Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आगरा में आयकर विभाग से करोड़ों के बैनामों की जानकारी छुपाई, पारदर्शिता की कमी से उठ रहे कई सवाल

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 12:58 PM (IST)

    आगरा में संपत्ति के सौदों से जुड़ी जानकारी को छुपाया गया है। इस मामले में पारदर्शिता की कमी के कारण कई सवाल उठ रहे हैं। सौदे की जानकारी सार्वजनिक न हो ...और पढ़ें

    Hero Image

    आगरा का रजिस्ट्री दफ्तर।

    जागरण संवाददाता, आगरा। आयकर विभाग ने मंगलवार को सदर तहसील स्थित उपनिबंधक द्वितीय के कार्यालय में जांच की। उपनिबंधक के कार्यालय से आयकर विभाग को बैनामों की जानकारी नहीं दी जा रही थी। ऐसे बैनामों की धनराशि का आंकड़ा एक हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जांच में बड़ी संख्या में ऐसे बैनामे भी सामने आए हैं, जिनमें बड़ी मात्रा में नकद भुगतान दिखाया गया है। आयकर विभाग की टीम कार्यालय से रिकॉर्ड तो साथ लाई ही है, उपनिबंधक को भी रिकॉर्ड उपलब्ध कराने को कहा गया है। इससे जमीनों के बड़े सौदे करने वालों पर विभाग शिकंजा कस सकता है।

    बैनामों में बड़ी संख्या में मिला नकद भुगतान, रिकॉर्ड लाई टीम

    संपत्ति की खरीद व बिक्री के 30 लाख रुपये से अधिक के बैनामों की सूचना नियमानुसार आयकर विभाग को देनी होती है। इसके साथ ही बैनामों में 20 हजार रुपये से अधिक का नकद लेन-देन नहीं किया जा सकता है। सदर तहसील स्थित उपनिबंधक द्वितीय नईम राजा के कार्यालय द्वारा इसका पालन नहीं किया जा रहा था।

    उपनिबंधक द्वितीय के कार्यालय में आयकर विभाग ने की जांच

    आयकर विभाग की टीम मंगलवार सुबह करीब 11:30 बजे सदर तहसील स्थित उपनिबंधक द्वितीय के कार्यालय पहुंची। टीम के वहां पहुंचते ही अफरातफरी मच गई। टीम ने उपनिबंधक के कार्यालय में उपलब्ध रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी। विभाग ने वित्तीय वर्ष 2019-20 से लेकर वर्तमान तक करीब साढ़े छह वर्षों में हुए बैनामों की जांच की। सरसरी तौर पर की गई जांच में तीन-चार बैनामे ऐसे भी मिले, जिनमें 20 हजार रुपये से अधिक का भुगतान नकद में किया गया था।

    20 हजार रुपये तक का ही भुगतान नकद में किया जा सकता है

    बैनामे कराते समय 20 हजार रुपये तक का ही भुगतान नकद में किया जा सकता है। उपनिबंधक के कार्यालय में इस नियम का अनुपालन नहीं हो रहा था। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि उपनिबंधक कार्यालय द्वारा करीब 1000 करोड़ रुपये के बैनामों की जानकारी विभाग को उपलब्ध नहीं कराई गई है।

    संपत्ति के सौदों की जानकारी छुपाई

    आयकर विभाग की टीम ने शाम छह बजे तक जांच की। टीम बैनामों का रिकॉर्ड लेकर आई है। उपनिबंधक को भी रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। रिकॉर्ड की जांच कर विभाग ऐसे करदाताओं पर शिकंजा कसेगा, जिन्होंने संपत्ति के सौदों की जानकारी छुपाई है।

    जांच टीम में आयकर अधिकारी वरुण गोयल आयकर निरीक्षक संतोष केसरी व शुभम जायसवाल, कार्यालय अधीक्षक राजकुमार सोनी, कर सहायक प्रखर श्रीवास्तव शामिल थे।