GRP सिपाहियों को दबंगों ने पीटा, थाने में बैठाकर पुलिस ने वसूले 20 हजार; स्लीपर कोच में सफर करने को लेकर हुआ था विवाद
कर्नाटक एक्सप्रेस में ग्वालियर के एक दबंग व्यापारी ने टिकट विवाद के बाद जीआरपी के दो सिपाहियों को पीटा और उनसे 20 हजार रुपये वसूले। मथुरा में शुरू हुए विवाद के बाद सिपाहियों को ग्वालियर में ट्रेन से खींचकर थाने ले जाया गया जहां उन्हें 11 घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया। आगरा से इंस्पेक्टर के पहुंचने पर उन्हें छुड़ाया गया और आरोपी व्यापारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

जागरण संवाददाता, आगरा। कर्नाटक एक्सप्रेस में ग्वालियर के दबंग कपड़ा व्यापारी ने बुधवार रात टिकट को लेकर हुए विवाद के बाद गुंडई दिखाई। मथुरा से निकलते ही हुए विवाद के बाद सचल दस्ते में तैनात जीआरपी आगरा कैंट के दो सिपाहियों को ग्वालियर पहुंचने पर ट्रेन से खींच लिया। अपने साथियों को बुलाकर दोनों को स्टेशन से पीटते हुए जीआरपी थाने तक ले गए।
वहां मिले पुलिसकर्मियों ने भी उन्हीं का साथ देते हुए जीआरपी के दोनों सिपाहियों को कार्यालय में बैठा लिया। जेल भेजने की धमकी देकर उनसे 20 हजार रुपये वसूल लिए। इसके बाद भी 11 घंटे तक थाने में बैठाए रखा। आगरा से जीआरपी कैंट थाने के इंस्पेक्टर के पहुंचने के बाद दोनों सिपाहियों को थाने से छोड़ा।
कर्नाटक एक्सप्रेस में नई दिल्ली से झांसी तक जीआरपी आगरा का सचल दस्ता चलता है। बुधवार को सचल दस्ता में सिपाही अजय कुमार, गौरव और मोहित कुमार की ड्यूटी थी। मथुरा रेलवे स्टेशन आने से पहले ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर (टीटीई) सुरजन सिंह द्वारा स्लीपर कोच में जांच शुरू की गई।
जांच में ग्वालियर के कपड़ा कारोबारी प्रदीप भदौरिया के पास साधारण श्रेणी का टिकट मिला। इस पर सुरजन सिंह ने बेटिकट मानते हुए 400 रुपये का जुर्माना लगा दिया। मथुरा में स्लीपर कोच से उतर साधारण श्रेणी के कोच में सफर करने को कहा। यह सुनते ही प्रदीप ने नाराजगी जताई।
जुर्माना भरने से इन्कार कर दिया। इस बीच रात साढ़े 10 बजे ट्रेन मथुरा पहुंच गई। सुरजन और प्रदीप के मध्य विवाद होने लगा। सुरजन ने सचल दस्ते के सिपाही अजय और गौरव को फोन कर बुला लिया। प्रदीप जीआरपी सिपाहियों से भी भिड़ गया। दोनों पक्षों में गाली गलौज भी हुई।
सिपाहियों ने कंट्रोल रूम में शिकायत दर्ज कराई। इस बीच ट्रेन रात 11.50 बजे आगरा कैंट पहुंच गई। यहां ट्रेन पांच मिनट तक रुकी। इसी बीच में प्रदीप को उतारा नहीं जा सका। जैसे ही ट्रेन ग्वालियर के लिए रवाना हुई। प्रदीप ने फोन कर पांच से सात लोगों को स्टेशन पर ही बुला लिया।
रात 12.55 बजे ट्रेन जैसे ही ग्वालियर स्टेशन पहुंची। प्लेटफार्म में धीमी गति से चल रही ट्रेन में स्वजन घुस गए। सिपाही अजय और गौरव को प्लेटफार्म पर खींचकर गिरा लिया। इसके बाद दोनों सिपाहियों की जमकर पिटाई की। कई यात्री बचाने आए तो उन्हें दूर रहने के लिए कहा। सिपाहियों को पीटते हुए प्रदीप व उनके स्वजन ग्वालियर जीआरपी थाना लेकर पहुंचे।
ड्यूटी पर प्रधान सिपाही दिनेश शर्मा और अमित शर्मा मिले। थाने में प्रदीप ने अजय और गौरव की फिर से पिटाई की। वर्दी उतरवाने तक की धमकी दी। हद तो तब हो गई जब दोनों प्रधान सिपाहियों दिनेश और अमित ने उच्च अधिकारियों को घटना की जानकारी नहीं दी।
दोनों सिपाहियों ने प्रदीप का साथ दिया। समझौते के नाम पर सचल दस्ता के सिपाहियों से 25 हजार रुपये मांगे गए। रुपये न देने पर जेल भेजने की धमकी दी गई। यहां तक दोनों सिपाहियों के फोन भी छीन लिए गए। दोनों सिपाहियों ने किसी तरीके से 20 हजार रुपये प्रधान सिपाहियों को दिए।
देर रात सिपाही मोहित कुमार ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी आगरा कैंट के इंस्पेक्टर विकास सक्सेना को दी। गुरुवार सुबह 11 बजे विकास सक्सेना ग्वालियर पहुंचे। 11 घंटे से बंधक दोनों सिपाहियों को छुड़वाया गया।
इंस्पेक्टर ने बताया कि दोनों सिपाहियों को डरा धमका कर 20 हजार रुपये वसूले गए हैं। स्टेशन से लेकर थाने तक प्रदीप और उसके स्वजन ने दोनों सिपाहियों की पिटाई की है। उच्च अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। प्रदीप के खिलाफ आगरा और ग्वालियर में मुकदमा दर्ज कराया गया है। ग्वालियर में मुकदमे में पांच स्वजन भी शामिल हैं।
जीआरपी कैंट इंस्पेक्टर विकास ने बताया कि ग्वालियर इंस्पेक्टर बबीता कठेरिया को आठ फोन किए गए। एक बार भी फोर नहीं उठा। न ही फोन आया। इसकी जानकारी जीआरपी के उच्च अधिकारियों को दी गई है।
एसपी रेलवे, आगरा अभिषेक वर्मा ने बताया कि एसपी रेलवे झांसी राहुल कुमार को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है। सिपाहियों के साथ जो व्यवहार किया गया। रुपये मांगे गए, जिससे विभाग की छवि धूमिल हुई है। मामले की जांच कर कार्रवाई के लिए एसपी रेलवे झांसी को पत्र भेजा गया है।
न दिया खाना और न ही पानी
पीड़ित सिपाही अजय और गौरव ने बताया कि दिनेश शर्मा और अमित शर्मा ने मानसिक रूप से परेशान किया। जेल भेजने की धमकी दी। 11 घंटे तक थाना परिसर में बैठाकर रखागया। न तो खाना दिया गया और न ही पानी। यहां तक पेशाब लगने पर चुपचाप बैठे रहने की धमकी दी गई। थाना परिसर में प्रदीप भदौरिया सहित अन्य लोग घूमते रहे।
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