ग्रेटर आगरा योजना में देरी: भूमि अधिग्रहण में फंसा पेंच, 70 प्रतिशत किसानों को मुआवजा पर ADA को नहीं मिला कब्जा
Agra News आगरा विकास प्राधिकरण की ग्रेटर आगरा योजना भूमि पर कब्जा न मिलने से रुकी हुई है। एडीए ने 70% मुआवजा दिया पर कब्जा नहीं मिला। प्रशासन को पत्र भेजे गए हैं। किसानों को मुआवजा वितरण में विसंगति के कारण उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। ग्रेटर आगरा को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाना है।

जागरण संवाददाता, आगरा। रायपुर व रहनकलां में भूमि पर कब्जा नहीं मिल पाने से एडीए की ग्रेटर आगरा योजना को पंख नहीं लग पा रहे हैं। एडीए द्वारा विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी (एसएलओ) के कार्यालय के माध्यम से 70 प्रतिशत मुआवजा वितरित कराने के बाद यह स्थिति है।
प्रशासन को भूमि पर कब्जा दिलाने के लिए कई बार पत्र एडीए ने भेजे हैं। एक बार फिर 17 सितंबर काे भूमि पर कब्जा दिलाने की कार्रवाई में सहयोग के लिए पत्र भेजा गया है। ग्रेटर आगरा को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर विकसित किया जाएगा।
रायपुर व रहनकलां में विकसित किया जाना है ग्रेटर आगरा
एडीए ने इनर रिंग रोड व लैंड पार्सल के लिए वर्ष 2009-10 में रायपुर, रहनकलां, एत्मादपुर मदरा आदि गांवों में भूमि अधिगृहीत की थी। किसानों को मुआवजे का वितरण किए बगैर वर्ष 2014 में राजस्व अभिलेखों में एडीए के नाम यहां की भूमि चढ़ा दी गई थी। मुआवजे के लिए किसानों ने एक दशक तक आंदोलन किया। जनवरी में प्रयागराज में हुई कैबिनेट मीटिंग में किसानों को बढ़ी हुई दर से मुआवजा वितरित करने को अनुग्रह धनराशि दिए जाने का निर्णय लिया गया था।
भूमि पर कब्जा नहीं मिलने से शुरू नहीं हो पा रहे कोई काम
किसानों को बांंटी जाने वाली मुआवजे की धनराशि पहले से एसएलओ के यहां जमा थी। एडीए ने उसके साथ वितरित की जाने वाली अनुग्रह धनराशि के 203.46 करोड़ रुपये की अनुग्रह धनराशि एसएलओ के यहां जमा करा दी थी। एडीए ने अपने संसाधनों से यह धनराशि जुटाई थी।
एडीए उपाध्यक्ष एम. अरून्माेली ने बताया कि रायपुर व रहनकलां की भूमि पर कब्जा नहीं मिल सका है। जिला प्रशासन को भूमि पर कब्जा दिलाने के लिए पत्र भेजा गया है।
हाईलाइटर
- 442 हेक्टेयर रायपुर व रहनकलां की भूमि का देना है मुआवजा
- 481.9 करोड़ रुपये मुआवजा राशि का किया जाना है वितरण
- 278.5 करोड़ रुपये है मुआवजा राशि
- 203.4 करोड़ रुपये अनुग्रह धनराशि
किसान गए हैं हाई कोर्ट
भूमि अधिग्रहण में मुआवजे की दरों का आकलन सड़कों की चौड़ाई के आधार पर किया जाता है। रायपुर व रहनकलां के कई किसानों ने मुआवजे की दरों में विसंगति का हवाला देकर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। किसानों ने करीब 88 करोड़ रुपये मुआवजा कम दिए जाने के तथ्य वाद में रखे हैं।
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