आगरा में ये है गणेशोत्सव का शुभ मुहूर्त: आज चंद्र दर्शन न करें, लग सकता है कलंक... इन पंडालों में विराजे बप्पा
आगरा में गणेश चतुर्थी का त्योहार उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है। शहर में 10 दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत हो चुकी है। घरों और पंडालों में गणपति बप्पा की प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं। इस बार इको-फ्रेंडली मूर्तियों की मांग ज्यादा है। लोग पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। पंडालों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी चल रही है। गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन निषेध है।
जागरण संवाददाता, आगरा। गणेश चतुर्थी को लेकर शहर में उत्साह है। आज शुरू हुए 10 दिवसीय उत्सव में सभी भक्ति में सराबोर हैं। शहर के हर कोने में लोग बप्पा के आने की खुशी में उत्साहित हैं। भक्त गणपति बप्पा को घर लाने के लिए उत्साहित दिखे, जैसे कोई अपना सबसे प्यारा मेहमान आने वाला हो, उसी तरह सभी तैयारी की।
बुधवार को घरों और 1500 से अधिक पंडालों में गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापना किए जाएंगे। मंगलवार को बाजार में ईकोफ्रेंडली प्रतिमा की मांग रही। शहर में 21 फीट की सबसे ऊंची प्रतिमा कमला नगर में स्थापित की गई। प्रतिमा मंगलवार देर शाम नामनेर से फतेहाबाद रोड होते हुए कमला नगर पहुंची।
बाजार में ईकोफ्रेंडली प्रतिमा रही मांग, लोगों ने पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
लोगों के बप्पा को घर लाने का इंतजार बड़ी समाप्त हो चुकी है। मंगलवार सुबह से शाम तक बाजारों में भीड़ लगी रही। लोग रंग-बिरंगी प्रतिमा चुनते रहे, दुकानदारों से मोल-भाव करते नजर आए और खुशी-खुशी बप्पा को घर ले गए। इस बार तो खासकर मिट्टी वाली और पर्यावरण के अनुकूल प्रतिमा सबकी पहली पसंद रही।
लोगों का मानना है बप्पा को घर लाकर प्रसन्न करेंगे, लेकिन साथ में प्रकृति को भी नुकसान न पहुंचे। बाजार में खरीदारी करने पहुंच रहे लोग बताते हैं प्लास्टर आफ पेरिस वाली प्रतिमा ली थी तो विसर्जन में पर्यावरण को चोट पहुंची थी। इस बार मिट्टी वाली ईकोफ्रेंडली प्रतिमा ले रहे हैं जिससे विसर्जन के बाद पानी साफ रहे।
घरों में हुई मनमोहक सजावट, पंडाल में उत्साह का माहौल:
हर कोई बप्पा के स्वागत में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता। बप्पा का स्वागत धूमधाम से करने की तैयारी है। पंडालों में भी उत्साह का माहौल है। वहां पर लोग सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए रिहर्सल भी चल रहे हैं।
क्रेन से आई 21 फीट प्रतिमा
कमला नगर स्थित छोटे गुरुद्वारे के पास गणेश चौक पर कमला नगर-बल्केश्वर के राजा 18वां गणेश महोत्सव भव्य रूप से आयोजित हो रहा है। पोला भाई ग्रुप की ओर से आयोजित इस उत्सव में 21 फीट ऊंची और 6700 किलो वजन की बप्पा की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र रहेगी।
मंगलवार शाम क्रेन से नामनेर से प्रतिमा को लाया गया। वहीं, नौलक्खा क्षेत्र स्थित तांगा स्टैंड पर 14वां गणेश उत्सव के आयोजन की तैयारी पूरी है। आयोजन पदाधिकारी दिग्विजय नाथ तिवारी ने बताया ईकोफ्रेंडली 20 फीट मूर्ति स्थापित की गई है।
गणेश चतुर्थी का ये है शुभ मुहूर्त
पंडित चंद्रेश कौशिक ने बताया भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। श्री गणेश जी का जन्म मध्यान्ह के समय हुआ था, इसलिए यह पूजा मध्यान्ह में ही की जाती है।
पूजन करने के लिए ध्यान रखने योग्य बातें: स्थापना मुहूर्त : बुधवार, गणेश पूजा मुहूर्त सुबह 11:02 बजे से दोपहर 13:36 बजे तक गणेश विसर्जन : शनिवार, 6 सितंबर को
गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन वर्जित
गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन न करें, नहीं वरना कलंक मिल सकता है। इस पर्व पर चंद्र दर्शन करने से मिथ्या दोष लगता है। भगवान कृष्ण पर स्यमन्तक नामक बहुमूल्य मणि की चोरी का कलंक इस चंद्र दर्शन के कारण ही लगा था।
वास्तु शास्त्र और गणेश प्रतिमा
गणेश जी की स्थापना में वास्तु का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इनकी मूर्ति को पूर्व उत्तर दिशा में बैठना शुभ होता है। भूलकर भी दक्षिण पश्चिम कोण पर इनकी स्थापना न करें। भगवान गणेश जी की मूर्ति का मुख दरवाजे की तरफ नहीं होना चाहिए। क्योंकि गणेश जी मुख की तरफ समृद्धि, सुख और सौभाग्य होता है। जबकि पीठ वाले हिस्से पर दुख और दरिद्रता का वास होता है।
इस मंत्र का जाप करें
सिंहः प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हतः। सुकुमारक मारोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः॥
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