Illegal Conversion Racket: डार्क वेब से जुड़े गैंग के सदस्य, रहमान कुरैशी ने फिलिस्तीन के लिए की क्राउड फंडिंग
Illegal Conversion Racket आगरा में अवैध मतांतरण गिरोह के सदस्य रहमान कुरैशी द्वारा फिलिस्तीन के लिए क्राउड फंडिंग करने का मामला सामने आया है। वह क्रिप्टो करेंसी और डॉलर के माध्यम से फिलिस्तीन में आर्थिक मदद भेजता था। रहमान द सुन्ना नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाता है और उसके पाकिस्तानी संपर्कों का भी पता चला है।

जागरण संवाददाता, आगरा। अवैध मतांतरण गिरोह के सदस्यों से जैसे-जैसे पुलिस की पूछताछ आगे बढ़ रही है, वैसे ही नए-नए पर्दाफाश हो रहे हैं।अब सराय ख्वाजा के रहमान कुरैशी द्वारा फिलिस्तीन के लिए क्राउड फंडिंग करने की बात सामने आई है।
शनिवार को अपने ऑफिस में पत्रकार वार्ता कर पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने इसके संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रहमान क्रिप्टो करेंसी के साथ ही डालर का भी फिलिस्तीन में आदान-प्रदान करता था।
सदर की दो बहनों को जाल में फंसाने वाले अवैध मतांतरण गिरोह के 11 सदस्य कोर्ट के आदेश पर पुलिस कस्टडी रिमांड पर हैं। इनसे लगातार पुलिस व केद्रीय जांच व खुफिया एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं।
यूट्यूब चैनल चलाने वाले ने डॉलर और क्रिप्टो करेंसी भी जुटाई थी
इसी गैंग का सदस्य सराय ख्वाजा में रहने वाला रहमान कुरैशी रिमांड पर है। वह यूट्यूब चैनल द सुन्ना चलाता है। उसके चैनल के 1.60 लाख सबस्क्राइबर हैं। रहमान कुरैशी के संपर्क में दो पाकिस्तानी तनवीर अहमद और साहिल अदीम थे। गिरोह के गई अन्य सदस्य डार्क वेब के माध्यम से जुड़े थे।
पुलिस आयुक्त ने दी जानकारी
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि रहमान कुरैशी का गिरोह में अहम रोल है। उसका पाकिस्तान के साथ ही फिलिस्तीन में भी नेटवर्क है। फिलिस्तीन में रहने वाले मुस्लिमों को वह आर्थिक मदद पहुंचाता था। इसके लिए उसने क्राउड फंडिंग भी की। क्राउड फंडिंग के बाद उसने डॉलर और बिट क्वाइन के माध्यम से आर्थिक मदद फिलिस्तीन तक पहुंचाई। इसके साक्ष्य भी पुलिस को मिले हैं।
मदद वालों की की जाएगी जानकारी
दीपक कुमार ने बताया कि उसने फिलिस्तीन में जिनकी मदद की वे लोग कौन हैं? इसकी जानकारी की जा रही है। माना जा रहा है कि इस्लाम से जुड़े लोगों की आर्थिक मदद के लिए ही उसने यह किया है। अभी रहमान कुरैशी से पूछताछ के साथ ही साक्ष्यों का संकलन किया जा रहा है।
मोबाइल, लैपटाप का डाटा रिकवर करने में जुटी दिल्ली से आई विशेषज्ञों की टीम
विदेशों से हुई फंडिंग के साक्ष्य जुटाने के साथ रिकवर कर रही डाटा -दो दिन दिन-रात काम कर रही पांच सदस्यीय टीम जासं, आगरा: मतांतरण गिरोह के सदस्याें के मोबाइल और लैपटाप का डाटा रिकवर करने के लिए दिल्ली से साइबर क्राइम विशेषज्ञों की आइटी टीम बुलाई गई है। पांच सदस्यीय टीम दो दिन से लगातार काम कर रही है। आरोपितों के मोबाइल और लैपटाप खंगाल रही है।
14 सदस्यों का डाटा खंगालेगी पुलिस
मतांतरण गिरोह के मुख्य आरोपित दिल्ली के अब्दुल रहमान, आगरा के रहमान कुरैशी समेत 14 सदस्यों के मोबाइल एवं लैपटाप में महत्वपूर्ण डाटा है। इसमें देश-विदेश से फंडिंग समेत अन्य डिजिटल साक्ष्य मौजूद हैं। गिरोह के सदस्यों ने मोबाइल से काफी डाटा डिलीट भी कर दिया था।
आगरा साइबर क्राइम थाना और सेल इसे रिकवर करने में जुटा है। जिसमें उनकी मदद के लिए साइबर क्राइम विशेषज्ञों की टीम को दिल्ली से बुलाया गया है। इसमें आइआइटी के विशेषज्ञ हैं। टीम ने गिरोह के अधिकांश सदस्यों के माेबाइल का डाटा रिकवर कर लिया है।
अब्दुल रहमान और आयशा के संपर्क में थे सभी रिवर्ट
अवैध मतांतरण गिरोह का प्रत्येक सदस्य दिल्ली के अब्दुल रहमान और गोवा की आयशा उर्फ एसबी कृष्णा के संपर्क में था। अब्दुल रहमान गिरोह का मुख्य सरगना है। पुलिस द्वार अब तक जितने भी सदस्यों को पकड़ा गया, युवतियों को मुक्त कराया गया, सभी अब्दुल रहमान व आयशा के संपर्क में थे।
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि गिरोह के संपर्क में अलीगढ़, बरेली, रायबरेली, हरियाणा के रोहतक, झज्जर, उत्तराखंड के देहरादून की युवतियां आई थीं। जिन्हें मतांतरण के लिए बहकाया गया था। कई युवतियां को पुलिस परिवार के सिपुर्द कर चुकी है।

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