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    क्‍या कभी आपके पास भी आया Play Boy बनने का ऑफर, आगरा में पकड़ा गया बड़ा मामला

    By Prateek GuptaEdited By:
    Updated: Tue, 10 Aug 2021 11:28 AM (IST)

    आगरा में साइबर सेल और सदर थाना पुलिस ने गैंग का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपित भेजे जेल। लोन दिलाने और स्पा सेंटर में नौकरी दिलाने के नाम पर भी करते थे ठगी। गैंग के सदस्‍यों ने बताया है कि बड़ी संख्‍या में बेरोजगार इस ऑफर में फंसते रहे।

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    आगरा में गैंग पकड़ा गया है, जो युवाओं को आनलाइन प्‍ले ब्‍वॉय बनने का ऑफर देता था।

    आगरा, जागरण संवाददाता। मौज मस्‍ती और साथ में पैसा। ये ऑफर किसे नहीं पसंद आएगा। ऑनलाइन दिए जाने वाले इस ऑफर के पीछे बड़े गैंग सक्रिय होते हैं। ऐसा ही एक गैंग आगरा में पकड़ा गया है। साइबर शातिरों का ये गैंग प्ले बॉय बनाने के नाम पर युवाओं से ठगी कर रहा था। दूसरे राज्यों के समाचार पत्रों और इंटरनेट मीडिया में लुभावने विज्ञापन देकर वे जाल में फंसाते थे। इसके बाद रकम खातों में जमा करा लेते थे। इतना ही नहीं, यह गैंग लोन दिलाने और महिलाओं के स्पा सेंटर में नौकरी दिलाने के नाम पर भी लोगों से ठगी करते थे। साइबर सेल और सदर थाना पुलिस ने गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर पर्दाफाश कर दिया। तीनों को जेल भेज दिया गया है।

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    सदर थाने में बजाज फाइनेंस के मैनेजर करन गुप्ता ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। उनकी कंपनी के नाम से फर्जी लोन कराने वाला गैंग सक्रिय है। कई लोगों ने कंपनी में आकर शिकायत की और फर्जी लोन एप्रूवल लेटर भी दिखाए थे। इसके बाद उन्होंने एसएसपी से शिकायत की। एसएसपी के निर्देश पर मुकदमा दर्ज होने के बाद साइबर सेल ने जांच शुरू की। साइबर सेल की जांच में तीन शातिरों के नाम सामने आए। साइबर सेल और सदर पुलिस ने शनिवार रात को खेड़ा राठौर के गांव करनपुरी निवासी मुकेश, सोनू शर्मा और बिहार के नालंदा निवासी भोला कुमार को गिरफ्तार किया। इंस्पेक्टर सदर अजय कौशल ने बताया कि आरोपितों से पूछताछ में ठगी के कई तरीकों की जानकारी हुई है। आरोपितों ने बताया कि बेरोजगारों को जाल में फंसाना बहुत आसान है। आजकल युवाओं ऐसे काम की तलाश में रहते हैं, जहां पैसे के साथ मस्ती भी हो। इसी वजह से वे ऑन लाइन प्ले बॉय क्लब के सदस्य बनने के लिए दूसरे राज्यों के समाचार पत्रों में और इंटरनेट मीडिया पर विज्ञापन देते थे।

    विज्ञापन देते ही फोन आना शुरू हो जाते थे। पहले वे युवाओं को बातों के जाल में फंसाते थे। उनसे उनकी फोटोग्राफ ऑनलाइन मंगाते थे। साक्षात्कार के नाम पर उनसे सवाल-जवाब किए जाते थे। इसके बाद उन्हें हिदायत देते थे कि उन्हें कार्य की गोपनीयता बनाए रखनी है। उन्हें महिलाओं की पार्टी में भेजा जाएगा। किसी से अपनी ओर से नहीं बोलना है। ऑन कॉल ऐसी महिलाओं के पास भेजा जाएगा जो अकेली हैं। उन्हें किसी साथी की जरूरत है। इसके एवज में उन्हें पैसा मिलेगा।

    उन्हें किस महिला के पास भेजा गया था? यह बात किसी से साझा नहीं करनी है। ऐसी बातों से युवाओं को भरोसा हो जाता था। शातिर सिक्योरिटी मनी के रूप में अपने खातों में रकम जमा करा लेते थे। ऐसे ही महिलाओं की मसाज के करने के लिए स्पा सेंटर की भर्तियां निकाला करते थे। इसमें भी युवक बड़ी आसानी से जाल में फंस जाते थे। आरोपितों से तीन मोबाइल, तीन फर्जी बजाज फाइनेंस के आइडी कार्ड और दो फर्जी लोन एप्रूवल लेटर बरामद हुए हैं।