Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मरीजों की जांच बंद, ऑपरेशन के लिए वसूली... 10 मिनट के निरीक्षण में स्वास्थ्य मंत्री को मिली अस्पताल में गंदगी

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 09:29 AM (IST)

    स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने आगरा के जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। अस्पताल में थायराइड जांच बंद होने और ऑपरेशन के लिए वसूली की शिकायत पर नाराजगी जताई। अस्पताल में गंदगी और रोगी कल्याण समिति के बजट का सही इस्तेमाल न होने पर अधिकारियों से जवाब तलब किया। एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के व्यवहार पर भी सवाल उठाए और मरीजों को मुफ्त दवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

    Hero Image
    जिला अस्पताल में निरीक्षण के दौरान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक। जागरण

    जागरण संवाददाता, आगरा। जिला अस्पताल में मरीजों की थायराइड सहित अन्य हार्मोन की जांच बंद हैं, आपरेशन के लिए वसूली की जा रही है। ऐसे में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत शनिवार दोपहर निरीक्षण के लिए जिला अस्पताल पहुंचे स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा व उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को मरीजों की समस्या दिखाई नहीं दी, उन्होंने 10 मिनट में निरीक्षण कर लिया और इमरजेंसी में भर्ती चार मरीजों से भी बात कर ली।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हर 15 मिनट में सफाई के बाद भी उन्हें गंदगी और स्क्रैब पड़ा दिखाई दे गया। गंदगी मिलने और रोगी कल्याण समिति के बजट का मरीजों की सुविधाएं और इलाज पर खर्च ना करने पर प्रमुख अधीक्षक डा. आरके अरोरा से जवाब तलब किया है।

    जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक से बजट का मरीजों के लिए इस्तेमाल न करने पर किया जवाब तलब

    स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री दोपहर 2.40 बजे जिला अस्पताल पहुंचे। दोपहर दो बजे ओपीडी बंद हो जाती है, ओपीडी में कोई मरीज नहीं था। रेडियोडायग्नोनोस्टिक भवन के सामने हेल्प डेस्क को देखने लगे, उसका एक हिस्सा बाहर निकल आया।

    उन्हें बताया गया कि इसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। ओपीडी के सामने पाइप पड़े हुए थे, स्क्रैब और गंदगी थी इस पर प्रमुख अधीक्षक डा. आरके अरोरा को फटकार लगाई। इमरजेंसी में उन्होंने चार मरीजों से इलाज की जानकारी ली। इसके बाद समीक्षा बैठक की।

    अस्पताल में 20 दिन से बंद है जांच की मशीनें

    उधर, जिला अस्पताल में करीब 20 दिन से थायराइड, गुर्दा, लविर सहित महंगी जांच मशीन खराब होने के कारण बंद है। इमरजेंसी के पीछे बने वार्ड में 50 से अधिक मरीज भर्ती थे, 20 बेड के पोस्ट आपरेशन वार्ड में आठ मरीज थे। इनमें सामान्य सर्जरी का कोई मरीज नहीं था, हड्डी की सर्जरी के मरीज भर्ती थे उनसे सर्जरी और इम्प्लांट के नाम पर वसूली की जा रही है।

    जबकि रोगी कल्याण समिति सहित अन्य मद में जिला अस्पताल को बजट मिलता है जिससे इम्प्लांट खरीदे जा सकते हैं। डाक्टर न होने के कारण कैंसर मरीजों की कीमोथेरेपी की सुविधा बंद है, आक्सीजन प्लांट लगा हुआ है लेकिन अक्सर खराब रहता है। मगर, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री वार्ड का निरीक्षण करने नहीं गए। इसलिए उन्हें मरीजों के दर्द का पता नहीं चला।

    अभद्र व्यवहार से एसएन से लौट रहे मरीज, बाजार से खरीद रहे दवाएं

    समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक ने एसएन मेडिकल कालेज के प्राचाय डॉक्टर प्रशांत गुप्ता से मरीजों के बीच में इलाज छोड़कर जाने का कारण पूछा, कहा कि डाक्टरों और कर्मचारियों का मरीजों के प्रति व्यवहार अच्छा नहीं है इसकी लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इसके चलते मरीजों के चिकित्सीय सलाह के विरुद्ध (लामा) छुटटी कराने के मामले बढ़ रहे हैं। मरीजों से बाजार से दवाएं मंगाई जा रही हैं, उन्हें बताया कि सभी दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। निर्देश दिए हैं कि जो दवाएं अस्पताल में उपलब्ध हैं उन्हें बाजार से ना मंगाए।

    बाजार से लेने वाली दवा का जेनेरिक नाम लिखे जिससे मरीज जन औषधि केंद्र से सस्ती दवा ले सके। उन्होंने 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक मनाए जाने वाले सेवा पखवाड़े के तहत महिलाओं और बच्चों के लिए स्वास्थ्य शविरि और रक्तदान शिविर लगाने के निर्देश दिए।

    इस दौरान विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, विधायक भगवान सिंह कुशवाह, एमएलसी विजय शिवहरे, डीएम अरविंद मलप्पा बंगारी, सीडीओ प्रतिभा सिंह, सीएमओ डा. अरुण श्रीवास्तव, आयुष्मान के नोडल अधिकारी डा. नंदन सिंह आदि मौजूद रहे।

    हाथ जोड़कर बोले शराब ना पीएं, ओपीडी में बेहोश हुई बुजुर्ग मरीज

    स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक ने इमरजेंसी में भर्ती नगला कली के संजू की पत्नी ममता से बात की, उन्होंने बताया कि शराब पीते हैं दो यूनिट खून चढ़ा है। उन्होंने हाथ जोड़कर मरीज से कहा कि अब शराब पीना बंद कर दें। छीपीटोला की रहने वाली लक्ष्मी तबीयत खराब होने पर अकेले ही अस्पताल में दिखाने आई थी।

    ओपीडी में बेहोश होकर गिर गईं, नर्सिंग स्टाफ श्री राम शर्मा ने उन्हें भर्ती कराया। स्वास्थ्य मंत्री ने लक्ष्मी की तबीयत के बारे में जानकारी ली, उन्हें खाने में खिचड़ी देने के लिए कहा। मरीजों से पूछा कि इलाज ठीक मिल रहा है, दवाएं बाजार से तो नहीं खरीदनी पड़ रही हैं।

    जिला अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी तरह की दवाएं उपलब्ध हैं। डाक्टरों की कमी के लिए स्थानीय स्तर पर संविदा पर डाक्टर रखे जा सकते हैं। जांच बंद नहीं होनी चाहिए, सर्जरी की संख्या बढ़ाई जाएगी। जिससे सरकारी अस्पतालों से मरीज संतुष्ट होकर जाए इसके निर्देश दिए हैं। ब्रजेश पाठक, उपमुख्यमंत्री स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री

    पैर में चोट लगने पर नौ सितंबर को डाक्टर ने भर्ती किया था, आपरेशन के लिए आठ हजार रुपये लिए हैं। अभी पैर ठीक नहीं है। आशीष, बेलनगंज

    बुखार और खांसी की समस्या है, डाक्टर ने पर्चे पर दवा लिख दी, मशीन खराब होने के कारण जांच नहीं हुई है। निजी लैब से जांच करानी पड़ेगी। ममता, अकोला