने आया था तभी मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ टीम ने उसे दबोच लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपित ने अपना नाम अमित कुमार ढांडा निवासी ई-5 ग्राउंड फ्लोर सेक्टर 82 गुरुग्राम हरियाणा बताया। पूछताछ में उसने साइबर गैंग का सदस्य होने की बात स्वीकार की।

    चीन में बैठा साइबर ठग मुहैया कराता था विदेशी बैंक खाते

    एसटीएफ के इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने अमित कुमार ढांडा, गैंग के सरगना इरफान मलिक निवासी केंद्रीय प्रभाग पार्क सर्कस, कोलकाता पश्चिम बंगाल के खिलाफ जगदीशपुरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने बताया कि इरफान मलिक काल सेंटर की आड़ में कोलकाता से गैंग का संचालन करता है।

    गैंग के सदस्य विदेशों में रहने वाले वृद्धजन को निशाना बनाकर पहले उन्हें एक के बाद एक कई ईमेल भेजते हैं। इसके बाद खुद को आईटी कंपनी को बताकर संबंधित व्यक्ति को कॉल करने के बाद उसके कंप्यूटर को एनई डेस्क आदि से रिमोट पर लेकर खातों से रुपये उठाते हैं।

    साइबर ठग गैंग को कमीशन देता था

    गिरफ्तार अमित कुमार ढांडा चीन में बैठा साइबर ठग से विदेशी खाते लेकर उन्हें साइबर ठग गैंग को कमीशन पर देता था। इन विदेशी खातों में रुपये जमा कराए जाने के बाद दुबई में बैठे एजेंट के जरिए ठगी की रकम हवाला के जरिए इरफान मलिक के पास पहुंचती है। ठगी की कुल रकम पर पांच प्रतिशत कमीशन अमित को मिलता है।

    एसटीएफ ने आरोपित के पास से एप्पल कंपनी मोबाइल फोन, लैपटाप, इनोवा कार आदि बरामद किए हैं।एसटीएफ इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने बताया कि गैंग के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

    कुल रकम का 65 प्रतिशत मिलता है

    गिरफ्तार किए गए अमित ने बताया कि साइबर ठगी की कुल रकम का 65 प्रतिशत हिस्सा ही कोलकाता में बैठे गैंग के सरगना इरफान के पास आता है। इसमें उसे पांच प्रतशित हिस्सा मिलता है। 35 प्रतिशत रकम हवाला और चीन में बैठा ठग आपस में बांट लेते हैं। कभी-कभी गिफ्ट कार्ड से भी रुपये कोतकाता तक पहुंचाए जाते हैं।

    कॉल सेंटर में नौकरी के बाद बनाई गैंग

    इरफान नोएडा की एक आईटी कंपनी के कॉल सेंटर में नौकरी करता था। यहीं पर उसकी मुलाकात अमित से हुई। महंगे शौक पूरे करने के लिए इरफान ने गैंग बनाई। अधिक रुपये कमाने के लालच में अमित भी गैंग से जुड़ गया। इसी तरह काल सेंटर में 30 से 35 हजार रुपये नौकरी करने वाले अन्य युवा भी गैंग का हिस्सा बन गए। गैंग में हर भाषा के जानकार हैं।

    वाईफाई और ई-सिम का करते हैं इस्तेमाल

    गिरफ्तार किए गए अमित ने बताया कि वह पिछले छह वर्षों से इस गैंग से जुड़ा है। इरफान से मिलने के लिए कोलकाता भी जा चुका है। साइबर ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए वह वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) सिम का इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ ही हाट स्पाट और वाईफाई का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में उनकी लोकेशन ट्रैक नहीं होती है और वह पकड़े नहीं जाते हैं।