आगरा, अमित दीक्षित। रुड़की स्थित सेना छावनी में तैनात सहायक लेखा अधिकारी इमामी खान को पाकिस्तानी युवती ने हनीट्रैप कर भारतीय सेना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर लीं। आरोपित इमामी खान सिकंदरा का रहने वाला है और आगरा में भी तैनात रह चुका है। यहां उसके साथ काम करने वाले लोगाें ने भी व्यवहार में अंतर को महसूस किया था।

ये भी पढ़ेंः पाकिस्तानी महिला के हनी ट्रैप में फंसा सेना का अकाउंटेंट, भेजे टॉप सीक्रेट, केस दर्ज

फोन आने पर निकल जाता था बाहर

सेना में सहायक लेखाधिकारी इमामी खान की कार्यशैली संदिग्ध रही। यूवती का जब फोन आता था, वह कार्यालय से बाहर निकल कर उससे बात करते थे। फोन आने के दौरान अगर कोई कर्मचारी या फिर अन्य व्यक्ति उनके पास आ जाता था तो वह भड़क जाते थे। उनके इसी रवैया के चलते उच्च अधिकारियों ने उन्हें कार्यशैली में सुधार की चेतावनी भी दी थी। लगातार शिकायतें मिलने के बाद उनका तबादला रुड़की कर दिया गया था।

आगरा में ही हुई पढ़ाई

सिकंदरा निवासी इमामी खान की प्रारंभिक शिक्षा आगरा में ही हुई है। लगभग एक दशक पूर्व इमामी खान लेखाधिकारी बने थे। इमामी खान हंसमुख स्वभाव के थे और हर किसी के कार्य को करने के लिए तत्पर रहते थे। कोविड-19 के बाद से इमामी खान के व्यवहार में अचानक बदलाव आया। वह कार्यालय से बाहर निकलकर लंबे समय तक फोन पर बातें करते रहते थे।

यहां तक व्हाट्सएप को पल-पल चेक करते रहते थे। इसके चलते उनके साथियों ने कई बार उन्हें आगाह किया था। कुछ ने इस बात को लेकर मजाक भी उड़ाया है लेकिन इमामी खान के ऊपर इसका कोई असर नहीं पड़ा। सूत्रों के अनुसार इमामी खान के पास सबसे अधिक फोन दोपहर में आते थे।

निर्धारित समय से पहले ही व कार्यालय से कई बार निकल जाते थे। इमामे खान द्वारा जिस तरीके से कार्य किया जा रहा था, उसे लेकर कई बार उच्चाधिकारियों ने नाराजगी जताई। इसके बाद इसकी शिकायत मुख्यालय में की गई। कई साथियों ने युवती से बातचीत को लेकर इंटरनेट मीडिया पर भी इसे लेकर कमेंट किया गया।

यह तो होना ही था

सहायक लेखा अधिकारी इमामी खान द्वारा जिस तरीके से युवती से बात की जा रही थी उसे देखकर कर्मचारी किसी बड़े षड्यंत्र में फंसने का अंदेशा जता रहे थे। जिस तरीके से हनीट्रैप के आरोप में इमामी को गिरफ्तार किया गया है, इसकी जानकारी कर्मचारियों को भी हो गई है। हर कोई यही कह रहा है कि यह तो एक न एक दिन होना ही था।

पहले भी कई अधिकारी फंस चुके हैं

आगरा एयरफोर्स स्टेशन में पांच साल पूर्व एक अधिकारी हनी ट्रैप का शिकार हो गए थे। अधिकारी पाकिस्तानी युवती से लगातार व्हाट्सएप पर चैट कर रहे थे। साथ ही कई अहम जानकारियां भी युवती को उपलब्ध करवाई थी सोशल मीडिया के माध्यम से अधिकारी उसके संपर्क में आए थे। एयरफोर्स स्टेशन में लंबे समय तक तैनात रहे एक अधिकारी सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी युवती के संपर्क में आए।

सोशल मीडिया पर ही युवती ने अपना नंबर शेयर कर दिया और फिर व्हाट्सएप के माध्यम से संबंधित अधिकारी से युवती की बातें होने लगी। आरोप थे कि अधिकारी ने कई गोपनीय दस्तावेज युवती को उपलब्ध कराए। इस पूरे मामले की गोपनीय जांच करवाई गई, जिसमें अधिकारी को दोषी पाया गया था। 

Edited By: Prateek Gupta