Agra News: ताजमहल के नजदीक अवैध निर्माण सील, पूर्व पार्षद सुनील राठौर गिरफ्तार
आगरा के ताजगंज में ताजमहल के पास तांगा स्टैंड पर अवैध निर्माण को पुलिस एएसआई और एडीए की संयुक्त टीम ने सील कर दिया। एएसआई की शिकायत पर पूर्व पार्षद के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और हंगामा करने पर उन्हें शांति भंग में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई की जिसमें एडीए की लापरवाही भी सामने आई।

जागरण संवाददाता, आगरा। ताजमहल के नो कंस्ट्रक्शन जोन में ताजगंज तांगा स्टैंड पर हो रहे अवैध निर्माण पर मंगलवार को कार्रवाई की गई। पुलिस, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और एडीए की संयुक्त टीम ने अवैध निर्माण सील कर दिया।
एएसआई की तहरीर पर ताजगंज थाना में अवैध निर्माण करने पर प्राचीन स्मारक, पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम में स्मारक के विनियमित क्षेत्र में बिना अनुमति के निर्माण करने पर पूर्व पार्षद के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं, सीलिंग के समय पूर्व पार्षद द्वारा हंगामा करने पर पुलिस ने उसे शांति भंग में पाबंद कर न्यायालय में पेश किया। वहां से उसे जेल भेज दिया गया।
पुलिस, एएसआई व एडीए की संयुक्त टीम ने की कार्रवाई
ताजगंज तांगा स्टैंड के पास करीब एक माह से टिन शेड की आड़ में अवैध निर्माण चल रहा था। एएसआई ने इसे रुकवाने को ताजगंज थाना में सात अगस्त को तहरीर दी थी। 13 अगस्त को एडीए को भी पत्र भेजा था। एडीए के इंजीनियरों ने इसकी सुध नहीं ली। दैनिक जागरण ने मंगलवार के अंक में इस खबर को प्रमुखता से 'बाहर लगी रही सील, ताज के पास हो गया अवैध निर्माण' शीर्षक से प्रकाशित किया था। जिम्मेदारों की भूमिका पर सवाल भी उठाए थे। मंगलवार दोपहर पुलिस, एएसआई और एडीए की संयुक्त टीम ताजगंज तांगा स्टैंड पहुंची।
शांति भंग की धारा में पाबंद करते हुए पुलिस ने भेजा जेल
एडीए के इंजीनियरों ने अवैध निर्माण की जानकारी नहीं होने की जानकारी दी। एएसआइ के अधिकारी ने अपनी फाइल सामने रख दी, जिसमें एडीए को 13 अगस्त को भेजा गया पत्र भी शामिल था। टीम जब सीलिंग की कार्रवाई कर रही थी, तभी अवैध निर्माण करा रहे पूर्व पार्षद सुनील राठौर वहां पहुंच गए। उन्होंने हंगामा शुरू किया तो पुलिस उन्हें पकड़कर ताजगंज थाना ले गई। इसके बाद अवैध निर्माण को सील कर दिया गया।
इंस्पेक्टर ताजगंज जसवीर सिंह सिरोही ने बताया कि एएसआइ की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पूर्व पार्षद को शांति भंग में पाबंद करते हुए जेल भेजा गया है।
एडीए ने नहीं दी सील तोड़ने पर तहरीर
एडीए ने वर्ष 2022 में पूर्व पार्षद द्वारा किए जा रहे अवैध निर्माण पर सील लगाई थी। सील तोड़कर अवैध निर्माण करने के मामले में पुलिस ने एडीए को तहरीर देने को कहा था, लेकिन रात तक ताजगंज थाना में एडीए द्वारा तहरीर नहीं दी गई थी।
अधिनियम में सजा व जुर्माना का प्रविधान
पूर्व पार्षद सुनील राठौर के विरुद्ध एएसआई की तहरीर पर प्राचीन स्मारक, पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 (विधिमान्यकरण व संशोधन, 2010) की धारा 30बी में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें संरक्षित स्मारक के विनियमित क्षेत्र में बिना अनुमति के निर्माण या अनुमति का उल्लंघन कर निर्माण करने पर दोषी को दो वर्ष तक की कैद, एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दंडित किए जाने का प्रविधान है।
संरक्षित स्मारक की 100 मीटर की परिधि प्रतिनिषिद्ध क्षेत्र और इस परिधि के बाहर 200 मीटर का दायरा विनियमित क्षेत्र कहलाता है। एएसआइ ने संरक्षित स्मारक बारहखंबा के विनियमित क्षेत्र में अवैध निर्माण करने का मुकदमा दर्ज कराया है।
अवैध निर्माण की सिफारिश में टूटे दलों के बंधन
अवैध निर्माण पर पुलिस द्वारा कार्रवाई किए जाने पर सिफारिश में दलों के बंधन टूटते नजर आए। देहात के एक माननीय ने अवैध निर्माण करने वाले पूर्व पार्षद की सिफारिश की। क्षेत्रीय सपा नेत्री तो अधिकारी के आफिस तक पहुंच गईं। पूर्व पार्षद के 2017 से 2022 तक सपा के टिकट पर पार्षद चुने जाने का हवाला देकर मुकदमे के बजाय चेतावनी देकर छोड़ने के लिए कहा।
ध्वस्त होगा अवैध निर्माण?
संयुक्त टीम के निरीक्षण में नो कंस्ट्रक्शन जोन में हुए अवैध निर्माण को तुरंत ध्वस्त किए जाने का आदेश जारी किए जाने की बात उठी। एएसआई के अधिकारियों ने ध्वस्तीकरण आदेश स्थानीय स्तर से जारी करना संभव नहीं होने और महानिदेशक कार्यालय से ध्वस्तीकरण आदेश जारी होने की बात कही। एडीए के इंजीनियर ने सीलिंग के एक माह बाद ध्वस्तीकरण का आदेश जारी होने की प्रक्रिया की जानकारी दी। जानकार बता रहे हैं कि, नो कंस्ट्रक्शन जोन में हुए अवैध निर्माण का शमन संभव नहीं है। इसे ध्वस्त ही करना होगा।
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