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    Illegal Conversion Racket: अवैध मतांतरण गिरोह का सरगना अब्दुल रहमान दिल्ली से गिरफ्तार, घर से हरियाणा की युवती बरामद

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 03:16 PM (IST)

    Operation Asmita आगरा पुलिस ने अवैध मतांतरण गिरोह के सरगना अब्दुल रहमान को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आरोपी जिसका असली नाम महेंद्र पाल सिंह है 1990 में मतांतरित हुआ था। उसके घर से हरियाणा की युवती बरामद हुई है जिसकी गुमशुदगी रोहतक में दर्ज है। अब्दुल रहमान कलीम सिद्दीकी के नेटवर्क का संचालन कर रहा था।

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    सरगना के घर से मिला साहित्य दिखाते पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार।

    जागरण संवाददाता, आगरा। अवैध मतांतरण गिरोह के सरगना अब्दुल रहमान को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। रोहतक के सांपला से लापता युवती भी उसके साथ थी। युवती का भी मतांतरण हो चुका था। फिरोजाबाद का महेंद्र पाल 1990 में मतांतरण के बाद अब्दुल रहमान बना। कई साल तक वह मुजफ्फरनगर के मौलाना कलीम सिद्दीकी की शागिर्दी में रहा।

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    कलीम के जेल जाने के बाद वह गिरोह की कमान संभाल रहा था। गिरोह में वह रहमान चचा के नाम से जाना जाता था। सामूहिक मतांतरण में कलीम सिद्दीकी और उसके साथियों को 2021 में एटीएस ने गिरफ्तार किया था। 2024 में कलीम और उसके 12 साथियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। गोवा से पकड़ी गई विदेशी फंडिंग को मैनेज करने वाली आयशा से रहमान के संपर्क थे।

    दो बेटियाें के अपहरण की जांच के बाद हुआ था मतांतरण का पर्दाफाश

    आगरा के जूता कारोबारी की दो बेटियों के अपहरण की जांच कर रही पुलिस ने अवैध मतांतरण गिरोह का पर्दाफाश करते हुए छह राज्यों से 10 लोगों को गिरफ्तार किया था। सभी पुलिस रिमांड पर हैं। पूछताछ में गोवा से गिरफ्तार आयशा (पूर्व नाम एसबी कृष्णा) ने अब्दुल रहमान का नाम बताया था। उसने बताया था कि विदेश से आने वाले फंड को रहमान चचा के कहने पर ही भेजती थी।

    पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि सोमवार सुबह दिल्ली के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र मुस्तफाबाद में अब्दुल रहमान के घर पर छापा मारा गया। आरोपित को गिरफ्तार करने के साथ ही पुलिस ने रोहतक की युवती को भी उसके घर से बरामद किया है। सांपला थाने में 12 नवंबर, 2024 को युवती की गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी।

    बड़ी संख्या में पुस्तकें मिलीं

    अब्दुल रहमान के घर से बड़ी संख्या में मतांतरण की पुस्तकों के अलावा इस्लाम से संबंधित साहित्य मिला है। इसमें जाकिर नाइक, कलीम सिद्दीकी द्वारा साहित्य के साथ ही खुद अब्दुल रहमान की लिखी पुस्तक इस्लाम और बहुजन समाज, आतंकवाद और इस्लाम, रिटर्निंग योर ट्रस्ट एवं बंधुत्व शामिल हैं। अब्दुल रहमान से प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि 1990 में वह फिरोजाबाद से मजदूरी करने दिल्ली गया था। वहां पर कलीम सिद्दीकी के संपर्क में आया। मतांतरण के बाद महेंद्र पाल सिंह से अब्दुल रहमान बन गया। कलीम सिद्दीकी के साथ वह भी मतांतरण कराने लगा। पुलिस आयुक्त ने बताया कि दिल्ली की नेहा नाम की युवती की तलाश जारी है। 

    कलीम ग्लोबल पीस सेंटर की आड़ में कराता था मतांतरण

    मुजफ्फरनगर के कलीम सिद्दीकी की मेडिकल एंट्रेस एग्जाम में 57वीं रैंक आई थी। मेडिकल की पढ़ाई छोड़कर वह मौलाना बना। ग्लोबल पीस सेंटर, शाहीन बाग (दिल्ली) नाम की संस्था की आड़ में मतांतरण का नेटवर्क चलाने लगा। इसके लिए खाड़ी देशों से करोड़ों की फंडिंग आती थी।

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