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SN की वायरोलाजी लैब में शुरू हुई H3N2 की जांच, सामने आएं ये परेशानियों तो न करें देर, चिकित्सक से लें परामर्श

Agra News आगरा के एसएन मेडिकल कालेज में शुरू हुई जांच 24 घंटे में ही मिल रही रिपोर्ट। श्रेणी सी में शामिल अति गंभीर मरीजों के ही लिए जाएंगे नमूने। ताजनगरी में सर्दी जुकाम बुखार और खांसी के मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaPublished: Sat, 18 Mar 2023 02:25 PM (IST)Updated: Sat, 18 Mar 2023 02:25 PM (IST)
SN की वायरोलाजी लैब में शुरू हुई H3N2 की जांच, सामने आएं ये परेशानियों तो न करें देर, चिकित्सक से लें परामर्श
एसएन मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग में जांच करते स्वास्थ्यकर्मी। जागरण आर्काइव

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा के एसएन मेडिकल कालेज में एच3एन2 की जांच शुरू कर दी गई। पहले दिन दो नमूनों की जांच की गई, दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। एसएन की वायरोलाजी लैब में नमूने पहुंचने के अधिकतम 24 घंटे में रिपोर्ट दे दी जाएगी। श्रेणी सी में शामिल अति गंभीर मरीजों के ही नमूने लिए जाएंगे।

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सर्दी, जुकाम, खांसी की समस्या मरीजों को

इन्फ्लूएंजा ए और एच3एन2 से संक्रमित मरीजों को सर्दी, जुकाम, बुखार और खांसी की समस्या हो रही है। खांसी एक महीने तक ठीक नहीं हो रही है। इन मरीजों की तीन श्रेणी बनाई गई हैं। इसमें से श्रेणी ए और बी में सर्दी जुकाम और बुखार के ऐसे मरीज हैं जिनको दवा देने पर आराम मिल रहा है। इनकी एच3एन2 की जांच नहीं की जानी है। श्रेणी सी के अति गंभीर मरीजों की ही जांच की जाएगी।

तीन घंटे में पूरी होती है जांच

सरकारी और निजी अस्पताल में भर्ती सांस लेने में परेशानी वाले बुखार के अति गंभीर मरीजों के नमूने लेकर एसएन की वायरोलाजी लैब में भेजे जाएंगे। एसएन के माइक्रोबायोलाजी विभाग के अध्यक्ष डा. अंकुर गोयल ने बताया कि एच3एन2 की जांच तीन घंटे में पूरी हो जाती है। नमूने मिलने के अधिकतम 24 घंटे में रिपोर्ट दे दी जाएगी।

घबराएं नहीं, ये करें

  • बुखार आने पर डाक्टर से परामर्श के बाद ही दवाएं लें
  • बुखार के साथ उल्टी दस्त की समस्या होने पर पानी की कमी न होने दें
  • आराम करें और परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमण से बचाएं
  • बेहोशी, सांस लेने में परेशानी होने पर तुंरत अस्पताल में भर्ती हो जाएं

यह होती है परेशानी

  • बुखार के साथ सांस फूलना, सीने में दर्द, रक्तचाप कम होना, बलगम में खून आना, नाखूनों का नीला पड़ना
  • इन्फ्लूएंजा जैसे रोगों से संक्रमित बच्चे, जिन्हें तेज बुखार, खाना न खा पा रहे हों, सांस चलना और सांस लेने में परेशानी
  • मधुमेह, ह्रदय, कैंसर के मरीजों को बुखार के साथ सांस लेने में परेशानी सहित अन्य समस्याएं

लैब शुरू होने के पहले दिन दो नमूनों की जांच की गई, दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। डा. प्रशांत गुप्ता, एसएन के प्राचार्य 


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