Gayatri Pariwar: गायत्री परिवार के मुखिया आचार्य पंडित श्रीराम शर्मा का जन्मदिन आज, आंवलखेड़ा से ये रहा उनका खास नाता
Gayatri Pariwar युग ऋषि आचार्य पंडित श्रीराम शर्मा का जन्मदिन आज। उनकी जन्मस्थली आंवलखेड़ा में गायत्री शक्तिपीठ है। वर्ष 1982 में इसकी स्थापना की गई थी। यहां बने पुस्तकालय में आचार्य की लिखी 3200 पुस्तक में से 1200 मौजूद हैं।
आगरा, मुकेश कुशवाहा। गायत्री परिवार के मुखिया आचार्य पंडित श्रीराम शर्मा का जन्मदिन आज यानि 20 सितंबर को है। उनका जन्म आगरा के पास आंवलखेड़ा में हुआ था। हालांकि आचार्य श्रीराम शर्मा, अपना जन्मदिवस वसंत पंचमी के दिन मनाते थे तो गायत्री परिवार में भी वही परंपरा चली आ रही है।
आचार्य पंडित रूपकिशोर शर्मा व माता दानकुंवरि के घर आगरा के पास आंवलखेड़ा में पंडित श्रीराम शर्मा का जन्म आश्विन कृष्ण त्रयोदशी 20 सितंबर 1911 को हुआ था। उन्होंने आंवलखेड़ा को अलग पहचान दी। आंवलखेड़ा में स्वास्थय, शिक्षा, खेल, की सुविधा अपनी जमीन दान देकर दी। हालांकि आचार्य पंडित श्रीराम शर्मा अपना जन्मदिवस वसंत पंचमी को मनाते रहे, क्योंकि उनके गुरुदेव हिमालयवासी दादागुरु स्वामी सर्वेश्वरानन्द जी महाराज ने इसी दिन उन्हें प्रथम दर्शन दिया था तब से गायत्री परिवार का प्रमुख त्योहार भी वसंत पंचमी को ही मनाया जाने लगा।
गायत्री शक्तिपीठ के व्यबस्थापक घनश्याम देवांगन ने बताया गुरुदेव का आध्यात्मिक जन्मदिन वसंत पंचमी को मनाया जाता है। आज के दिन मंदिर में विशेष आयोजन नहीं किया जाता। पूजा पाठ प्रतिदिन की भांति जारी रहता है।
गायत्री शक्तिपीठ है यहां
खंदौली ब्लाक के गांव आंवलखेड़ा के पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य महज 15 वर्ष की उम्र में धूमकेतू की तरह उभरने लगे। अगले 24 साल में मथुरा से हरिद्वार होते हुए उनकी प्रतिभा को पूरे देश ने देखा। आंवलखेड़ा गांव में प्रवेश करते ही सड़क किनारे गायत्री शक्तिपीठ है।
वर्ष 1982 में इसकी स्थापना की गई थी। तब तक श्रीराम शर्मा की प्रसिद्धि देश भर में फैल चुकी थी। शक्तिपीठ के दरवाजे के पार पुरसुकून फैला है। बायीं तरफ एक पुस्तकालय है। इसमें आचार्य की लिखी 3200 पुस्तक में से 1200 मौजूद हैं। ठीक सामने मां गायत्री का विशाल मंदिर है। इसके बराबर शिव मंदिर का निर्माण हो रहा है। दायीं ओर शक्तिपीठ का प्रशासनिक भवन है।
आंवलखेड़ा को दी आचार्य ने दीं ये सुविधाएं
1. दानकुंवरि इंटर कालेज।
2. माता भगवती देवी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र।
3. जीजीआईसी कालेज।
4. माता भगवती देवी राजकीय महिला महाविद्यालय।
5. निशुल्क भोजनालय। जहां प्रतिदिन भारत वर्ष के कोने−कोने से आने वाले भक्तों के साथ ग्रामीण भी भोजन करते हैं।
6. अश्वमेघ यज्ञ, 1995 में हुआ था, तब देशभर से लोग पहुंचे थे।