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    ताजमहल की कितनी बची लाइफ, नींव से लेकर इमारत की मजबूती जल्‍द आएगी सामने

    By Prateek GuptaEdited By:
    Updated: Tue, 22 Mar 2022 11:52 AM (IST)

    ताजमहल में मुख्य मकबरे के साथ ही स्मारक के बंद हिस्सों की भी जांच। स्मारक की मजबूती को लेकर समय-समय पर उठते रहे हैं सवाल। ताजमहल की मजबूती की परख को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा स्मारक का कंडीशन असेसमेंट कराया जा रहा है।

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    ताजमहल की मजबूती जांचने को एएसआइ ने अध्‍ययन शुरू कर दिया है।

    आगरा, निर्लोष कुमार। दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल कहीं कमजोर तो नहीं हो गया है। यमुना की ताज से बढ़ती दूरी के बाद उसकी नींव सही-सलामत तो है। करीब 375 वर्ष पूर्व ताजमहल के निर्माण में प्रयुक्त हुए चूने के मसाले की पकड़ मजबूत है या नहीं। निर्माण में प्रयुक्त की गईं आयरन क्लैंप में जंग तो नहीं लगी है। इन्हीं सवालों का जवाब जानने और ताजमहल की मजबूती की परख को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा स्मारक का कंडीशन असेसमेंट कराया जा रहा है। डाटा कलेक्शन के बाद उसका विश्लेषण व अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। भविष्य में स्मारक में किए जाने वाले संरक्षण कार्यों में यह रिपोर्ट सहायक होगी।

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    370 साल पहले बना था ताजमहल

    मुगल शहंशाह शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण मुमताज महल की स्मृति में वर्ष 1632-48 के मध्य कराया था। इसे बने हुए 370 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है। लंबे समय से ताजमहल की सलामती को लेकर सवाल उठते रहे हैं।

    साल की लकड़ी पर टिकी है नींव

    ताजमहल की नींव यमुना किनारे बनाए गए कुओं और उनमें प्रयुक्त हुई साल की लकड़ी पर टिकी है। विशेषज्ञ यमुना की ताजमहल से बढ़ती दूरी के चलते साल की लकड़ी को नमी नहीं मिलने से नींव की मजबूती को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। वहीं, स्मारक के इस्तेमाल में प्रयुक्त की गई आइरन क्लैंप में जंग लगने व उनके फूलने पर पत्थर कई जगह से चटकने के साथ गिरते भी रहे हैं। इसके चलते समय-समय पर ताजमहल की मजबूती की परख करने की मांग उठती रही है। इन्हीं कारणों के चलते एएसआइ द्वारा ताजमहल का कंडीशन असेसमेंट कराया जा रहा है।

    गुरुग्राम की कंपनी को सौंपी गई जिम्‍मेदारी

    गुरुग्राम की मैसर्स पीआइक्यूएल इस काम को कर रही है। 11 मार्च से उसने असेसमेंट का काम शुरू किया था, जो 26 मार्च तक चलेगा। उसकी सात सदस्यीय टीम अत्याधुनिक उपकरणों की सहायता से इस काम में जुटी हुई है। टीम में विदेशी विशेषज्ञ भी शामिल हैं। कंडीशन असेसमेंट के पहले चरण में स्मारक का थ्रीडी सर्वे कर डाटा एकत्र किया जा रहा है।

    इन हिस्‍सों में हो रही है जांच

    स्मारक की नींव, दीवारों, मुख्य मकबरा, रायल गेट, पूर्वी, पश्चिमी व दक्षिणी गेट के साथ ही स्मारक के बंद हिस्सों का भी सर्वे किया जा रहा है। मुख्य मकबरे के अंदर टीम सर्वे का काम कर चुकी है। डाटा एकत्र होने के बाद उसका विश्लेषण व अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। भविष्य में यह रिपोर्ट विभाग द्वारा स्मारक में किए जाने वाले संरक्षण कार्यों में उपयोगी साबित होगी। अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. राजकुमार पटेल ने बताया कि दिल्ली मुख्यालय के स्तर से ताजमहल की कंडीशन असेसमेंट का काम कराया जा रहा है। अभी केवल डाटा एकत्र किया जा रहा है।

    ड्रोन का भी इस्तेमाल

    ताजमहल के कंडीशन असेसमेंट में ड्रोन कैमरे का भी इस्तेमाल हो रहा है। इसके लिए एएसआइ द्वारा जिला प्रशासन से अनुमति ली गई है। 18 मार्च को ड्रोन उड़ाया जा चुका है। 21 मार्च और 25 मार्च की अनुमति भी एएसआइ के पास है।

    यहां भी हो रहा है असेसमेंट

    ताजमहल के अलावा एएसआइ द्वारा महाराष्ट्र के अजंता स्थित गुफाओं और मध्य प्रदेश के भीमबैठका स्थित राक शैल्टर्स में बनीं राक पेंटिंग्स का भी कंडीशन असेसमेंट किया जा रहा है। देशभर से तीन स्मारक कंडीशन असेसमेंट को चुने गए हैं।

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