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    Thar Accident Update: 15 दिन पहले घर में गूंज रही थीं खुशियां, थार हादसे में हुई इकलौते बेटे आदित्य की मौत

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 08:57 AM (IST)

    आगरा से गुरुग्राम में सड़क दुर्घटना में गैंगस्टर कोर्ट के लिपिक के बेटे आदित्य प्रताप सिंह का निधन हो गया। आदित्य 15 दिन पहले ही घर से गया था। पिता को सुबह खबर मिली और वे गुरुग्राम रवाना हो गए लेकिन परिवार को अभी तक सूचित नहीं किया गया है। आदित्य ने यूनिवर्सिटी मॉडल स्कूल से 12वीं तक पढ़ाई की और बीटेक के बाद नौकरी कर रहे थे।

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    Thar Accident Update: गुरुग्राम में हुए हादसे में बुझा लिपिक के घर का चिराग

    जागरण संवाददाता, आगरा। गुरुग्राम में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर हुए हादसे में गैंगस्टर कोर्ट के लिपिक के घर का चिराग बुझ गया। 15 दिन पहले हंसी खुशी वह यहां से गए थे। शनिवार सुबह मौत की खबर मिलते ही पिता बुरी तरह टूट गए। परिवार के कुछ लोगों के साथ वे गुरुग्राम रवाना हो गए, लेकिन अभी घर में पत्नी व अन्य को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी है। लिपिक का पैतृक घर हाथरस में है।

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    यतेंद्र पाल सिंह गैंगस्टर कोर्ट में हैं लिपिक

    जज कंपाउंड निवासी यतेंद्र पाल सिंह गैंगस्टर कोर्ट में लिपिक हैं। उनका पैतृक घर हाथरस में बस अड्डे के पास विभव नगर में है। यतेंद्र 27 वर्ष से जज कंपाउंड में ही रह रहे हैं। उनके इकलौते बेटे आदित्य प्रताप सिंह शुक्रवार रात दोस्तों के साथ गाड़ी से जा रहे थे। गुरुग्राम में सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई।

    घर में नहीं दी है हादसे की जानकारी

    यतेंद्र पाल सिंह ने बताया कि शनिवार सुबह छह बजे उन्हें फोन से बेटे की मौत की खबर मिली। इसके बाद वे परिवार के लोगों के साथ गुरुग्राम के लिए निकल गए। आदित्य 15 दिन पहले ही घर आया था। अक्सर वह माह में एक बार शनिवार और रविवार के अवकाश पर आता था। शनिवार दोपहर जज कंपाउंड स्थित आवास पर सन्नाटा था। घर में यतेंद्र की पत्नी चित्रलेखा और बेटी श्रष्टि थीं। दोनों को स्वजन ने अभी तक आदित्य की मौत की जानकारी नहीं दी है। आदित्य के कुछ दोस्त घर पर पहुंच गए थे। वे घर पहुंचने वालों को बाहर से ही समझाकर वापस कर रहे थे।

    यूनिवर्सिटी मॉडल स्कूल से की थी पढ़ाई

    आदित्य के आवास पर पहुंचे दोस्तों ने बताया कि वह 12वीं तक यूनिवर्सिटी माडल स्कूल में पढ़े थे। इसके बाद बीटेक करने नोएडा चले गए। बीटेक पूरी होने के बाद से ही निजी कंपनी में नौकरी कर रहे थे। लगातार उनकी बातचीत होती थी। वह बहुत हंसमुख स्वभाव के थे।