Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हर घंटे बदलती है प्लेटलेट काउंट

    हेलो डॉक्टर डेंगू सहित वायरल बुखार और मलेरिया में प्लेटलेट काउंट कम होने से तीमारदार परेशान होने लगते हैं। जबकि यह सामान्य प्रक्रिया है, वैसे भी हर घंटे प्लेटलेट काउंट बदलते हैं। बुखार के मरीजों में 10 दिन में काउंट सामान्य हो जाते हैं। वहीं अल्कोहल का सेवन करने वाले और लिवर सिरोसिस के मरीजों में प्लेटलेट काउंट कई माह तक 50 से 60 हजार के बीच में रहते हैं। गुरुवार को दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में एसएन के पूर्व डीन मेडिसिन विभाग प्रो. एके गुप्ता ने सवालों के जवाब दिए।

    By JagranEdited By: Updated: Fri, 03 Nov 2017 12:09 AM (IST)
    हर घंटे बदलती है प्लेटलेट काउंट

    हेलो डॉक्टर

    डेंगू सहित वायरल बुखार और मलेरिया में प्लेटलेट काउंट कम होने से तीमारदार परेशान होने लगते हैं। जबकि यह सामान्य प्रक्रिया है, वैसे भी हर घंटे प्लेटलेट काउंट बदलते हैं। बुखार के मरीजों में 10 दिन में काउंट सामान्य हो जाते हैं। वहीं अल्कोहल का सेवन करने वाले और लिवर सिरोसिस के मरीजों में प्लेटलेट काउंट कई माह तक 50 से 60 हजार के बीच में रहते हैं। गुरुवार को दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में एसएन के पूर्व डीन मेडिसिन विभाग प्रो. एके गुप्ता ने सवालों के जवाब दिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सवाल - 15 दिन से सर्दी जुकाम है, बुखार भी आ रहा है।

    नरेश यादव, आगरा, राकेश कुमार फतेहाबाद

    जवाब - वायरल संक्रमण को सही होने में सात से 10 दिन लगते हैं, यह सही नहीं हो रहा है, तो बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो सकता है, डॉक्टर से परामर्श लें।

    सवाल - तेज बुखार के साथ खांसी और पीला बलगम आ रहा है।

    ऊषा सिंघल, फतेहपुर सीकरी

    जवाब - बुखार के साथ पीला बलगम आने पर संक्रमण फेफड़ों तक फैलने की आशंका है, इसके लिए एंटी बैक्टीरियल दवाओं के साथ ब्रोंकोडायलेटर भी लेने की जरूरत है।

    सवाल - क्या डेंगू के सभी मरीजों में प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है इसके कम होने से खतरा रहता है?

    पूनम सिंह, राधा रमण आगरा

    जवाब - डेंगू के सभी मरीजों में प्लेटलेट काउंट कम नहीं होते हैं। स्वस्थ व्यक्ति में एक लाख से 4.50 लाख प्लेटलेट काउंट होते हैं। तीन से 10 दिन तक प्लेटलेट काउंट कम होती है, काउंट 10 हजार तक पहुंचने पर कोई खतरा नहीं है, इससे कम होने और ब्लीडिंग होने पर जंबो पैक की जरूरत होती है।

    सवाल - 50 साल की उम्र है, कभी गर्मी लगती है तो कभी सर्दी।

    ऊषा शर्मा, कमला नगर

    जवाब - थायरॉयड की जांच करा लें, इसके कारण भी समस्या हो सकती है।

    सवाल - करेला, जामुन, नींबू और बाबा रामदेव के उत्पादों से मधुमेह ठीक हो सकता है।

    आशा, आरडी शर्मा, आगरा

    जवाब - मधुमेह रोगियों में पहले एक साल में खानपान में बदलाव और देसी उपचार से शुगर का स्तर कम हो सकता है, लेकिन एक साल बाद दवाओं की जरूरत होती है। देसी इलाज और उत्पादों से यह बीमारी ठीक नहीं हो सकती है, उम्र बढ़ने के साथ दवाओं की डोज बढ़ाने की जरूरत होती है।

    प्लेटलेट काउंट 10 हजार तक पहुंचने पर खतरा नहीं

    ब्लड के कंपोनेंट में से एक प्लेटलेट है, यह कैपेलरीज में से ब्लड को बाहर निकलने से रोकते हैं। डेंगू, मलेरिया, वायरल संक्रमण और लिवर सिरोसिस में प्लेटलेट काउंट कम होने लगते हैं। यह 10 हजार तक पहुंच जाए और ब्लीडिंग न हो, तो घबराएं नहीं। प्लेटलेट काउंट पांच हजार तक पहुंचे या पेशाब, मुंह के रास्ते खून आने लगे तो खतरा होता है। यह भी कंट्रोल हो जाता है, दवाएं देने से प्लेटलेट काउंट पर कोई असर नहीं पड़ता है, यह शरीर खुद बनाता है और हर घंटे प्लेटलेट काउंट बदलती रहती है।

    मधुमेह और ब्लड प्रेशर का रिपोर्ट के आधार पर इलाज

    अक्सर मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर के मरीज तबियत में सुधार होने पर दवाएं बंद कर देते हैं या दवाओं की डोज कम कर देते हैं। यह गलत है, मधुमेह और ब्लड प्रेशर का इलाज रिपोर्ट के आधार पर होता है। दवाएं लेने से शुगर का स्तर सामान्य रहने पर डोज कम की जाती है, तो 10 से 15 दिन बाद दोबारा जांच करा लें। इससे पता चल जाएगा कि डोज कम करने से शुगर का स्तर बढ़ने, तो नहीं लगा है।

    ये हैं लक्षण

    डेंगू - यह वायरल संक्रमण है, पहले दो दिन आंखों के आसपास दर्द रहता है, 24 घंटे बुखार और शरीर में दर्द होता है। ठंड भी लग सकती है। शरीर पर लाल चकत्ते बन जाते हैं।

    मलेरिया - ठंड लगकर बुखार आता है। जब तक बुखार रहता है शरीर में दर्द रहता है। दिन में एक से दो बार बुखार उतरता है।

    वायरल बुखार - सर्दी जुकाम के साथ बुखार आता है।

    ये न करें

    - प्लेटलेट काउंट कम होने पर पपीते के पत्तों का रस, बकरी का दूध, कीवी का सेवन ना करें। इससे गेस्ट्राइटिस से उल्टी हो सकती हैं और तबियत बिगड़ सकती है। इससे प्लेटलेट काउंट नहीं बढ़ती है।

    - मधुमेह रोगी यह न समझें कि करेला, जामुन सहित देसी उत्पादों के सेवन से बीमारी ठीक हो सकती है। इसमें शुगर का सामान्य स्तर एलोपैथिक दवाओं, जीवनशैली में बदलाव और तनाव मुक्त जिंदगी जीने से ही इलाज हो सकता है।

    - थायरॉयड के मरीज टीएसएच की रिपोर्ट सामान्य आने पर दवा लेना बंद न करें, डॉक्टर से परामर्श लेकर डोज एडजस्ट करा सकते हैं लेकिन डेढ़ माह बाद दोबारा जांच कराएं, इससे डोज एडजस्ट की जा सकती है।

    प्रोफाइल

    एमबीबीएस - 1974 एसएन मेडिकल कॉलेज

    एमडी - 1978 एसएन मेडिकल कॉलेज

    प्रो. एके गुप्ता, पूर्व डीन मेडिसिन विभाग, एसएन मेडिकल कॉलेज