आसमान में उड़ते लड़ाकू विमानों में ईंधन भर सकता है भारत, वायुसेना के पास IL-78 और C-295... दोनों में क्या है अंतर?
भारतीय वायुसेना पाकिस्तान से युद्ध की स्थिति में निर्णायक भूमिका निभाने के लिए तैयार है। राफेल और सुखोई जैसे लड़ाकू विमानों के साथ आइएल-78 और सी-295 जैसे रिफ्यूलर विमानों की मौजूदगी से भारतीय वायुसेना और भी शक्तिशाली हो गई है। आसमान में ईंधन भरने की क्षमता से ये विमान युद्ध के दौरान लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम हैं।

जागरण संवाददाता, आगरा। पाकिस्तान से युद्ध की स्थिति में भारतीय वायुसेना निर्णायक भूमिका अदा करेगी। फ्रांस से खरीदे राफेल और रूसी सुखोई जैसे लड़ाकू विमान हमारे पास हैं, तो वहीं आइएल-78 और सी-295 जैसे रिफ्यूलर विमान भी हैं।
आसमान में रिफ्यूलर विमान किसी भी लड़ाकू विमान में ईंधन भर सकते हैं। इससे विमान लंबे समय तक हवा में रहकर दुश्मनों पर वार कर सकता है। वायुसेना इन विमानों का परीक्षण कर चुकी है। वायुसेना की गड़गड़ाहट भी आसमान में खूब सुनाई दे रही हैं। आगरा में सबसे अधिक मालवाहक विमान हैं।
वायुसेना का आगरा सबसे पुराना स्टेशन है। यहां एएन-32, सी-17, आइएल-76, सी-130 जे हरक्युलिस, आइएल-78 और सी-295 विमान प्रमुख रूप से हैं। साथ ही एमआइ-17 हेलीकाप्टर सहित अन्य हैं। अगर पाकिस्तान से युद्ध होता है तो ऐसी दशा में रिफ्यूलर विमानों का अहम रोल होगा।
सेवानिवृत्त कर्नल सीएस त्यागी का कहना है कि वायुसेना के पास राफेल, सुखोई, जगुआर, मिराज-2000, तेजस, मिग-29 सहित अन्य लड़ाकू विमान हैं। युद्ध के दौरान अगर किसी विमान को हवा में ईंधन मिल जाता है, तो उसकी क्षमता और भी बढ़ जाती है। ऐसे में भारतीय वायुसेना के पास रिफ्यूलर विमान अहम रोल अदा करेंगे।
आइएल-78 विमान
यह विमान एक साथ तीन लड़ाकू विमानों को हवा में ईंधन दे सकता है। यह विमान चार इंजन का है। यह विमान वर्ष 2003 से वायुसेना का हिस्सा है। इस विमान में 1.10 लाख किलोग्राम ईंधन लेने जाने की क्षमता है। यह विमान सैन्य सामग्री लेकर भी जा सकता है।
सी-295 विमान
यह विमान भी हवा में लड़ाकू विमानों को ईंधन दे सकता है। यह विमान नौ टन तक की पेलोड की क्षमता वाला है। 70 सैनिक या फिर 49 पैराट्रूपर्स ले जाने की क्षमता रखता है। यह विमान पुराने एवरो-748 बेड़े को बदलने के लिए लाया गया है।
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