Agra News: दुष्कर्म का फर्जी मुकदमा दर्ज कराकर वसूले पांच लाख रुपये, युवती और तीन अधिवक्ता गिरफ्तार
Agra News आगरा की युवती ने हरीपर्वत थाने में 26 अप्रैल को दर्ज कराया था मुकदमा। पुलिस जांच में मामला फर्जी पाया गया। आरोपितों से पौने चार लाख रुपये बरामद हुए। लिस ने चारों आरोपितों को अदालत में प्रस्तुत किया वहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा में एत्मादपुर के रहने वाले युवक पर ट्रांसपोर्ट नगर के एक होटल में युवती को कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिला बेहोश कर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया गया। पीड़िता और आरोपित के अधिवक्ता आपस में मिल गए।
उन्होंने आरोपित युवक से पांच लाख रुपये वसूल लिए। बंटवारे के रुपये लेकर छीपीटोला स्टेट बैंक जमा कराने गई युवती और तीनों अधिवक्ताओं को मंगलवार को पुलिस ने वहां से गिरफ्तार कर लिया। उनसे पौने चार लाख रुपये बरामद किए हैं। पुलिस का दावा है कि मुकदमा फर्जी है, साजिश के तहत रकम वसूलने को लिखाा गया था। जिसमें एक महिला अधिवक्ता भी शामिल है।
जन्मदिन की पार्टी के बहाने ले गया था होटल
एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि खंदौली थाना क्षेत्र निवासी अंजली ने 24 जून को एसएसपी कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया था। युवती ने आरोप लगाया कि राहुल निवासी छलेसर एत्मादपुर से उसकी पहचान थी। वह 26 अप्रैल को अपने जन्मदिन की पार्टी के बहाने उसे ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एक होटल में लेकर गया।
वहां उसे नशा मिली कोल्ड ड्रिंक पिला बेहोश कर दिया। उससे दुष्कर्म कर अश्लील वीडियो बना ली। जिसे वायरल करने की धमकी देकर उसे चुप रहने की कहा। अपने साथ हुए दुष्कर्म की शिकायत आरोपित राहुल के स्वजन से की। उन्होंने भी उसे जान से मारने की धमकी दी।
युवती ने दी थी तहरीर
युवती की तहरीर पर राहुल व अन्य अज्ञात के खिलाफ दुष्कर्म, जहरखुरानी, गाली-गलौज एवं जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया गया। सीओ हरीपर्वत सत्य नारायण के नेतृत्व में इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने छानबीन शुरू की। युवती ने भी अपने बयान में दर्ज कराए गए मुकदमे की समर्थन किया। मगर, पीड़िता ने अदालत में दिए अपने बयान का समर्थन नहीं किया।
पीड़िता के आरोपों से मुकरने पर हुआ था शक
एसपी सिटी के अनुसार पीड़िता के आरोपों से मुकरने पर पुलिस को शक हुआ। उसने छानबीन की तो पता चला कि मुकदमा साजिश के तहत वसूली के लिए लिखाया गया था। जिसमें वादी और आरोपित दोनों के अधिवक्ता भी आपस में मिल गए थे। युवती के अधिवक्ता जितेंद्र राजपूत ने आरोपित पक्ष के अधिवक्ता अवनीश वैश्य को अपनी ओर मिला लिया था। युवती और दोनाें पक्ष के अधिवक्ताओं ने राहुल को डराया कि वह जेल चला जाएगा। उसकी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। यह सारी जानकारी सामने आने पर पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने शुरू किए।
सर्विलांस की ली मदद और जुटाए साक्ष्य
पुलिस ने सर्विलांस टीम की मदद लेकर आरोपितों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य जुटाए। इस दाैरान कई अन्य जानकारी भी मिलीं। आरोपितों के अधिवक्ता होने पर पुलिस उनके खिलाफ साक्ष्यों के साथ सामने आई। जिससे कि अवैध वसूली के लिए भविष्य में कोई इस तरह की साजिश न रच सके।
पुस्तकालय में हुई थी मुलाकात
विवेचना के दौरान पुलिस को पता चला कि युवती की युवक से मुलाकात भगवान टाकीज के पास एक पुस्तकालय में हुई थी। दोनाें वहां आते थे। युवक की उम्र 20 वर्ष है, युवती उससे आठ वर्ष बड़ी है। दोनों प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। युवती बहाने से राहुल को ट्रांसपोर्ट नगर के एक होटल में लेकर गई थी। मुकदमा दर्ज कराने का उसका उद्देश्य साफ था।
अपने साथ हुई घटना की शिकायत लेकर वह थाने नहीं गई, सीधे एसएसपी कार्यालय जन सुनवाई में पहुंची थी। मामला महिला अपराध से जुड़ा होने के चलते तत्काल मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसके बाद से आरोपित राहुल दहशत में आ गया था।
ये हुए गिरफ्तार
-अंजली निवासी खंदौली थाना क्षेत्र
- अधिवक्ता जितेंद्र राजपूत निवासी लकावली ताजगंज
-अधिवक्ता निशांत कुमार निवासी पचकुईंयां लोहामंडी
-अधिवक्ता शेखर प्रताप सिंह निवासी दुर्गा नगर, उखर्रा सदर
इन्हें दिखाया वांछित
इंस्पेक्टर हरीपर्वत अरविंद कुमार ने बताया कि अधिवक्ता अवनीश वैश्य, अधिवक्ता ममता सोनी को भी वांछित दिखाया है।मुकदमा दर्ज कराने के बदले अधिवक्ता ने युवती से एक लाख रुपये फीस ली थी। जिसमें पांच लाख रुपये वसूली के बाद दो लाख रुपये युवती को दे दिए। बाकी दो लाख रुपये अन्य चारों अधिवक्ताओं के हिस्से में आए थे।
पहले भी जेल गए हैं ऐसे गिरोह
दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा वसूली करने की यह पहली घटना नहीं है। पूर्व में ऐसे गिरोहों के खिलाफ कार्यवाही हो चुकी है। जगदीशपुरा थाने से एक महिला समेत तीन आरोपितों काे पुलिस ने जेल भेजा था। महिला ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने को जगदीशपुरा क्षेत्र में किराए पर मकान लिया था। इसके अलावा एत्मादपुर और खंदौली थाने में वर्ष 2017 में दुष्कर्म के कई मुकदमे फर्जी दर्ज कराए गए थे। पुलिस ने उस समय ऐसे गैंग को चिन्हित किया था।