पिता हॉकर और बेटा हिमांशु नकली दवाओं का 'बादशाह', सरगना बबलू दवाई... नकली दवा के छापा में 1 करोड़ लेकर पहुंचा था
आगरा में नकली दवाओं के कारोबार में हे मां मेडिको के संचालक हिमांशु अग्रवाल को रिश्वत देते हुए गिरफ्तार किया गया। वह 15 साल से इस धंधे में लिप्त है और उसका चाचा बबलू दवाई गिरोह का सरगना है। औषधि विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत भी सामने आई है। पुलिस अन्य संदिग्ध दवा कारोबारियों की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, आगरा। नकली और नारकोटिक्स की दवाओं के अवैध कारोबार में हे मां मेडिको के संचालक हिमांशु अग्रवाल को 'बदशाह', के नाम से जाना जाता है। इस पूरे गिरोह का सरगना हिमांशु अग्रवाल का चाचा बबलू दवाई है, वह पिछले कई वर्षों से लखनऊ से काम करने लगा है। यहां उसके परिवार के अन्य सदस्य दवा का काम करते हैं। बबलू दवाई 2021 में बल्केश्वर के दवा व्यापारी की हत्या के मामले में जेल भी जा चुका है।
हिमांशु अग्रवाल ने नकली दवाइयों और नारकोटिक्स से करोड़ों की कमाई की
एसटीएफ और औषधि विभाग की टीम को नकली दवा गोदाम से हटाने और कोई कार्रवाई ना करने के लिए बैग में रखकर एक करोड़ रुपये रिश्वत देने पहुंचा हे मां मेडिको का संचालक हिमांशु अग्रवाल 15 वर्ष से नकली और नारकोटिक्स की दवाओं का काम कर रहा है।
पिता हॉकर का काम करते थे
सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय के अनुसार, जांच में सामने आया है कि हिमांशु अग्रवाल के पिता पवन हॉकर का काम करते थे, उनके परिवार के ही बबलू दवाई ने दवा की दुकान खोली। उस समय कोडीन युक्त कफ सिरप बांग्लादेश सहित कई राज्यों में अवैध तरीके से सप्लाई होता था, इससे करोड़ों की कमाई की। इसके बाद हिमांशु अग्रवाल ने हे मां मेडिको खोल ली। उसके बाद बबलू दवाई के साथ मिलकर नारकोटिक्स और नकली दवाओं की बिक्री करने लगा।
औषधि विभाग के अधिकारियों से भी नजदीकी सामने आई है, हे मां मेडिको से नियमित नमूने लेने की प्रक्रिया के तहत भी टीम जांच के लिए नहीं गई।
बंसल मेडिकल का भी खंगाला जा रहा रिकॉर्ड
गोगिया मार्केट स्थित बंसल मेडिकल को शुक्रवार को सील कर दिया गया था। संचालक के स्वजनों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, शाम को छोड़ दिया गया। बंसल मेडिकल का नारकोटिक्स की दवाएं, नकली दवाओं की बिक्री करने वाले गिरोह से संबंध की जांच की जा रही है। इनके द्वारा जिन कंपनियों की दवाओं की बिक्री की जाती है, उनसे भी पूछताछ की जाएगी।
नकली दवा से बचने के लिए ये करें
- दवा खरीदते समय बिल जरूर लें, नामचीन दुकानों से दवा खरीदें
- दवा लेने के बाद भी तबीयत में सुधार ना हो तो डाक्टर से संपर्क कर दवा बदलवा लें, दवा नकली हो सकती है
- दवा पर शक होने पर एक से ज्यादा पत्ते के क्यूआर कोड को स्कैन कर देख लें, एक ही ब्योरा आए तो नकली हो सकती है
एक दर्जन कारोबारी नकली दवा के अवैध धंधे में फंसे, मोबाइल की भी जांच
हिमांशु अग्रवाल के मोबाइल की भी जांच की जा रही है, कार्रवाई के दौरान उसकी दवा कारोबारियों के साथ ही औषधि विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कराने वाले लोगों से भी बात हुई है। एक दर्जन दवा कारोबारी चिह्नित किए गए हैं, जो नकली दवा के अवैध कारोबार में शामिल हो सकते हैं।
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