High Profile Drama: 11 माह में भी नहीं सुलझा आगरा के नामचीन डॉक्टर टंडन बंधुओं का विवाद
High Profile Drama हरीपर्वत के बाग फरजाना में डॉ. अनुराग टंडन पर उनके घर में ही जानलेवा हमला हुआ था।
आगरा, जागरण संवाददाता। शहर के नामचीन डॉक्टर टंडन बंधुओं के बीच का विवाद 11 माह में भी सुलझ नहीं पाया है। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने के बाद सात माह से पूरे मामले पर यथास्थिति बनी हुई है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने इस पर प्रोसीडेंटिंग स्टे के आदेश दिए थे। दोनों पक्षों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नामित मध्यस्थ की मौजूदगी में मीडिएशन होना था। मगर, यह भी फेल हो गया। इसके बाद से अभी तक इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में तारीख नहीं लग पाई है।
हरीपर्वत के बाग फरजाना में डॉ. अनुराग टंडन पर उनके घर में ही जानलेवा हमला हुआ था। इस मामले में उनकी पत्नी डॉ. पारुल टंडन ने जेठ डॉ. अमित टंडन, जेठानी डॉ. वैशाली टंडन समेत पांच के खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें डॉ. अमित टंडन के कर्मचारी राहुल को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। डॉ. अमित की पत्नी वैशाली टंडन ने भी कोर्ट के आदेश पर डॉ. अनुराग टंडन समेत अन्य पर मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा था। इससे बचने को डॉ. अमित टंडन ने हर पैतरा अपना लिया। पहले हाईकोर्ट गए फिर डीजीपी के सामने प्रार्थना पत्र देकर विवेचना कानपुर स्थानांतरित करा ली। इसके बाद भी बात नहीं बनी तो वे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। 20 दिसंबर को उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी। आठ जनवरी को इस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हरीपर्वत थाने में दर्ज मुकदमों की प्रोसीङ्क्षडग स्टे करने के आदेश दिए। साथ ही दोनों पक्षों की सुलह कराने को मध्यस्थ लैला विला पल्ली को नामित कर दिया। अमित टंडन के अधिवक्ता कृष्णकांत शर्मा ने बताया कि 13 से 14 फरवरी तक लगातार 28 घंटे तक दिल्ली में दोनों पक्षों को बैठाकर सुलह के प्रयास किए। मगर, सुलह नहीं हो सकी। मध्यस्थ की ओर से फरवरी में सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दी गई। इसके बाद तीन मार्च को केस सुप्रीम कोर्ट में टेकअप होना था, लेकिन नहीं हो सका। इसके बाद से कोई तारीख ही नहीं लग पा रही है। इधर, पुलिस सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण कार्रवाई आगे नहीं बढ़ा पा रही है। एसएसपी बबलू कुमार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश मिलने पर इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इंस्पेक्टर और चौकी प्रभारी हो चुके हैं निलंबित
इस हाईप्रोफाइल मामले में मुकदमे की धारा कम करने में तत्कालीन इंस्पेक्टर हरीपर्वत प्रवीन कुमार मान और चौकी प्रभारी निलंबित हो चुके हैं। इसके बाद दोबारा धाराएं बढ़ा दी गईं।
कब क्या हुआ
- 6 सितंबर को डॉ. अनुराग टंडन पर जानलेवा हमला हुआ।
-13 अक्टूबर को डॉ. अमित टंडन का कर्मचारी राहुल जेल भेजा गया।
- 13 अक्टूबर को डॉ. अमित टंडन पर एसएसपी ने 10 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया।
16 दिसंबर को हाईकोर्ट ने डॉ. अमित टंडन का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। उनकी पत्नी वैशाली टंडन को अग्रिम जमानत मिल गई।
- 20 दिसंबर को तत्कालीन डीजीपी ओपी ङ्क्षसह ने मुकदमे की विवेचना कानपुर स्थानांतरित कर दी।
- 25 दिसंबर को पुलिस ने मुकदमे में नामजद राहुल, दिनेश और उमाशंकर के खिलाफ चार्जशीट लगा दी।
- 8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने मीडिएशन के आदेश दिए।
- 13-14 फरवरी को मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नामित मध्यस्थ की मौजूदगी में मीडिएशन हुआ।